आह श्रीनिवासन या वाह श्री निवासन !
नाम एक जैसा और काम उल्टा , जी हाँ अमेरिका मैं वंहा की सीनेट ने श्री कान्त श्री निवासन को वॉशिंग्टन की अपीलीय अदालत का जज नियुक्त किए जाने को मंजूरी दे दी हैं , वंही क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष श्रीनिवासन की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा हैं , एक ने भारत मे जन्म लेने के बाद सुदूर विदेश मे इज्ज़त कमाया और शोहरत पायी , दूसरे ने अपने ही देश मैं अपने कर्तव्यो से मुंह मोड़ा और देश की बदनामी करा दी |
श्री कान्त श्री निवासन का जन्म चंडीगड़ मैं हुआ था ,उनके माता - पिता अमेरिका मैं जा बसे थे , वंही इनकी शिक्षा - दीक्षा हुई | कानून की पढाई के उपरांत उन्होने कुछ दिन एक ला फ़र्म मैं काम किया |बाद में वे फेडरल सर्विसेस मैं आ गए | वे फिलहाल संघीय प्रशासन मे उप सोलिसीटर जनरल के रूप मैं कार्यरत हैं | वे तीस लाख भारत वंशियो के लिए अभिमान का कारण हैं ,जो उन्हे एक दिन वंहा की फेडरल कोर्ट मैं देखना चाहती हैं , जो वंहा की सर्वोच अदालत हैं |
दूसरी ओर तमिलनाडु के धनाढय परिवार मे नारायणस्वामी श्री निवासन का जन्म 3 जनवरी 1945 को मे हुआ| जिनका व्यापार और उद्योगो मे काफी प्रभुत्व था , इनके पिता नारायणस्वामी ने इंडिया सीमेंट्स की स्थापना की | , श्रीनिवासन इस समय उसके वाइस प्रेसिडेंट और प्रबंध निदेसक हैं | | कृषि मंत्री शरद पवार के क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के प्रेसिडेंट पद से हटने के पश्चात श्रीनिवासन ने यह ज़िम्मेदारी सम्हाली थी | आई पी एल मैं वे गत वर्ष की विजेता विजेता टीम '''चेन्नई सुपर किंग ''' के मालिक हैं | यद्यपि उनके जामाता गुरुनाथ मायाप्पन कोई वैधानिक पद नहीं समहलते हैं न ही इंडिया सीमेंट्स अथवा आई पी अल मैं परंतु कहा यह जाता हैं की खेल के मैदान से लेकर बोर्ड रूम तक मे दखल रखते हैं | यही कारण हैं की आज गुरुनाथ को सभी शक की निगाह से देखते हैं | उनके ही कारण उनके ससुर आज इस परेशानी मैं फंसे हैं | बहुत मुमकिन हैं की जल्दी ही उन्हे बी सी सी ई की प्रेसिडेंट शिप को अलविदा कहना पड़े |
नाम एक जैसा और काम उल्टा , जी हाँ अमेरिका मैं वंहा की सीनेट ने श्री कान्त श्री निवासन को वॉशिंग्टन की अपीलीय अदालत का जज नियुक्त किए जाने को मंजूरी दे दी हैं , वंही क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष श्रीनिवासन की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा हैं , एक ने भारत मे जन्म लेने के बाद सुदूर विदेश मे इज्ज़त कमाया और शोहरत पायी , दूसरे ने अपने ही देश मैं अपने कर्तव्यो से मुंह मोड़ा और देश की बदनामी करा दी |
श्री कान्त श्री निवासन का जन्म चंडीगड़ मैं हुआ था ,उनके माता - पिता अमेरिका मैं जा बसे थे , वंही इनकी शिक्षा - दीक्षा हुई | कानून की पढाई के उपरांत उन्होने कुछ दिन एक ला फ़र्म मैं काम किया |बाद में वे फेडरल सर्विसेस मैं आ गए | वे फिलहाल संघीय प्रशासन मे उप सोलिसीटर जनरल के रूप मैं कार्यरत हैं | वे तीस लाख भारत वंशियो के लिए अभिमान का कारण हैं ,जो उन्हे एक दिन वंहा की फेडरल कोर्ट मैं देखना चाहती हैं , जो वंहा की सर्वोच अदालत हैं |
दूसरी ओर तमिलनाडु के धनाढय परिवार मे नारायणस्वामी श्री निवासन का जन्म 3 जनवरी 1945 को मे हुआ| जिनका व्यापार और उद्योगो मे काफी प्रभुत्व था , इनके पिता नारायणस्वामी ने इंडिया सीमेंट्स की स्थापना की | , श्रीनिवासन इस समय उसके वाइस प्रेसिडेंट और प्रबंध निदेसक हैं | | कृषि मंत्री शरद पवार के क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के प्रेसिडेंट पद से हटने के पश्चात श्रीनिवासन ने यह ज़िम्मेदारी सम्हाली थी | आई पी एल मैं वे गत वर्ष की विजेता विजेता टीम '''चेन्नई सुपर किंग ''' के मालिक हैं | यद्यपि उनके जामाता गुरुनाथ मायाप्पन कोई वैधानिक पद नहीं समहलते हैं न ही इंडिया सीमेंट्स अथवा आई पी अल मैं परंतु कहा यह जाता हैं की खेल के मैदान से लेकर बोर्ड रूम तक मे दखल रखते हैं | यही कारण हैं की आज गुरुनाथ को सभी शक की निगाह से देखते हैं | उनके ही कारण उनके ससुर आज इस परेशानी मैं फंसे हैं | बहुत मुमकिन हैं की जल्दी ही उन्हे बी सी सी ई की प्रेसिडेंट शिप को अलविदा कहना पड़े |