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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Oct 26, 2020

 

चुनावी वायदे बनाम रेडियो झूठीस्थान का बुलेटिन

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शायद साठ साल पहले आकाशवाणी से एक कार्यक्रम प्रसारित हुआ करता था , जिसका नाम ऊपर लिखा गया हैं | उसमें प्रसारित होने वाली खबरे मनोरंजन और हास्य का श्रोत हुआ करती थी | सुनते सब थे पर उन पर विश्वास ग्रामीण जन जो गैर पढे लिखे श्रोता भी नहीं करते थे | आजकल भी { कोरोना काल के पूर्व की महती सभाओ के संदर्भ में } नेता को सुने या उसका हेलीकाप्टर देखने के लिए भीड़ एकत्र हो जाती थी | परन्तु वह भीड़ कितना उनके कहे को सच मानती थी यह चुनाव परिणाम से पता चलता था | हालांकि पार्टी या उसके नेता के वादे पर सिर्फ "” कार्यकर्ता "” ही नारे लगाते थे , आम जन नहीं ! क्योंकि तब या तो वोट जात -पांत अथवा दबंगाई से डाले जाते थे | कुछ खरीदे भी जाते थे जैसे आजकल विधायक खरीदे जाते हैं |

बिहार विधान सभा के चुनावो में जिस प्रकार वायदों में दौड़ के बीच उलटफेर हो रहा हैं वह कुछ चकित कर देने वाला हैं | एक बात जो छन के आने वाली खबरों से निकलती हैं , वह हैं बीजेपी और लोजपा का संबंध ! ऐसा लगता था की की गठबंधन की राजनीति में एका जुमला इस्तेमाल हुआ करता था "” फ्रेंडली फाइट "’ यानि दोस्ताना लड़ाई ! अब दोनों ही शब्द विपरीत अर्थ देते हैं , पर धन्य हो हमारे देश के राजनेता की वे एक साथ दोस्ती और -लड़ाई भी कर सकते हैं ! अनुभव बताता हैं की यह फ्रेंडली फाइट अधिकतर किसी उम्मीदवार के "” समर्थको के वोट काटने "” के लिए किया जाता था | और नेताओ में महत्वाकांछा के "””सीमित अथवा नियंत्रित होने जैसा कोई "”तत्व" तो होता ही नहीं -आज भी नहीं | इस संदर्भ में लोजपा जो बिहार के के दलित नेता स्वर्गीय राम विलास पासवान की पार्टी थी ---और अब जिसकी पतवार उनके चिरंजीव "”चिराग "” ने थामी हैं उसकी भूमिका निश्चित ही मुख्य मंत्री नीतिश कुमार के अस्तित्व के लिए खतरा हैं | भले ही वे बीजेपी और जदयु की सरकार के पिछले दशको से मुख्यमंत्री हैं | एवं बीजेपी के छोटे मोदी यानि सुशील मोदी बार बार दुहरा चुके हैं की आगामी सरकार में भी नितीश कुमार ही मुख्य मंत्री रहेंगे , परंतु बीजेपी की राजनीति जानने वाले ----चिराग मोदी यानि नरेंद्र मोदी का छिपा "”बघनखा "” बताते हैं | जो बिहार में नितीश के प्रभाव को समाप्त कर बीजेपी की उखड़ी जड़ को मजबूती से रोपना चाहते हैं | क्योंकि बीजेपी बिहार की सरकार में विगत दस वर्षो से भले ही भागीदार रही हो , पर सरकार की पहचान तो नितीश कुमार से आज भी हैं | और यही संघ - बीजेपी - तथा हिंदुवादी संगठनो को राज्य में जड़ नहीं जमाने दे रहा हैं ! इसलिए अमित शाह और मोदी का प्रयास हैं की इस हिन्दी प्रदेश में भी उत्तर प्रदेश की भांति हिन्दू --मुसलमान कर के अपनी जमीन होनी चा हिए | जो जातिवाद से

जकड़े बिहार में लगातार 1977 से की जा रही कोशिस के बावजूद भी सफल नहीं हो रही हैं | कुल मिलाकर बीजेपी "” सरकार में बी टीम "” की ही हैसियत में रही हैं | जो सरकार के शीर्ष नेत्रत्व को वैसा ही खल रहा हैं जैसा लाख जतन और हथकंडे अपनाने के बाद भी दिल्ली में वे सरकार से बाहर हैं !

