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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

May 20, 2013

सर्वे का सच और सच्चाई ऑ

      कर्नाटक  के विधान सभा चुनावो मैं मतदान के दिन अखबारो मैं  पाँच टीवी  चैनलो  के  सर्वे  प्रसारित हुए थे | ये चैनल  थे  टाइम्स  नाउ और  ऐबी पी ,तथा हैड्लाइन्स टूड़े , सी एन एन आई बी एन एवं इंडिया टीवी | इन  भविष्य  वाणियो मैं कहा गया था की भारतीय जनता पार्टी को बहुमत  मिलेगा | और काँग्रेस को  चालीस से साथ सीट मिलने की बात कही गयी थी ,| परंतु 8 मई को घोषित हुए परिणामो ने  दो सर्वे अंदाज़ो  को सही साबित किया , वंही तीन बड़े चैनलो  के अनुमानो  को न केवल गलत सीध किया वरन ""विलोम '' परिणाम दिये | अर्थात हैड लाइंस ,, टाइम्स नाऊ और ऐबीपी चैनलो  के अनुसार भारतीय जनता पार्टी को 114 से लगाकर 132 सीट मिलने का अनुमान लगाया था , जो की उलट कर काँग्रेस को 122 और भा ज पा को चालीस सीट प्राप्त हुई | अब अगर अनुमान  का परिणाम इतना विपरीत हैं तब या तो  प्रशनावली  ठीक ढग से नहीं बनी अथवा ज़मीन के  परिणामो पर उलट फेर किया गया हैं | 

                                     यानहा इस मुद्दे को उठाने का तात्पर्य  इतना ही हैं की जब समाचार पत्रो की खबरों  से लोगो का विश्वास  उठने लगे  तब इस प्रकार के  अंदाजीया  गद्दों  से बात और बिगड़ती हैं ,बनती नहीं हैं |  एक ओर उन लोगो खुश कर दिया जाता हैं जिनके मन  मैं संदेह और  संशय  हो अपनी विजय के प्रति | परंतु वंही आम जनता के मन मैं ''थोड़ी देर ''' के लिए ही अनमना भाव उपजता हैं | जिसका कारण होता हैं की क्या मेरा मत सफल होगा या नहीं ? परंतु यह ऊहापोह  कुछ ही समय रहती हैं | मतदान के ठीक पूर्व वह  अपने निश्चय को फैसला बनाते हुए मतदान केंद्र पहुंचता हैं | तब उस पर इन सुर्वेक्षणों  का कोई प्रभाव नहीं होता | 

                 इस पूरी प्रक्रिया मैं अगर बदनाम होती हैं तो वह हैं पत्रकारिता , और लोगो के सामने जवाब देना पड़ता हैं  अखबार के उस ""कर्मचारी को जिसे दुनिया रिपोर्टर कहती हैं ''' क्योंकि कोई नहीं मानेगा की इस खेल मैं मालिक शामिल हैं , वह तो सिर्फ एक ''मोहरा'' भर हैं |