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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Aug 30, 2016

चींटी का विकह का फार्मूला क्या हाथी के लिए लाभदायक होगा ?

चींटी का विकास फार्मूला क्या हाथी के लिए भी लाभदायक होगा ?

सिंगापूर के उप प्रधान मंत्री श्री थरमन ने भारत के दौरे से वापस जाते हुए नरेंद्र मोदी जी को को सलाह दी है की "””आप बहुत मजबूत विकेट पर है एक दो रन छोड़िए आप तो बाउंड्री लगाये "”  आने लोगो ने इस बयान पर प्रतिकृया का स्वागत करते हुए सुझाव दिया है की भारत को भी त्वरित गति से विकास के लिए तेज़ी दिखानी चाहिए पर इस बयान की सत्यता जानने के लिए हमे कुछ और भी मालूम करना होगा |

सिंगापूर एक सिटि स्टेट की भांति है जिसकी आबादी मात्रा 55लाख 67 हज़ार है और जिसका कूल छेत्रफल 616 वर्ग किलोमीटर है उसके मुक़ाबले 125 करोड़ की आबादी और छेत्रफल 32 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक है अब दोनों की तुलना करे तो चींटी -और हाथी की ही तो तुलना बनेगी मात्र मुंबई की ही आबादी एक करोड़ से ज्यादा है वनहा के रहवासियो की हो सकता है औसत आय देश के अन्य हिस्सो से ज्यादा हो परंतु इस से यह तो नहीं कहा जा सकता की मुंबई महा नगर परिषद का "”प्लान "” देश के स्टार पर अपनाया जाना चाहिए |

अनेक छोटे देशो की आर्थिक -स्थिति हमारे देश की औसत आय से ज्यादा भी है ,,परंतु क्या उसका यह अरथा निकाला जाये की हमे उनकी नक़ल करनी चाहिए ?? दुनिया का सबसे छोटा देश मोनाको है जहा दुनिया के बड़े बड़े रईस छूटिया मनाने जाते है विलासिता का पर्याय है मोनाको इसकी कूल आबादी 30.508 और छेत्रफल वर्ग किलोमीटर से भी कम है यहा राजशाही है ऐसा ही एक देश है लक्जेमबर्ग और दूसरा है लईचेस्टीन फ्रांस और जर्मनी से जुड़ी सीमा के इन देशो मे भी आर्थिक संपन्नता हमशे ज्यादा है --सुविधाए भी हमारे यानहा से ज्यादा है नागरिक भी सुखी है |इतने छोटे देश की अर्थ व्यवस्था पर्यटन अथवा कसीनों है खेती बाड़ी या यूद्योग नहीं है इन्हे अपनी सुरक्षा के लिए सेना नहीं रखनी पड़ती क्योंकि सभी पड़ोसी देश इनकी संप्रभुता का सम्मान करते है विदेश नीति के मामलो मे ये अधिकतर फ्रांस के साथ रहते है |

अब इनकी तुलना मे हमारे यहा बेरोजगारी है ---असिक्षा है ---गरीबी है स्वास्थ्य सुविधाए नगण्य है यह वास्तविकता है परंतु अगर इन देशो के राजनयिक भारतवर्ष को विकास का रास्ता बताए --तो यह वैसा ही होगा जैसे कोई राज मिष्त्रि किसी वास्तुविद को मकान बनाने का ज्ञान दे सिंगापूर के उप प्रधान मंत्री की सलाह को इसी नज़र से देखना चाहिए |