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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

May 2, 2018


जब दुनिया मे मजदूर दिवस मनाया जा रहा था तब कर्नाटक मे धर्म-जाति- और समुदाय के उपासनस्थलों तथा "”मठो और उनके स्वामियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी काँग्रेस पर हमलावर हो रही थी --वनही राहुल गांधी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को राफेल विमान सौदे और नीरव मोदी प्रकरण पर बहस की चुनौती दी ! पलटकर मोदी जी ने कहा की "”””आप तो नामदार हम तो कामदार '” के जुमले से मसले को समेटा |


मोदी और शाह के भाषणो मे विकास का मुद्दा गायब था – हाँ असली हिन्दू और नकली हिन्दू तथा हत्या की राजनीति का आरोप था तो वनही उपल्भ्धि के खाने मे बैंको से गरीबो को क़र्ज़ का दावा था , गैर हाजिर था तो बस बेरोजगारी और शिक्षा स्वास्थ्य के मुद्दे !
मोदी जी तक़रीर का तो मुख्य मुद्दा राहुल गांधी और उनके भासन थे !! इन हालातो ने इस चुनाव को दो राष्ट्रीय नेताओ के बयानो और दावो तक सीमित कर दिया था ||
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मई दिवस को जब दुनिया मजदूर दिवस मना रही थी तब गुजरात मे नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी अपने -अपने मुद्दो को लेकर एक दूसरे पर हमलावर हो रहे थे | वंही राज्य के दूसरे भागो मे विभिन्न आरोप - प्रत्यारोप का बाज़ार गरम था | सर्वाधिक मीडिया मे चर्चित मुद्दा था राहुल गांधी की प्रधान मंत्री को चुनौती ,, की वे सदन मे उन्हे 15 मिनट बोलने का मौका दे तो वे राफेल जहाज का करार तथा नीरव मोदी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक से 8000 करोड़ का कर्ज़ लेकर विदेश भाग जाने के मुद्दे पर उन्हे निरुत्तर कर देंगे !! जवाब मे मोदी जी ने उनको कर्नाटक सरकार की उपलब्धियों पर बिना कागज की मदद से इतने समय तक बोलने की चुनौती थमा दी ! लगा दोनों किसी "”वाद विवाद प्रतियोगिता मे है "” !! इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा था असली और नकली हिन्दू का तथा हिन्दू धर्म को विभाजित करने का | लिंगायत समुदाय को अलपसंख्यक धार्मिक का दरज़ा देने का सिद्धारमाइया का फैसला ! जिसे राज्य सरकार ने केंद्र को मंजूर करने को भेज दिया है | अब जाति और सम्प्रदायो मे विभाजित आबादी मे , पहले लिंगायत समुदाय के एक्छ्त्र नेता पूर्व मुख्य मंत्री और बीजेपी का मुख्या मंत्री का चेहरा "”येदूरप्पा "” हुआ करते थे | परंतु प्रदेश सरकार के इस फैसले से उनका आधार वोट बैंक अब खिसक चुका है |इसी लिए बीजेपी नेता कांग्रेस्स को लोगो मे फूट डालने वाला बता रहे है |

मोदी जी की उदबोधनों मे खास -खास दो तीन ही मुद्दे थे , जिनको लेकर वे राज्य सरकार और काँग्रेस नेत्रत्व पर हमला किया | मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का दो स्थानो से चुनाव लड़ना --- मोदी जी कहा वे पराजय के दर से दो जगह से चुनाव लड़ रहे है | इस पर ट्वीट करके मुख्यमंत्री ने व्यंग किया मोदी जी आप भी तो बनारस और बड़ौदा से चुनाव लड़े थे ----क्या वह भी आपके पराजय के भाय का सूचक था? आप तो 56 इंच के सीने वाले हो जवाब समझ के देना !! दस बीजेपी कार्यकर्ताओ की हत्याओ को चुनावी मुद्दा बताया , की काँग्रेस "””विमत या विरोध '' करने वालो को बर्दाश्त नहीं करती !! सवाल यह है की प्रधान मंत्री केरल मे एक आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या पर वनहा की सरकार से सवाल जवाब करते है ,परंतु उत्तर प्रदेश मे बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर पर बलात्कार के मामले मे और जम्मू काश्मीर मे कठुआ मे नाबालिग बच्ची आसिफा से सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या के आरोपियों के विरुद्ध अदालत मे चार्ज शीट दाखिल करने मे रुकावट डालने वाले विधायकों और मंत्रियो के बारे मे प्रधान मंत्री "””मौन मोहन सिंह क्यो हो जाते है ?

