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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Nov 17, 2017

राष्ट्रियता -नागरिकता - जाति {Race } – धर्म अलग अलग है गिरिराज सिंह जी -क़ौमियत राष्ट्रियता नहीं है और ना ही वंशानुकरण

राष्ट्रवाद के संकल्प की गोष्ठी को संभोधित करते हुए केन्द्रीय "”सूक्ष्म ---लघु --उद्यम "” राज्यमंत्री जिनहोने ''मुसलमानो को और उनकी विचारधारा के आलोचको को पाकिस्तान चले जाने '' के बयान से ख्याति पायी थी | वे एक बार फिर ''वेदिक [हिन्दू] और इस्लाम के संदर्भ मे '' कहा की इस्लाम मे राष्ट्रवाद होता ही नहीं है | उनके अनुसार अङ्ग्रेज़ी मे नेशनलइज़्म और उर्दू मे क़ौमियत कहा जाता है | उनके अनुसार क़ौमियत का मतलब वंशानुकरण होता है | उन्होने कहा की साफ है इस्लाम मे राष्ट्रवाद की कल्पना की ही नहीं जा सकती !! राजनीति शास्त्र के अनुसार नेशन या राष्ट्र '' सान्स्क्रतिक और समान आस्था {धर्म नहीं }'' के लोगो को क़ौम या राष्ट्रियता माना जाता है |
अब इसे परंपरा की त्रुटि माने या अथवा कुछ और – की "जाति" से साधारण अर्थ लिया जाता वह सही नहीं है | जिस प्रकार '' वेदिक धर्म की सनातन परंपरा ''को विदेशियों द्वरा दिये गए सम्बोधन "”हिन्दू "” से जाना जाता है | जो सही नहीं वरन गलत है | क्योंकि हिन्दू धर्म के पैरोकार आजतक एक भी ''ऐसा प्रमाणिक ग्रंथ नहीं बता पाये है -जो वेदिक धर्म का नहीं हो | शायद उच्चारण की कठिनाई से उन्होने हिन्दू शब्द को सहज अपना लिया !!

उदाहरण के लिए अरब एक रेस या जाति है ----जिसमे अनेक देश है |और इन देशो मे भी भिन्न भिन्न आस्थाओ वाले धर्म के लोग भी रहते है | जैसे मिश्र और सीरिया मे ईसाई [क्रोट] भी बसे है | सऊदी अरब -जोरडन- यमन सीरिया - मिश्र भी अरब राष्ट्रियता के है ----परंतु अलग - अलग है | इसी संदर्भ मे एक उदाहरण ''कुर्दो " का है | जो ईरान -इराक और लेबनान तथा तुर्की मे बसे हुए है | यह सभी "”एक ही क़ौम के है जो व्भिन्न राष्ट्रो मे बसे है | इसलिए क़ौम को "”देश"” से जोड़ना गलत है |

परंतु गिरिराज सिंह जी को इस अंतर का ज्ञान नहीं होगा ,,अन्यथा भारत सरकार के मंत्री के रूप मे वे ऐसी भयंकर भूल नहीं करते | ऐसा प्रतीत होता है की उनकी सोच और नज़र मे धर्म --राष्ट्रियता है | दूसरी गलत बयानी उन्होने की मुस्लिम बहुल ज़िलो के बारे मे बोल कर | उन्होने कहा की पापुलेशन डेमोग्राफी का संदर्भ देते हुए कहा की देश के विभिन्न प्रांतो के 54 ज़िले मे मुसलमान बहुल है ? परंतु जब उन्होने आंकड़े दिये तब उत्तर प्रदेश के 17 और बंगाल के 9 तथा असम के 11 एवं केरल के 5 तथा झारखंड के 4 ज़िले गिनाए | इन सभी ज़िलो का योग 48 ही होता है ! लगता है 6 ज़िलो के नाम वे भूल गए !!
उनका दावा था की जब पाकिस्तान बना तब 22 प्रतिशत हिन्दू भारत छोड़ कर पाकिस्तान गए थे !! जो अब केवल 1 प्रतिशत ही बचे है ! क्या यह बात विश्वास करने योग्य है ?? भारत से मुसलमान गए थे |

गिरिराज जी देश मे 640 ज़िले है हालांकि आप के आंकड़े सत्य नहीं है | क्योंकि बहुल का अर्थ आबादी मे 50 प्रतिशत या उस से अधिक भाग होना | जो कनही नहीं है | कम से कम सरकारी दस्तावेज़ो के अनुसार | यह सुझाव देना //या मांग करना की जनसंख्या नियंत्रण करना | आबादी पर नियंत्रण एक स्वागत योग्य सुझाव है ---परंतु केवल यह नियंत्रण मुस्लिमो पर नहीं वर्ण आबादी के सभी भागो पर लागू होना चाहिए |

गिरिराज सिंह जी को शायद नहीं मालूम की सम्राट अकबर की जनम स्थली अमरकोट की रियासत आज भी पाकिस्तान मे है | वनहा के राणा का विवाह हाल ही मे राजस्थान के एक ठिकाने मे हुए था | भारत सरकार ने सभी बरतियों को वीसा भी दिया था | उसमे आधे से ज्यादा हिन्दू और शेष मुसलमान थे !!!