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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jan 2, 2024

 

युद्ध नहीं है गाज़ा  पर हमला यह नर संहार है

 सिंडलर लिस्ट से भी ज्यदा भयावह है – गाज़ा के अरबों की मौते !

      हिटलर के नाजी शासन में यहूदियो के लिए  बनाए गए  जेल खाने  और उनमे  यहूदियो को यंत्रणा  देने पर बनी”” सिंडलर लिस्ट “” फिल्म ने आज के समय के लोगो को झकझोर दिया था | वनहा की अमानवीय    व्यवहार  को  देखकर “”मानवता वादी “ मन हिल गया था | हिटलर और उसके कारनामे  मानव इतिहास में एक काले पन्ने  की तरह है |  सारे विश्व ने इन हरकतों को “” युद्ध अपराध “” माना और नुरेन्बेर्ग  ट्राइल  में उन सैनिक अफसरो को  भी मौत की सज़ा सुनाई गयी थी जो “”यंत्रणा शिविरो “” में   तैनात थे और जिनकी देखरेख में यह अमानवीय –गैर कानूनी अपराध किए गाये थे |  युद्ध समाप्त होने के बाद इज़राइल  सरकार ने भी ऐसे  अफसरो को खोजने के लिए एक विशेस  इकाइया का गठन किया था |  जिसके लोगो ने अर्जेन्टीना  से आईखमैन को अगवा कर के तेल अबिब  में मुकदमा चलाया था |  सबकुछ  इन यंत्रणा शिविरो में हुआ था –परंतु  उन यहूदियो  पर ना तो बम बरसाए गाये थे और ना ही गोलियो से छ्लनी किया गया था |   जैसा की  आज इज़राइल की नेत्न्यहु  सरकार  डजा पट्टी और वेस्ट बैंक ल्के लोगो पर हवाई आक्रमण करके  अस्पतालो और रिहाइशि इलाको  को बर्बाद कर रहे है |

    यूएनओ के स्वास्थ्य  संगठन के अनुसार  8 अक्तूबर से चलने वाले  इस एकतरफा   हमले मे अभी तक 20,000 { बीस हजार }  लोग मारे जा चुके है | इज़राइल  कहता है की वह “”आतंकवादी “ संगठन “” हमास “” के के वीरुध लड़ाई लड़ रहा है , परंतु क्या  7000 हज़ार बच्चे  और 20000 लोग हमास  के सदस्य  थे ?  क्या अस्पतालो में  इलाज करा रहे बच्चे और  व्रद्ध  महिलाए इस आतंकवादी संगठन की सदस्य थी ?   हिटलर ने यहूदियो के बच्चो की हत्या नहीं की थी | आदमी और औरतों को यंत्रणा शिविरो में रखा था = जैसा भी था उन्हे भूखा  नहीं  रखा जाता था |  उनकी हत्या नहीं की जाती थी | बीमारों को डाक्टर भी देखता था –जैसा भी व्यवहार  होता रहा हो परंतु  मेडिकल  सुविधा तो थी |

           आइये अब देखते है की हिटलर के सताये  यहूदियो  का गाज़ा और वेस्ट बैंक के  फिलिस्तीनी  लोगो के साथ व्यवहार |

 अबरमह्निक  धरम की शाखा  में यहूदी –ईसाई और  इस्लाम  तीनों ही आते है | कहने को  तो यहूदी ईसा को भी पैगंबर मानते है पर मसीहा नहीं मानते है |  इजराइयाल के कब्जे वाले  इलाके मे ही  यारूशलम  है जो तीनों धर्मो यहूदी – ईसाई और इस्लाम  के लिए पवित्र माना जाता है | इसी छेत्र में  येशुमसीह  का जनमस्थल   बेथलहम  आता है ----  ताज्जुब की बात है की 2023 में  येसुमसीह  का जन्म दिन यानि की 2 दिसम्बर  का पर्व नहीं मनय गया – क्यूंकी  इज़राइली बमबारी से  उस गिरजाघर  के आसपास सिर्फ और सिर्फ  बमबारी मे बर्बाद  मालवा ही मालव बिखरा था ! वनहा के पादरियों  ने क्रिष्मास का त्योहार नहीं मनाया ---और ईशा के शिशु रूप को उस मलवे में लिटा कर अपना दुख व्यक्त किया ! अब अपने को क्रिश्चियन कहने वाले राष्ट्र  अम्रीका और ब्रिटेन  तथा अन्य यूरोपीय देश  किस मुंह से इज़राइल की कारवाई का समर्थन कर रहे है !

