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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Feb 25, 2019


एक सरकार ऐसी -जो दूसरे के अनकिए की जवाबदेह !!

पंद्रहवि मध्य प्रदेश विधान सभा के चार दिनी सूक्ष्म सत्र ने कई मायनों में अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं | पहला तो यह की कहने को को तो यह चार दिन का था परंतु काम - काज सिर्फ दो दिन ही हुआ | पहला दिन पुलवामा और दिव्ङ्गतों को श्र्स्द्धांजली दे कर स्थगित हो गया | तो दूसरे दिन शिवाजी और संत रविदास जयंती के कारण अवकाश रहा ! लेकिन बचे दो दिन में सरकार ने जून 2019 तक के लिए 89 हज़ार करोड़ रुपये का लेखानुदान पारित कराया | वनही प्रदर्शंकारी किसानो पर मंदसौर में हुए गोली कांड – सिंहस्थ आयोजन हुए भयंकर भ्रष्टाचर तथा नर्मदा नदी के किनारे हुए अभूतपूर्व संख्या में पौधरोपण में हुई अनियमितताओ के मामले पर विपक्ष में रही काँग्रेस पार्टी और काँग्रेस सरकार के रुख मे 180 डिग्री का मोड आ गया हैं !! इसका कारण सरकार नामक संस्था की निरन्तरता हैं | इसे विरासत में मिले क़र्ज़ या दुर्भाग्य ही कहा जा सकता हैं |

अंतिम दो दिन में सम्पन्न हुए प्रश्न काल में सरकार को इन मुद्दो पर वनही जवाब देने पड़े ----जिनको लेकर उन्होने विधान सभा चुनावो में प्रदर्शन किए थे ! तत्कालीन शिवराज सरकार पर प्रश्न खड़े किए थे ---- भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे – किसानो के साथ पुलिस की बर्बरता का भी आरोप लगाया था | इत्फाक से यह तीनों संवेदनशील मुद्दो पर --जिन मंत्रियो ने जवाब दिया वे सत्ताधारी पार्टी के तीन गुटो के हैं | ज्योतिरादित्य सिघिया खेमे के वन मंत्री उमंग सिंगार – जिनहोने पौधरोपण मे शिवराज सरकार के दावे को पुख्ता किया – वनही मंदसौर मामले में ग्रहमन्त्री बाला बच्चन ने मंदसौर गोलीकांड पर हुई कारवाई को उचित बताया - और सिंहस्थ मामले में जयवर्धन सिंह { दिग्विजय सिंह के पुत्र } विवाद के घेरे में आए | मीडिया से शुरू हुए इस विवाद में घी का काम उमंग सिंघर का बयान कम कर गया --जब उन्होने दिग्विजय सिंह पर बिना उत्तर पढे प्रतिकृया देने और आलोचना में पक्षपात का आरोप भी जड़ दिया !! उन्होने सहयोगी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के उस बयान पर की "” दिग्विजय सिंह बड़े हैं -मंत्रियो को उनसे सीखना चाहिए | इस पर परिवहन विभाग के अवकाश प्रापत उप आयुक्त उमंग सिंगार ने कहा की मैं पंद्रह साल से विधायक हु --- हालांकि वे ताज़े - ताज़े पहली बार मंत्री बने हैं ! एवं यह सर्वविदित तथ्य हैं की --- शिवराज सरकार की लाख कोशिसों के बाद भी उनके नर्मदा किनारे पौधरोपन के कार्यक्रम को गिन्नीस बूक ऑफ रेकॉर्ड में जगह नहीं मिली --क्योकी वन विभाग द्वरा {सरकारी दावा } एक दिन में छह करोड़ पौधे लगाने का कोई पुख्ता सबूत सरकार नहीं दे पायी ? परन्तु वन मंत्री ने विधान सभा में उनके दावे का समर्थन किया !!! अब यह तो वही बात हुई की जब हम सरकार में नहीं थे तब यह दावा झूठ था ---अब हम सरकार में है तब यह कहे की "” सही थे "” |