क्या लाड़ली बहनो के भाई और
बच्चो के मामा मुख्य मंत्री रहेंगे ?
क्या शिवराज सिंह जान बुझ कर
पराई लड़ाई को लड़ रहे हैं ?
आगामी
विधान सभा चुनावो की जंग को सत्तारूद पार्टी यानि की बीजेपी , किसी “” अनाम “” चेहरे के लिए ही
लड़ रही हैं | यह तथ्य केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर की प्रैस कोन्फ्रेंस में कुल कर सामने आ गया ! जब उनसे
पूछा गया की जिस व्यक्ति ने विगत चार विधान
सभा चुनावो में भारतीय जनता पार्टी का चेहरा बन कर प्रदेश में अगुवाई की हो – उसे पाँचवी बार राज्य का नेत्रत्व करने से वंचित रखना---- वैसा ही हैं , जैसे राजा { नरेंद्र मोदी } के नाम और परचम के लिए सूबेदार लड़ रहा हो !!
आखिर
क्यूँ ऐसा हो रहा हैं ? नरेंद्र सिंह तोमर के जवाब के अनुसार , “” राज्य का अगला मुख्य मंत्री कौन होगा , “” इसका निर्णय
पार्टी का संसदीय बोर्ड ही तय करेगा ! आइस आम तौर पर तब होता है –जब एक से अधिक लोग मुख्य मंत्री पद के दावेदार
हो ! परंतु जिस व्यकति ने राज्य का बीस साल तक नेत्रत्व किया हो , उसके भविष्य को पार्टी
में और जनता में “” अनिश्चित “” कर देने से क्या बीजेपी का भला हो पाएगा ? एंटी इंकम्बेंसी तो मामा यानि शिवराज के खिलाफ है --- परंतु क्या इस फैक्टर को भारतीय
जनता पार्टी “” नए चेहरे
की संभावना “” से खतम किया जा सकेगा ! जिस
चुनाव को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगी अमित शाह ने अपने हाथो मे ले रखा हो , वनहा प्रदेश के भावी नेत्रत्व के बारे में यह “” अनिश्चय “” रणनीति से अधिक
षड्यंत्र का इशारा करती है | या यूं कहे की की सत्ता
की इस “” युगल जोड़ी “” की सनक अथवा इच्छा ही
सर्वोपरि है |
जिस प्रकार प्रदेश के अखबारो
में और मीडिया चैनलो में शिवराज सिंह की उपलब्धियों
औए सफलता के “” विज्ञापनो की भरमार है , उससे तो लगता है की शिव राज सिंह को “” बलि
का बकरा “” बने जा रहा है | बहनो को राखी का उपहार और गॅस सिलेन्डर
के दामो में कटौती के वादे किए जा रहे है ---- क्या वे शिव राज जानबूझ कर जनता
मे प्रचार कर रहे है ----- उससे तो लगता है की अगर उनकी जगह पर आने वाले बीजेपी के नेता को , यह कहने में आसानी रहेगी
की --- शिवराज जी के वादे तो “”जुमले “” थे जैसे नरेंद्र मोदी के 15 लाख सभी मतदाताओ के खातो में देने का जुमला था –जिसे लोगो ने सच मान लिया था !!!!