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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jul 26, 2022

 

 किसके  एक्सप्रेस वे   मजबूत ?और किसके  धंस गए ?

 

          प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का उदघाटन किया – और सड़क  एक माह में ही धंस गयी ! 14000 करोड़ की इस योजना ने चित्रकूट से मेरठ को जोड़ा गया | परंतु मोदी जी के जलाल को सह नहीं पायी और प्रथवि में समा गयी ! वनही  बीएसपी की मायावती द्वरा  आगरा से नोईडा का यमुना एक्सप्रेस वे आज भी फर्राटे  से चल रहा हैं |  पूर्वञ्चल  एक्सप्रेस वे  जो समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव के समय बना   और जिसका पहला उदघाटन मुलायम सिंह ने किया था ,और जिसका दुबारा उदघाटन  प्रधान मंत्री मोदी जी ने किया -वह भी इतना मजबूत हैं की मोदी जी के विमान को सुल्तानपुर में इसी एक्सप्रेस वे पर लैंड  कराया गया था |  यह घटनाए यह सोचने पर मजबूर करती हैं की “”कुछ “” तो गड़बड़ हैं , की बीएसपी और समाजवादी शासन काल में निर्मित  राजमार्ग परियोजनाए  “”ठीक -ठाक “” हैं जबकि  भगवाधारी  योगी जी के राज में बनी पूर्वञ्चल एक्सप्रेस वे “”महिना भर भी ठीक से नहीं चल पाया ?  यह  योगी जी के राज काज के तौर -तरीके पर तो उंगली ही नहीं  शंका उठती है  की “” कमीशन का खेल निर्माण कार्यो को भरपूर तरीके से चल रहा हैं “”  तभी तो इतनी बड़ी घटना के बाद भी सदका का निर्माण करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कोई कड़ी कारवाई नहीं हुई ,क्यू ?

                                 वैसे योगी जी का  रेकार्ड रहा हैं की वे  निर्माण के बड़े ठेके अपनों को ही देते हैं ---- इसका उदाहरण  वाराणसी में  फ़्लाइ ओवर के निर्माण के समय भहरा के ज़मींदोज़  हो जाने को लोग अभी तक नहीं भूले हैं | जब इस दुर्घटना को लेकर मीडिया में सरकार से सवाल पूछे जाने लगे तब पता चला की  यू पी ब्रिज कार्पोरेशन  को अपने ठेकेदार का नाम और पता ही नहीं मालूम ? शंका हुई की जनता ने प्रदर्शन और विरोध किया , लोगो ने काम बंद करने की भी कोशिस की -परंतु यू पी की पुलिस और पी ए सी की लाठी ने जनता के विरोध और सरकार के भ्रस्ताचर को तोप दिया !

                     उत्तर प्रदेश सरकार  में इस बड़ी “”दुर्घटना “” को  दल के अंदर वन  अप मैनशिप  की लड़ाई से भी जोड़ा जा रहा हैं | क्यूंकी इस घटना को लेकर लोगबाग  मोदी जी के सड़क के उदघाटन की बात करते हैं , की देखो प्रधान मंत्री जी द्वरा फीता काटे जाने वाली परियोजना की हक़ीक़त क्या हैं !  लोग इस बात की चर्चा कम करते हैं की  इस राजमार्ग  के निर्माण की ज़िम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हैं | एवं वे ही सीधे तौर पर  जिम्मेदार भी हैं | यानहा यह भी बताना समीचीन होगा की   योगी जी ने इसी पूर्वञ्चल एक्सप्रेस वे के निर्माण में अखिलेश यादव की सरकार पर भ्रष्टाचार  के आरोप लगते हुए जांच भी शुरू करा दी थी |  परंतु उसी राजमार्ग पर मोदी जी के विमान को लैंड कराकर  -उन्होने अंजाने में ही सड़क की मजबूती  को सेर्टिफिकेट  भी दे दिया |  सोचो अगर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर विमान को लैंड कराते तब क्या होता ?

                            वैसे सड़क और पुलो के निर्माण के मामले में  बीजेपी सरकारो का रेकॉर्ड  खराब ही रहा हैं | उधर उतराखंड  में आल वेदर रोड  की परियोजना में जितनी घटिया निर्माण हुआ ,उसकी भी जांच  -जिम्मेदार को खोजने की कम और बचाने की ज्यादा हुई हैं |  दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा  बनवाए गए  फ़्लाइ ओवर  आज भी मजबूती से खड़े हैं | वनही  गुजरात में जी हाँ -प्रधान मंत्री के प्रदेश में  सूरत के पास  एक पुल उदघाटन के पहले ही भहरा कर गिर गया !  ऐसा ही कुछ  बिहार में भी हुआ  जनहा बीजेपी नितीश सरकार में  भागीदार है – वनहा भी पुल  उदघाटन के पहले ही गिर गया |

       मध्य प्रदेश में भी  राजधानी से  कुछ ही किलोमीटर  के फासले पर पर पुल को जोड़ने वाली सड़क बरसात में धंस गयी | जिससे की जबलपुर – होशंगाबाद का यातायात बंद हो गया | इस घटना पर  सरकार ने जिस सरकारी एजेंसी  की ज़िम्मेदारी थी उसके दो अफसरो को निलंबित कर दिया , जबकि इस एजेंसी के अध्याकाश स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ही हैं | काँग्रेस ने उनसे इस दुर्घटना की ज़िम्मेदारी लेने की मांग की हैं

 

                इस परिप्रेक्ष्य में अगर हम दिल्ली में मोदी जी के सपने के सेंट्रल विस्टा के निर्माण को देखेंगे तो शंका होती हैं की क्या देश  का मशहूर औद्युगिक घराना टाटा  भी कनही इस कलंक का भागी तो नहीं बन जाएगा | क्यूंकी  नयी संसद और नए प्रधान मंत्री आवास का निर्माण का ठेका  इसी संस्थान के पास हैं |