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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Mar 22, 2021

 

सोनार बांग्ला -वंशवाद -दीदी का धोखा जनता को ! चुनावी वादे कैसे पूरा हो


जो नेता 15 लाख सबको देने का वादा करके -मुकर गए --की यह तो चुनावी जुमला था ! जिस सरकार ने 30 लीटर पेट्रोल का वादा किया था वह बंगाल को सोनार बांग्ला बनाएगी ? जिस पार्टी के लोग 300 रुपये के गॅस सिलिन्डर पर 25 -30 रुपया बड़ जाने पर सांसद लोग सड़क पर आ जाते थे ---आज 800 का सिलेन्डर होने पर चुप हैं ? आज पेट्रोल 100 की दम पर अटका हैं ,कल ज्यदा भी हो जाएगा तो क्या होगा ? अपने को ईमानदार कहने वाले बीजेपी नेताओ के पास हिमाचल के पूर्व मुख्य मंत्री द्वरा अपनी किताब में देश के शिखर पर बैठे नेता पर अनियमितता का आरोप लगाया हैं , उसका कोई ज़िक्र बीजेपी नेता नहीं करते !

दादर नगरा हवेली के निर्दलीय सांसद मोहन डेलकर की 10 मार्च को मुंबई के होटल में आतंहत्या करने और ,ऐसा करने के लिए दादरा नगर हवेली के प्रशासक जो गुजरात के तत्कालीन ग्राहमन्त्री अमित शाह के उतराधिकारी बने प्रफुल्ल पटेल पर परेशान करने और धमकाने का आरोप लगाया है , अपने पत्र में ! पर कुछ नहीं सुनाई या दिखाई नहीं पड़ता !

कर्नाटक के मंत्री रमेश जर्खिहोली को सेक्स स्कैंडल में वीडियो क्लिप वाइरल होने पर इस्तीफा देना पड़ा | एक बीजेपी विधायक मे मुख्यमंत्री यदुरप्पा पर और उनके परिवार पर ट्रांसफर -पोस्टिंग में रिश्वत लेने का सरेआम आरोप लगाया | जिसके बाद बीजेपी विध्यकों ने यदुरप्पा के नेत्रत्व में आगामी चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया हैं !

इसके अलावा कोरोना महामारी के कानून भी वनहा नहीं "” चलते जनहा बीजेपी का प्रचार हो रहा हो , भले सोशल डिस्टेन्सिंग का खुला उल्लंघन हो रहा हों ----फिर भले वह मंच पर हो या जन समूह में | लगता हैं कोरोना एक पालतू है जो सरकार के हुकुम से चलता हैं !!!

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बंगाल विधान सभा चुनावो में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जारी किया गया , पार्टी का घोषणा पत्र 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के बहु प्रचारित कथन की याद दिलाता हैं | जिसमें मंहगाई - और भ्रस्टाचार को दूर करने के साथ सबको 15 लाख रुपया देने का भी वादा था ! पर दिन बीते महीने बीते और साल भी गुजर गए -----पर रुपये तो मिले नहीं ,उल्टे साहब की नोटबंदी ने गरीब और मध्यांवर्गीय परिवारों की रीड़ ही तोड़ दी | जब अमित शाह को को 15 लाख की याद दिलाई गयी -----तब उन्होने इसे चुनावी "”जुमला "” बताया ! जिसको बस कह दिया जाता हैं -----पर पूरा कभी नहीं किया जाता हैं ! तब सभी राज्यो में "”विकास "” का गुजरात माडल के बड़े -बड़े दावे मोदी जी द्वरा चुनावी सभाओ में किए जाते रहे | पर उसकी शकल किसी ने नहीं देखि -मतलब की उसका ड्राफ्ट क्या हैं ? नगरिया और ग्रामीण इलाको में सुधार कैसे होगा |

आज 6 साल बीत गए - ना तो 15 लाख लोगो के खाते में आए ---ना ही मंहगाई खतम हुई ----और पेट्रोल 45 रुपये से बड़कर 100 की दम तक पनहुच गया हैं | आम आदमी कोरोना के लाक डाउन से बेरोजगार हो चुका हैं | शिक्षित बेरोजगारी कई गुना बड़ गयी हैं | इंजीनियरिंग के संस्थान में छात्रों का टोटा हो गया हैं | मेडिकल की फीस भी अब माध्यम वर्ग की पनहुच से बाहर हो गयी हैं | बैंक शिक्षा के लिए लोन नहीं दे रहे हैं | सरकार द्वरा बंकों के निजीकरण के बाद ये क़र्ज़ भी मिलना बंद हो जाएँगे | भुखमरी --गरीबी के बीच न्याया की लड़ाई लड़ रहे लाखो किसान की शिकायत "””सत्ता "”” के कानो तक नहीं पहुँच रही हैं | वैसे सत्तारुड दल के "”भक्तो "” की माने तो इन आतंकवादियो का परिणाम चीन के तीयनमान स्क़्यर अथवा मिश्र के फ्रीडम मैदान में फौज के टैंक से कुचलवा देना चाहिये |


जितने वादे अमित शाह ने किए हैं ----उनको पूरा करने के लिए वित्तीय श्रोत के बारे में सफाई दी | "”” बनिया हूँ पाई -पाई का हिसाब दूंगा "” यह कथन वैसा ही हैं जैसे नरेंद्र मोदी ने गोवा में पार्टी अधिवेशन के बाद कहा था "”” आप मुझे 90 दिन दो अगर मैं अपने वादे पूरे नहीं कर सका तो चौराहे पर खड़ा करके सज़ा देना ! “” आज उस बात को सालो गुजर गए पर प्रधान मंत्री चौराहे पर कभी दिखे ही नही दिखे !!!!!


जो बीजेपी मामा बनर्जी पर वंशवाद का आरोप लगाती है -----उसके मुखी किरदार शुभेन्दु अधिकारी स्वयं मंत्री रहे -पिता त्राणमूल से सांसद रहे --भाई नगरिया निकाय के अध्याकच्छ रहे और दूसरे भाई एक सरकारी प्राधिकरण के मुखिया हैं | उनके मुक़ाबले ममता बनर्जी अविवाहित हैं -अकेले रहती हैं , रिश्ते के नाम पर उनकी मदद के लिए भतीजा हैं | जिसको कोयले की कालाबाजारी की जांच दौरान चुनाव प्रचार सीबीआई ने की ! कर्नाटक में चुनाव और सरकार बनने के दौरान काँग्रेस के शिवकुमार के सानस्थानो और घरो पर एंफोर्सेमेंट ने छापा डाला | अभी हाल में तमिलनाडू में भी चुनाव प्रचार हो रहा हैं वनहा भी राजनीति में नए नए आए अभिनेता कमल हासन के चुनावी दफ्तर पर छा पा मारा एंफोर्समेंट ने !!

आजतक कभी भी बीजेपी या उसके साझीदारों {सरकार में } के दलो पर ऐसी कोइ कारवाई नहीं हुई | चुनवी बॉन्ड हो या कोई भी धन एकत्रीकरण का अभियान सत्तारुड दल ---हमेशा तीन चौथाई का हिस्से दर हैं | अब यह बंगाल के मतदाता का भाग्य हैं की उसे किसकी सरकार मिलती हैं ---ममता की या फिर किसी नए चेहरे वाले की ?