चुनाव विधान सभा का और मुद्दे असली और नकली हिन्दू होने का --- अमित शाह ने सिद्धारमैया पर हिन्दुओ को विभाजित करने का आरोप लगाया – जवाब मे उन्होने अमित शाह को "”अहिन्दु " बताते हुए कहा की आप तो जैन हो "” | संविधान मे जैन मत को बौद्ध धर्म की भांति "””अलपसंख्यक धर्म का दर्जा प्रपट है | कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने प्रदेश के "”कडिगा सम्मान "” के लिए प्रदेश के लिए एक अलग झण्डा दिये जाने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा है | गौर तलब है की तामिलनाडु मे "”द्रविड़ "' अस्मिता की भावना ने ही वनहा से सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलो को बीसियों सालो से अपनी सीमा मे आने नहीं दिया है | वनहा "”रामास्वामी नायकर के 1930 के आंदोलन ने सामाजिक स्तर पर आर्य देवी - देवताओ और धरम तथा करमकांडो के खिलाफ लोगो को खड़ा कर दिया है | इसीलिए स्थानीय दलो के अलावा काँग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी का ही वनहा वजूद है | भारतीय जनता पार्टी आज तक वनहा कोई भी राजनीतिक सफलता नहीं प्रापत कर सकी !! यद्यपि वनहा भी वेदिक धर्म की वर्ण व्यवस्था ---ब्रामहन - वणिक है | परंतु शादी विवाह मे वे लोग "”मामा -भांजी के विवाह या ममेरी बहन से विवाह मान्य है | वनहा सनातन धर्मियों की भांति "””दाह संस्कार "” बहू संख्यक समुदाय द्वारा नहीं किया जाता ---वरन ईसाई और इस्लाम की भांति धरती मे गाड़ने की प्रथा है | कर्नाटक मे भी अधिकतर समुदाय ऐसी ही परंपरा को मानते है ! इसलिए जिस आर्य या वेदिक धर्म को लेकर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ "”” नारे लगाते है और जोशीले प्रवचन करते है --- दक्षिणी राज्यो मे उसका असर नहीं है !

उत्तर प्रदेश मे आदित्यनाथ का भगवा चोला राम या क्रष्ण की परंपरा का वाहक भले माना जाये ----पर आंध्र -तेलंगाना - कर्नाटक - केरल और तमिलनाडू मे वैसी मंजूरी नहीं है !! याद होना चाहिये की अविभाजित आंध्र मे काँग्रेस की लुटिया डुबाने वाले एनटी रामाराव ने भी तेलगु देशम पार्टी बना कर और "””तेलगु बिड्डा"” का नारा देकर वह क़द पाया -जैसा की वे फिल्मों मे निभाया करते थे | कर्नाटक मे भी "”कडिगा ध्वज "” भी वैसी ही अलग पहचान का द्योतक है | अब ऐसे मे संघ परिवार के 72 आनुशागिक संगठनो {{जिसमे भारतीय जनता पार्टी शामिल है }} की "””जय जय श्री राम की टेक "” उनकी मदद नहीं कर सकेगी |

वास्तव मे अमित शाह अँड कंपनी जिस "”हिन्दू धर्म की पतवार से चुनावी वैतरणी पार करना चाहते है -उसका यंहा चलना बहुत मुश्किल है | क्योंकि राम मंदिर की अपील हिन्दी हिंटरलैन्ड मे अंध भक्तो की फसल दे सकती है , परंतु मंजूनाथ और चामुंडा की धरती मे तो बिलकुल नहीं | इसीलिए स्थानीय आबादी मे विभिन्न मठ -मंदिरो का प्रभाव है | इसीलिए चाहे नरेंद्र मोदी जी हो अथवा राहुल गांधी हो या अमित शाह हो --- सभी भगवा धारियो के चरणों मे आशीर्वाद के लिए पड़े हुए है | बीजेपी नेताओ की कठिनाई यह है की राहुल गांधी को मस्जिद और गिरजाघर मे जाने की कठिनाई नहीं है | परंतु संघ और बीजेपी के नेताओ के लिए "””यह संभव ही नहीं "”” | इसी तकलीफ से झल्लाते हुए भाजपा नेता हेगड़े ने व्यंग किया की "””राहुल गांधी--- मंदिर मे जाकर दुशाला ओड़ते है ,और मस्जिद मे गोल टोपी पहन कर मुल्लों से गल्ब्न्हिया करते है अब वे श्रवण बेल गोला भी हो आए , गौर तलब है की श्रवण बेल गोला जैन धर्म के अनुयायियों के लिए तीर्थ समान है ----वनहा सैकड़ो फीट ऊंची मूर्ति है जो बिलकुल नग्न अवस्था मे है – | हेगड़े का मतलब था की वनहा भी नंगे हो कर राहुल जाये |
गौर की बात है की बीजेपी को मज़ाक मे लोग ''बनिया जैन पार्टी भी कहते है |अमित शाह भी श्वेतांबर जैन है , ऐसा सूत्रो का कहना है |


इस प्रकार के आरोप - प्रत्यारोप और चुनौतियों और व्यंग बाणो से कर्नाटक के लोगो क्या भला होगा मालूम नहीं |परंतु त्रिशकु विधान सभा का अनुमान तो धरातल पर उतरते नहीं लग रहा , बाकी सब तो ''' मतदाता नारायण '' के हाथ मे है !