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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Mar 8, 2021

 

और एकबार फिर केंद्र ने अपराध जांच मे महाराष्ट्र में दखल दिया !


देश के धन कुबेर मुकेश अंबानी के निवास एंटलिया के समीप जिलेटिन की छड़े एक एसयूवी में मिलने की जांच --अब एन आई ए

करेगी ! शायद ग्राहमन्त्री और प्रधान मंत्री को महाराष्ट्र सरकार की जांच एजेंसियो पर भरोसा नहीं हैं | सबसे पहले इसी एजेंसी ने कोरेभीमा गाव मामले को अपने हाथ में ले लिया था | क्यूंकी मुख्य मंत्री उढ़ाव ठाकरे ने इस मामले की जांच जल्दी कराकर अदालत में दाखिल करने का वादा किया था | इसलिए इस मामले में जिन लोगो को बंदी बनाकर रखा गया हैं , उनके वीरुध आज तक अदालत में अभियोग पत्र दाखिल नहीं किया गया हैं | जबकि आरोपी साथ -सत्तर वर्ष की आयु के हैं | वे बीमार भी हैं |


दूसरा मामला बहुप्रचारित सुशांत की रहस्यमई मौत का था | हालांकि सीआर पीसी के अनुसार ऐसे मामले में स्थानीय पुलिस की जांच पर्याप्त और विधि सम्मत हैं | परंतु बिहार में विधान सभा चुनावो में जातिका मसला भुनाने के लिए ----सुप्रीम कोर्ट की एक जज की बेंच ने इसे सीबीआई के हवाले कर दिया | सुशांत के पिता की अर्ज़ी पर किया गया | उस समय भी सीबीआई का छेत्रधिकर नहीं होने की आपति जताई गयी थी | परंतु सुप्रीम कोर्ट के जज साहब ने उसे नहीं माना | उसके बाद सीबीआई ने विधान सभा चुनावो के बाद अपनी रिपोर्ट में --वही निष्कर्ष लिखा जो मुंबई पुलिस की प्रारम्भिक जांच में था | परंतु दिल्ली में बैठे लोगो को इतने पर संतोष नहीं हुआ , तब उन्होने नरकोटिक कंट्रोल बोर्ड को जांच थमा दी | जिनहोने अभी कुछ दिन पूर्व ही अदालत में 12000 पेज की चार्ज शीट सौंप दी ----जिसमें 22 आरोपी हैं और 200 गवाह हैं !! इस रिपोर्ट का लुबोलबाब यह हैं की मुंबई की फिल्मी दुनिया के लोग ड्रग सप्लायर से संबंध हैं | अब जिस एपोर्ट में इतने पेज हो तो कानूनन सभी आरोपियों को एन सीबी की इस भारी भरकम रिपोर्ट की कॉपी भी 22 लोगो को देनी होगी | मुकदमा कब शुरू होगा यह भी कहा नहीं जा सकता |

अब तीसरी बार फिर केंद्र ने इस केस में केंद्रीय जांच एजेंसी को डाल कर राज्य के शांति - व्यवस्था के मामले में दखलंदाज़ी की हैं | बाते जाता हैं की एजेंसी ने इसका आधार "” आतंकी गतिविधिया "” बताई हैं !! इस मामले में गाड़ी में जो पत्र मिला था – वह "” जैसे हिन्द "” द्वरा लिखा बतया था पुलिस ने | परंतु दो दिन बाद ही यानि की 27 फरवरी को जैसे हिन्द की ओर से इस दावे का खंडन उनकी वैबसाइट पर किया गया | खबरों की माने तो आतंकी संगठन ने कहा था की वे मोदी के दुश्मन हैं ---अंबानी के नहीं | पत्र में बहुत बचकानी भाषा लिखी हुई थी मुकेश अंबानी के लिए भाई और उनकी पत्नी नीता के लिए भाभी का सम्बोधन षड ही किसी आतंकी संगठन ने कभी इस्तेमाल किया हो | पर किन कारणो से "” इसे आतंक :”” से जुड़ा मामला बताया समझ में नहीं आता |

परंतु गाड़ी के मालिक हिरेन मन सुख की मौत जरूर पूरे मामले को गहरा बनती हैं | हिरेन की गाड़ी मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने उसी दिन उन्हे खोज निकाला था | उन्होने बताया था की उनकी गाड़ी खराब हो गयी थी | जिसकी रिपोर्ट उन्होने पुलिस को दे दी थी | उनसे पुलिस ने पूछताछ की | 5मार्च को हिरेन की लाश समुद्र में पायी गयी | हालांकि उन्होने 2मार्च को मुख्य मंत्री -गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिख कर कहा था की "” मुझसे पुलिस और मीडिया बार – बार एक ही तरह के सवाल कर रहा हैं | जिससे मैं मानसिक रूप से पीड़ित हो गया हूँ | कृपया मुझे

सुरक्षा प्रदान करे | लेकिन उन्हे सुरक्षा सुलभ नहीं कराई गयी |


अब एन आई ए के इस आगमन से जांच के अधिकार में विरोध होने की पूरी संभावना हैं | महाराष्ट्र के गृह मंत्री के अनुसार गाड़ी की चोरी और हिरेन की मौत की जांच महाराष्ट्र एंटी टेररिस्ट स्क्वाड ही करेगी | सिर्फ गाड़ी में जिलेटिन छड़ो की बारामदगी केन्द्रीय जांच एजेंसी द्वरा की जाएगी | इस मामले में एक तथ्य खटक रहा हैं की आम तौर पर आतंकवादी जिलेटिन छड़ो को इस प्रकार नहीं छोडते हैं | दिल्ली में इज़राइल दूतावास के सामने हुए विस्फोट हुए थे | और उस घटना की ज़िम्मेदारी जैसे हिन्द ने ली थी ,ऐसा समाचार पात्रो में आया था | जितनी जिलेटिन छड़े मिली थी अगर उनमें दूर से विस्फोट कराया जाता तो एक मील तक के इलाके में तबाही आ जाती , मुकेश अंबानी का निवास भी छतिग्रस्त हो सकता हैं |


अब देखना होगा की एन आई ए इस मामले को कैसे हैंडल करती हैं | क्यूंकी जिसकी गाड़ी में विस्फोटक मिले थे उसकी तो मौत हो गयी हैं |