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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Aug 2, 2015

    शहादत को चुनौती देता बयान            
                हिन्दू आतंकवाद  पर काँग्रेस पार्टी के नेताओ के बयान पर  केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद  ने सीख  देते हुए टिप्पणी की “”” लगता है काँग्रेस को अभी भी  सबक नहीं समझ मे आया है “”” उनका इशारा  महात्मा गांधी –इन्दिरा गांधी और राजीव गांधी  की हत्या की ओर था |  सत्तारूद दल के सदस्य द्वारा  राष्ट्र पिता और दो भूतपूर्व  प्रधान मंत्रियो की  हत्या के बारे मे  यह कथन  क्या इशारा करता है ---उसे समझना पड़ेगा |  देश की आज़ादी के बाद महात्मा गांधी  अपने आलोचको के गुस्से और घृणा के शिकार हुए और अहिंसा  के पुजारी की आवाज  हिंसा के माध्यम से दबा दी गयी |  सारे देश ने उनकी हत्या पर रोष व्यक्त किया ---जबकि उनकी हत्या करने वाला  संघ से जुड़े संगठन का सदस्य था | जांच मे यह तथ्य सामने आने पर तत्कालीन उप प्रधान  मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल ने  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गतिविधियो पर  रोक लगाने का फैसला लिया था |  यह दस्तावेजी सत्य है | इसमे कहा –सुनी और  गलतबयानी का कोई स्थान नहीं है |
             बांग्ला देश  को स्वाधीनता  दिलाने वाली राष्ट्र नेत्री  इन्दिरा गांधी  जब पंजाब के आतंकवादी  भिंडरवाले  द्वरा  स्वर्ण  मंदिर पर कब्जा किए जाने और  पुलिस अधीक्षक  और अन्य लोगो की हत्या  किए जाने पर जब प्रदेश सरकार  मजबूर हो गयी तब  उन्होने ‘’शांति – व्यवस्था “” के लिए सैन्य  कारवाई का फैसला किया |  इस कारवाई मे भिंडरावाले और उनके साथियो को मार गिराया  तथा बड़े हथियारो  का जखीरा  बरामद किया | बरामद हुए हथियार  यह स्पष्ट कर दिया की इन आतंकवादियो को  पाकिस्तान से मदद मिल रही थी | इस विदेशी  षड्यंत्र  को उन्होने ही खतम किया | पाकिस्तानी हुक्मरान  बंगला देश की करारी  हार के बाद  बदला लेने के लिए सतत  प्रयासरत थे ---- आपरेशन  ब्लू स्टार  उसी का परिणाम था |  कुछ अतिवादी संगठन  इस कारवाई से नाराज़ थे –उन्होने सिखो के मन जहर घोला और इन्दिरा गांधी को सिखो  का दुश्मन करार दिया | परिणाम स्वरूप  उनके सिख अंगरक्षक ने ही गोली मार कर हत्या कर दी | जबकि उन्हे  खुफिया सूत्रो ने  सुरक्षा से  सिखो को हटाने की सलाह दी थी | परंतु उन्होने किसी भी  जाति- धर्म  के आधार पर   अंगरक्षक  चुनने की सलाह को राष्ट्रिय एकता के विरुद्ध मानते हुए अपने हत्यारो को  दुति पर रखा | क्या उनके बाद कोई भी प्रधान मंत्री इतना ‘’’’साहस’’’ दिखा पाएगा ?  स्पेशल  प्रोटेकसन ग्रुप  जो अब प्रधान मंत्री  की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी निभाता है ---उसमे नियुक्ति के लिए अब सेना के तीनों अंगो और सभी पुलिस बलो  से चुने जाते है | उसके पहले उनकी पारिवारिक प्रष्ट भूमि – शिक्षा संस्थान और बाद मे उनके क्रिया कलापों  की निगरानी के बाद ही उन्हे एस पी जी  मे नियुक्ति मिलती है |
                 तीसरे गांधी की भी हत्या  उनके द्वारा श्री लंका से लिट्टे  के  आतंक को खतम करने  के समझौते के विरुद्ध लिट्टे के तमिल कार्यकर्ता  नाराज़ थे | श्रीपेरंबदूर  मे राजीव गांधी को जिस प्रकार चुनाव सभा  मे बम से उड़ाया गया  वह भी आतंकवाद का ही घिनौना चेहरा था |
    आतंक वाद के इन घटनाओ मे एक मराठी था –एक सिख था और तीन तमिल थे ---- कोई भी -मुसलमान नहीं था |  केन्द्रीय मंत्री रवि शंकर  प्रसाद जी ने क्या कहना चाहा था –वह तो वे ही स्पष्ट करे की --- वे मुलायम सिंह की तरह  अपने अफसर अनुराग ठाकुर  को “”” सुधर जाने  की सलाह देते है “””  उस अंदाज़ मे  उन्होने काँग्रेस को  आतंक वाद  खासकर हिन्दू आतंकवाद  के मामले मे सतर्क  रहे |  इसे नितांत अवांछनीय  ही माना जाएगा की “”’सिर्फ स्वयं को ही सही और अंतिम “”” मान कर किसी भी  असहमति को इस प्रकार  निरूपित करना निंदनीय है |