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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Dec 12, 2022

 

 हुजूर जन सुविधा के लिए टैक्स का पैसा राष्ट्र निर्माण है

 

        नागपुर शिर्डी  रेल लाइन के उदघाटन के समय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा  की “कुछ दल राजनीति में शार्ट कट अपना कर देश का भला नहीं कर रहे हैं “| जबकि देश आगामी 25 वर्षो के लिए विकास के लक्ष्य के लिए प्रयास रत हैं !  उन्होने विपक्षी दलो पर आरोप लगाया की देश की अर्थ व्यवस्था  को “बर्बाद “ करने के काम कर रही हैं !  गुजरात – हिमाचल विधान सभा और दिल्ली म्यूनिसपल  चुनावो के परिणामो के बाद मोदी जी का बयान उनकी पार्टी की शिमला और दिल्ली में करारी पराजय के बाद  उछवास  सा ही हैं | इसके पूर्व भी वे आप पार्टी के पंजाब चुनावो में  फ्री बिजली  पर आलोचना कर चुके हैं यह कह कर “रेवड़ी बाटने “ की राजनीति खतरनाक हैं |

                          इस संदर्भ में  सत्तारूद पार्टी  का  इतिहास तो  मात्र  मंदिर और मूर्तिया बनाने  का रहा हैं ,  जो किसी भी प्रकार  आम भारतीय के लिए लाभकारी नहीं हैं |  उपासना स्थल   का निर्माण अगर राष्ट्र की प्राथमिकता हैं तब अन्य धर्मो के भी उपासना स्थल का निर्माण करना चाहिए था –जो की नहीं किया गया | सिर्फ इसलिए की बीजेपी  को सिर्फ बहुसंखयक  समुदाय में ही अपना  वोट बैंक दिखाई देता हैं | हालांकि  हिमांचल प्रदेश या देव भूमि  में तो 90% आबादी हिन्दुओ की है , जो गुजरात  की हिन्दू आबादी से प्रतिशत के मान से कनही ज्यादा हैं !  इसका क्या अर्थ  हुआ , क्या हिन्दू  हृदय सम्राट  का जादू  देव भूमि में निरर्थरक  हो गया |

                                       राज्य की संपत्ति  को अदानी समूह को 99 साल की लीज  पर देकर रेल्वे स्टेशन – हवाई अड्डे  और बन्दरगाह  देकर उपक्रट करना  क्या भारत की जनता के लिए  लाभकारी हैं ?  मजे की बात यह हैं की बैंको  से  बिना किसी कोलाइटरल  या गिरवी के  अरबों रुपये का क़र्ज़ देने का कारण मोदी सरकार  सुप्रीम कोर्ट में भी नहीं बता पायी हैं |  एक लिफाफे  में गोपनीय ढंग से सूचना देकर  सरकार ने भारत की जनता को  देश के धन  के उपयोग या सदुपयोग  को जानने की राह बंद कर दी हैं |  नीचे कुछ उदाहरण हैं की किस प्रकार  मोदी सरकार  अंबानी और अदानी समूह को अनसिक्योरड कर्जे  बंकों और जीवन बीमा निगम द्वरा दिये गए हैं |

1-   थर्मल पावर  हाउस  को कोले की आपूर्ति  , सार्वजनिक उपक्रम कॉल इंडिया द्वरा की जाती हैं | जो देश के विभिन्न खदानों से  7000 रुपये प्रति  टन के से मिलती हैं | अदानी समूह की आस्ट्रेलिया  की खदानों के कोले को देश में खपाने के लिए उनके कोयले को खरीदने का निर्देश  भारत सरकार ने दिया | जिसकी कीमत 50,000 रुपये प्रति टन  होती है ! अब  सरकार का हुकुम और  4का घाटा उठा कर बिजली घरो को आपूर्ति की गयी |

2-    रिलायंस  समूह के छोटे भाई  अनिल अंबानी जिनकी रिलायंस  कैपिटल  लिमिटेड  पर 40,0000 करोड़ रुपये का क़र्ज़ था |   जिसका अडजेस्टमेंट 20,000 करोड़ में हुआ ! देखो कैसे क़र्ज़ की देनदारी  “आधी “ हो गयी !! किसी अन्य उद्योग अथवा सहकारी  उद्योग या किसानो के कर्ज़ो की कभी नहीं हुई !  अभी और हैं ---इस कर्ज़ का रिवाल्यूशेन  हुआ  तो देनदारी घाट कर 12,000 करोड़ हो गयाई !  जब समूह की परिसंपति  की बोली लगी तो 5231 करोड़ में  मुकेश अंबानी के समधी पीरमल समूह ने खरीद लिया !  हैं ना कमाल , यानि  घर की संपाती घर में ही रही |  यानि वास्तविक कर्ज़ का  12% ही वसूल हो पाया | और यह कर्ज़  था देश के विभिन्न बैंको का ----जिनमे  आकार दाताओ के पैसे जमा हैं |  और मोदी जी कहते हैं की शार्ट कट  की राजनीति  देश को बर्बाद कर देगी !

3-    रेल में  सीनियर नागरिकों को मिलने वाली छुट  को बंद कर के  रेल्वे ने 4 करोड़ बचाए ! वाह क्या राष्ट्र का निर्माण हो रहा हैं !  यानि 35000 करोड़  छोड़ दिये ----चार करोड़ बचा लिए !

4-   अयोध्या में मंदिर निर्माण  के समय सरकार की ओर से वादा किया गया था की  नगर में नागरिक सेवा  का विस्तार  किया जाएगा | परंतु अभी तक ना तो सीवर  अथवा पेयजल  अथवा सड़क आदि का कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ हैं |बरसात  में  हालत और बिगड़ने वाले हैं | निर्माण कार्य के लिए जिन स्थानो मंदिरो को हटाया गया था --- उनके पुंर्स्थापन  की कोई पहल ना तो मोदी सरकार ना ही योगी सरकार द्वराकिया गया हैं |