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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Sep 21, 2018


शीर्षक ---- संघ का धर्म परिवर्तन विरोध और राम मंदिर का मोह बरकरार

संघ के बहू प्रचारित तीन दिनी "विश्व संवाद '’ मे सरसंघचालक मोहन भागवत जी का ही प्रवचन होता रहा है | उन्होने हर उन तथ्यो और आशंकाओ का खंडन करने का भरपूर प्रयास किया , जिनको लेकर सार्वजनिक जीवन मे उनकी आलोचना होती रही है | मसलन इस्लाम के अनुयायियों को कहा की वे वे संघ को समझने के लिए '’’’संघ मे आए ? परंतु संघ की शाखाओ तथा बैठको मे उबके द्वारा 1925 से ही बंद है ? दूसरा उन्होने बड़ी चतुराई से "””हिन्दुत्व "” को भारत की आत्मा बताने का प्रयास किया ! उनके अनुसार मुसलमान नहीं रहेगा तो भारत भी नहीं रहेगा !!!

उन्होने सार्वजनिक रूप से "” गुरु जी अर्थात श्री गोलवलकर जी की मशहूर पुस्तक "” Bunch of Thoughts “” से किनारा करने की कोशिस की ! अभी तक यह पुस्तक ही संघ की विचार धारा का आधार हुआ करती थी | इस किताब मे मुस्लिम और ईसाइयो को राष्ट्र विरोधी बताया गया था | उन्होने गोलवलकर जी के विचारो को तत्कालीन समय और परिस्थ्ती मे लिखा हुआ बताया ! अर्थात वे सर्व कालिक सती नहीं थी ? उनके स्थान पर भागवत जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार को स्थापित करने की कोशिस की ! इस प्रयास को विगत नब्बे वर्षो मे संघ के नेताओ द्वरा सबसे बड़ा "” अबाउट टर्न "” माना जा रहा है | अपने प्रवचन मे उन्होने डॉ साहब की स्वतन्त्रता प्रियता की बचपन की घटनाओ का ज़िक्र किया --जिनके बारे मे सिर्फ उनही के लोगो को मालूम है |


उन्होने ना केवल सभी धर्मो के प्रति "”””समभाव"” के ड्राष्टिकोण की बात कही वरन डॉ हेडगेवार और उनके समकालीन वाम पंथी मित्र का भी जिक्र किया !

तीन दिन के संवाद {{प्रवचन}} मे जो भी बाते काही वे वास्तविकता के धरातल पर बिलकुल बेमानी है , मसलन वे गाय की पवित्रता की बात करते है ----परंतु गौ रक्षको द्वरा की जा रही हिशा और मोब लिंचिंग की आलोचना मे एक शब्द भी नहीं कहा ! उन्होने जनसंख्या नियंत्रण का समर्थन किया - जबकि उन्हे मालूम है की यह मुद्दा मुसलमानो को चुभता है | नरम दिखने की कोशिस करते हुई उन्होने कट्टर्ता की तों को छोड़ा नहीं ----जब वे कहते है की "” जो देश के लिए सही होगा वही किया जाएगा ! अब लोकतन्त्र मे देश के लिए सही क्या है --यह एक पंजीयन हीं और लोकतान्त्रिक निर्वाचन को ध्त्ता बताती हुई संघ की कार्य प्रणाली सर्व विदित है | दूसरी बात जो उन्होने कही की -----संघ सरकार अथवा अन्य संगठनो पर किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं रखता !!! अब इस वक्तव्य पर कौन भरोसा कर सकता है ! राम माधव --राम लाल आदि अनेक नेताओ को संघ ने ही मोदी जी और भारतीय जनता पार्टी की सहायता के लिए भेजा गया है !!

अब उन्होने जनहा कहा की वे काँग्रेस के विरोधी नहीं है - इतना ही नहीं उन्होने अटल जी की भाषा बोलते हुए कहा की "” 60 वर्षो मे देश का बहुत विकास हुआ है !! जबकि संघ और बीजेपी समर्थक यानहा तक की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समर्थक पंडित जवाहर लाल नेहरू और इन्दिरा गांधी तथा राजीव गांधी को देश की उन्नति का खलनायक बताते हुए ऊनहे भ्रष्ट और नाकाबिल निरूपित करते रहते है !!! देश की सभ्यता मे मौजूद विभिन्न मत और --तौर तरीको तथा खान पान को लेकर संघ के "”” आनुषंगिक संगठन "” के नेताओ और कार्यकर्ताओ द्वरा जिस प्रकार विष वमन किया जाता है ---- ऐसे बयान बाजी को कभी रोकने की कोई भी कोशिस नहीं की गयी | केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यो द्वरा जब -जब देश मे विभिन्न समुदायो मे नफरत फैलाने की हिंसक कोशिसों को कभी "””आधिकारिक स्तर पर नियंत्रित करने की कोशिस नहीं की गयाई |

सबसे आपतिजनक उनका बयान था जो उन्होने कहा की "”” हम राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान तो करते है परंतु भगवा ध्वज हमार गुरु है !!!! क्या देश मे राष्ट्रीय ध्वज से भी ज्यादा कोई सम्मानजनक झण्डा है !!! जिस झंडे को विश्व मे भारत की पहचान माना जाता है ----उससे भी ज्यादा कोई सम्मानिन्य है ???

मोहन भागवत संघ के इतिहास मे इसलिए जाने जाएँगे की --उन्होने अब अपनी संस्था को भी "”” प्रचार के लिए तैयार कर दिया "”” | अभी तक यह मानिता थी की संघ के नेता "”प्रचार से दूर रहते थे , परंतु भागवत जी के इस प्रवचन से यह साफ हो गया की अब इस प्रकार के आयोजन प्रदेश की की राजधानियों और प्रमुख नगरो मे आयोजित किए जाएगे ! इस का कारण शायद यह है की मोदी सरकार के कार्यकाल मे बीजेपी के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी बहुत से सवाल खड़े किए गए थे | जो उनके '’’समर्थक समूहो '’’ मे काफी शंका उत्पन्न कर रहे थे | अब भागवत जी के भासन को उनके समर्थक रामायण - गीता की भांति बांचेंगे | तथा वाद - विवाद मे इसे तर्क का बना पहनने की कोशिस करेंगे ! पर आरोपो को निराधार करती हुई घटनाए और उनके नेताओ के बयान कितना संघ का बचाव कर पाएंगे ---देखना होगा |
कहावत है की काठ की हाड़ी एक बार ही छड़ती है --- संघ की यह कोशिस उसे झूठा बनाने की कोशिस करने कोशिस है | विधानसभ के चुनावो की पूर्व संध्या पर भारतीय जनता पार्टी के पछ मे माहौल बनाने का प्रयास कहा जाएगा | राम मंदिर के संदर्भ मे संघ के आनुषंगिक संगठन के मुखिया इंद्रेश कुमार ने अभी एका बयान मे कहा की -----अगर राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि दे दी जाए -तब दंगे नहीं होंगे ??? इस बयान को क्या माना जाए की --अगर सर्वोच्च न्यायालय ने उसके सामने लंबित मामले मे संघ और बीजेपी ले मन माफिक फैसला नहीं दिया ----तब क्या इंद्रेश कुमार के तरीके से भागवत जी की कामना को पूरा किया जाएगा ????