        जिस तरह से  इज़राइल  के प्रधान मंत्री  नेत्न्यहु और उनके साथी  एक आतंकवादी संगठन  से लड़ते हुए  बेजुबान और बेगुनाह  फिलिस्तीनीयों  को बम बरसा कर  बेघर और बना रहे है और मौत की नींद सुला रहे है ---- वह तो हिटलर के यंत्रणा शिविरो से भी भयानक  है |    युद्ध रूस और यूक्रेन  मे हो रहा है ---- राष्ट्रपति  पुतिन ने अहंकार पूर्वक  यूक्रेन को एक हफ्ते में  घुटने के बल  बैठाने  का दंभ किया था ---आज दो साल हो गाये है और यूक्रेन लोक तंत्रवादियों  की मदद से अभी भी  उनके ठिकानो पर बम बरसा रहा है – उसको भी हमले सहना पड़ रहा है | यह “””युद्ध”” है , परंतु इज़राइल  । एक कूटनीतिक वाक्य है “”” नान स्टेट एकटर “”  जिसको हमारे पड़ोसी पाकिस्तान ने भारत पर आतंकवादी हमले  के लिए जिम्मेदार बताया ---जैसे की  बाम्बे में हुआ हमला <  भारत  को मालूम था की यह हमला पाकिस्तान की फौज की  एक शाखा  का किया धरा है ----परंतु अंतराष्ट्रीय  स्तर पर  भारत के पास ऐसे तकनीकी सबूत नहीं थे –जिससे वह यह साबित कर पता की इस हमले के पीछे पाकिस्तान सरकार का हाथ था |  हाँ जो पकड़ा गया  उस पर मुकदमा चला कर  सज़ा दी गयाई |

        अगर इज़राइल  अंतरास्त्रीय  कानूनों का सम्मान करता तो वह हमास  के जिम्मेदार को पकड़ कर  सज़ा देता | परंतु  , इजराइयाल  की खुफिया एजेंसी  “” मोसाद “  जिसके बहुत चरचे   होते थे --- उसके बहुत से अफसरो को नेत्न्यहु  सरकार की नीतियो से विरोध था | जैसे सुप्रीम कोर्ट को संसद के अधीन लाने का कानून | दूसरा  अधिकान्स  इजराइलवासि  सत्ता के “” फिलिस्तीनी  नफरत “”  की नीति से सहमत नहीं है | उनका मत है की जिस प्रकार हमारा येरूशलम पर अधिकार है उसी प्रकार ईसाइयो और इस्लाम वालो का भी है |  हालांकि ऐसी रॉय  बहुमत मे है , परंतु  थोड़े से लोगो की गला फाड़ आवाज़  ही टीवी पर दिखयी जाती है | जिस प्रकार भारत में  भी हिन्दू और मुसलमानो  के मध्य नफरत  भड़काई जा रही है ,बिलकुल उसी भांति | यानहा भी कुछ लोग बस जय श्री राम का नारा लगा कर  मुसलमानो को  डराना  चाहते है |  जो हिटलर ने किया की   नसलवाद को बढ़ाया –आर्या श्रेस्ठ कहा , वैसे ही नेत्न्याहु उर्फ बीबी  इस्लाम को दुश्मन मानते है , वे मूल फिलिस्तीनीयों को उनके बसाहट से निकालना चाहते है |

                       ईसी कारण अब वे कहते है की हमारा युद्ध तो 2024 तक चलेगा !!!!!! अब दुनिया को समझना होगा की क्या वह दूसरे हिटलर  को नहीं  पैदा कर रहा है !!! जो ना तो अंतराष्ट्रीय  कानूनों का पालन कर रहा ना ही दुनिया की आवाज़ सुन रहा है !!!  एक है  नर संहार म्यांमार में भी हो रहा है --- जनहा  लोकप्रिय नेता और नोबल पुरस्कार विजेता  आंग सान सु को मिलिट्री जुनटा ने जेल में डाल रखा है | और  सारे  विश्व के राष्ट्र  मौन है , कुछ उसी प्रकार  बड़े राष्ट्र अपने स्वार्थो के बस में इज़राइल की गैरकानूनी और अमानवीय हरकतो पर चुप है | अमेरिकी अधिकारी बार –बार कहते है की इज़राइल को हमने  जन धन की हानी  को रोकने को कहा है –परंतु  साथ दिन बाद भी कुछ बदला नहीं है --- नागरिक बस्तियो एयर शरणार्थियो  के कैंपो पर बम गिराए जा रहे है , बच्चे और बूढ़े  बिना इलाज और नौजवान  हमलो में मर रहे है | देखे कब तक नपुंसक  दुनिया देखती रहेगी |