हंसी लगती हैं बीजेपी के सुशील मोदी पर , की जब आर् जे डी के तेजस्वी यादव ने दस लाख नौजवानो को नौकरी देने की घोसना की , तब बिहार के वित्त मंत्री सुशील मोदी ने निर्मला सीतारमन की तर्ज़ पर आंकड़े देकर इस इस वादे को झूठा साबित किया | परंतु 24 घंटे में ही उन्होने 19 लाख नौकरिया देने की घोसना की !! वैसे बीजेपी में "कुछ भी झूठ या सच "” को बारबार बोल कर अपने को सही साबित करने की कोशिस 2014 के लोकसभा चुनावो से शुरू हुई | जब अरेन्द्र मोदी जी ने "” राष्ट्रीय मीडिया "”को हर भर्तवासी को 15 लाख और प्रति वर्ष 2 करोड़ रोजगार के अवसर सुलभ करने का वादा कर दिल्ली फतह की थी | जिसे 2019 के लोकसभा चुनावो में अमितशाह जी ने "”नकारते "” हुए जवाब दिया की वह तो "”एक जुमला भर था "” ! मतलब सिर्फ यह वादा कहने के लिए था , पूरा करने के लिए नहीं था ! अब इसे अगर झूठीस्तान की बुलेटिन ना कहे तो क्या कहे !

इस संदर्भ में एक वादा जरूर मोदी सरकार ने पूरा किया ---वह था काश्मीर को अनुछेद 370 के अंतर्गत मिला विशेस स्थान छिनने का ! जम्मू और काश्मीर राज्य को तीन भागो में विभाजित करने का ! हिन्दू बहुल जम्मू और मुस्लिम बहुल काश्मीर तथा बौद्ध बहुल लद्दाख अलग -अलग कर दिये गए ! वह भी धरम के आधार पर ! वही काम बीजेपी और संघ अन्य राज्यो में कर रही हैं !

अब पुनः बिहार की ओर लौटते हैं , चिराग और बीजेपी का रिशता यानहा वैसा ही हैं ---की दिल्ली में लोजपा सरकार में थी , पर बिहार में नहीं थी | केंद्र में जदयु सरकार में नहीं हैं पर बीजेपी बिहार में उनके अधीन सरकार में हैं | इस समीकरण को बदलने के लिए ही चिराग का इस्तेमाल बीजेपी अपने लाभ के लिए और गठबंधन के साझीदार जदयु को "”काटने "” के लिए कर रही हैं | एक कहावत हैं --- बाप से बैर और पूत से सगाई , मतलब एक ही घर में दो '’धाराए '’’| वैसे भी नितीश बाबू का खीजना और तेजस्वी पर हमला इसका परिणाम हैं | वैसे बीजेपी यह दाव सतर्कता से चल रही हैं --की अगर सरकार बनाने लायक बहुमत गठबंधन नहीं ला सका , तो जदयु इस लायक ना बचे की वह पाँच पार्टियो के महा गठबंधन में शामिल होकर फिर बीजेपी को विपक्ष में बैठने पर मजबूर कर दे जैसा लालू और जदयु के गठबंधन की सरकार के समय हुआ था |

रही बात विकास और नौकरी देने की ---- तो शिक्षको और डाक्टरों के रिक्त पद ही लाखो में हैं | दूसरा मसला शिक्षा का हैं ---- जिसे बाहुबलियो ने पैसा लेकर डिग्री देने का व्यापार बना रखा हैं | विश्व विद्यालयो में अकेदेमिक कलेंडर 12 से 20 माह पीछे चल रहा हैं | अगर शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के खाली स्थान भर दिये जाये तो लाखो युवको को रोजगार मिल सकेगा | बाकी वादे तो फिर वादे हैं ---वादो का क्या ?