इन काउंटर और बुल्ल्डोजर संसक्राति पर लगाम
पंजाब
और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कर दिखाया जो
अदालते नहीं कर सकी ! बताया जातीय नर संहार
!!
हैदराबाद में एक लड़की से बलात्कार और हत्या के मामले में ,पुलिस ने डो
–तीन दिन में ही तथाकथित आरोपियों को गिरफ्तार किया फिर “”मौका मुआइना “”
के नाम पर घटनास्थल पर ले जाकर -- उन पर भागने
का आरोप लगा कर गोली मार दी ! उस समय बलात्कार
की घटना से उत्तेजित जनसमूह ने इसे “” फौरी न्याय”” बताते हुए पुलिस की वाह वाही की | परंतु
कुछ समय बाद खुफिया विभाग
की जांच में यह पाया गया की पुलिस ने तीन निर्पराध
लोगो की हत्या कर दी है ! तब अखबारो में इस त्वरित न्याया से होने वाले अन्याय को लेकर खबरे छपी | कुछ ऐसा ही जातीय दंगो
में बीजेपी सरकारो द्वरा अलपसंख्यकों को अशांति का कारण या पत्थर फेकने का दोषी बता कर
-उनके घरो और दुकानों को बुल्ल्डोजर द्वरा नेस्तनाबूद करने की उत्तर प्रदेश के आदित्यनाथ की सरकार की चाल ने हजारो मुसलमानो को बेघर और बेरोजगार कर दिया है | आश्चर्य की बात यह है की जब पीड़ित
लोगो ने अदालतों में राहत की अर्ज़ी लगायाई ---तब अदालतों ने भी , यानहा
तक की उच्च न्यायालय ने भी सरकार की इस कारवाई पर रोक लगाने में असमर्थता बता दी !
लेकिन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा में नूह में हुए दंगो को लेकर एक धरम विशेस के घरो और रोजगार के स्थानो पर “” अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर चलाने के प्रशासन के काम पर –सवालिया निशान लगा दिया है | उन्होने ज़िला प्रशासन की कारवाई को
– एक छ्लावा बताते हुए इसे अलप्स्ङ्ख्यकों
के वीरुध इस्तेमाल करने पर तत्काल रोक लगा दी है इतना ही नहीं न्यायमूर्ति संधवलिया और हरप्रीत
कौर की बेंच ने मशहूर वाक्य कहा की “”” सत्ता भ्रष्ट कर देती है और सम्पूर्ण सत्ता पूरी तरह से भ्रष्ट होती है “” | अदालत ने हरियाणा के गृह मंत्री अनिल
विज़ द्वरा घरो और दुकानों को सांप्रदायिक दंगो का “”इलाज़ “” बताए जाने पर सख्त
प्रतिकृया दी हैं | उच्च
न्यायालय ने 14 दिनो में गिराए गए घरो और इमारतों
के कारण और कारवाई पर सरकार से शपथ पत्र पर जवाब मांगा है | उन्होने नूह और गुरुग्राम में ध्वस्त की गयी इमारतों
की तफसील मांगी है | एवं यह भी मांगा
है की इस कारवाई के पहले कोई नोटिस या न्यायिक
कारवाई का आदेश प्रापत किया था या नहीं |
गौर तलब है की उत्तर प्रदेश की
आदित्यनाथ सरकार की इस कारवाई को भी अलपसंख्यकों को सबक सिखाने की कारवाई बताया जाता रहा है | वनहा की अदालतों ने ऐसे बुल्ल्डोजर कारवाई ,पर यह तक ज़िला प्रशासन से
नहीं “” पुच्छा की गिरने के पहले कोई नोटिस
और मियाद दी गयी थी या नहीं ? यह बताता है की न्यायपालिका पर प्रदेश की सरकार का कितना आतंक है | यानहा तक की उच्च न्यायालय ने भी
प्रदेश की ऐसी घटनाओ पर रोक लगाने की स्वतः
पहल नहीं की | जैसी की
सर्वोच्च न्यायालय ने मणिपुर के हिन्दू माइतेई
और ईसाई कूकी समुदाय के मध्य चल रहे दगो और सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए थे |
एक अनुमान के अनुसार नूह , पलवल , और अन्य
कस्बो में सरकारी तंत्र द्वरा अलप्स्ङ्ख्यकों की संपतियो को हानी पाहुचाने से हरियाणा
सरकार पर रोक लगा दी है | उच्च न्यायालय ने कहा की इतनी बड़ी
और इतने विस्तरत पैमाने पर की गयी यह कारवाई बिना कानून की प्रक्रिया का पालन किए प्रशासन
द्वरा किया गया है |
अदालती आदेश में कहा गया है की अखबार में छ्पी खबर के अनुसार अस्पताल के बगल की इमारत को गिरा दिया गया ,जबकि वह बहुत समय से थी | व्यापारिक संस्थानो , दुकानों
और होटल और रेस्टुरेंट जो लंबे समय से चल रहे थे –उनको भी अतिक्रमण बता कर गिराया गया है |
सारे देश में ऐसी कारवाई विगत चार
सालो से उत्तर प्रदेश में की जा रही है , परंतु शायद वनहा की अदालतों को राज्य के नागरिकों से ज्यड़ा सरकार
की नाराजगी की फिकर है | वरना अखबार तो वे लोग भी पड़ते ही होंगे –खबरे देखते और
सुनते होंगे –फिर उन्हे क्यू नहीं लगा की सरकारी
अमले द्वरा एक धरम विशेस के ही लोगो के घर –दुकान गिराए जा रहे है और उन्हे गिरफ्तार
कर पुलिस के डंडे खाने पर मजबूर होना पड़ रहा
है !!! हरियाणा की बीजेपी सरकार को जाटो और गुजरो की नाराजगी भी झेलनी पड रही है ----
इन जातियो ने “”खाप “” पंचायत कर के हिन्दू – मुसलमान भाई चारे को नुकसान पाहुचने के विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग
दल और कथित गौ रक्षको के प्रयासो का मुक़ाबला करने की शपथ ली है | इससे हरियाणा
के गृह मंत्री अनिल विज़ के इलाज़ को गैर कानूनी
ही नहीं वरन वोट की राजनीति में भी नुकसान पहुंचेगा | वोटो के धुर्विकरन की राजनीति इस समय नूह और गुरु ग्राम में कसौटी पर हैं |