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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

May 15, 2023

 

कर्नाटक में नफरत हारी है –सारे देश में नहीं ,कांग्रेस् सजग रहे

 

            मोदी जी और बीजेपी के भारी भरकम चुनाव प्रचार और  नफरत के बोल के बाद  भी  भारतीय जनता पार्टी की पराजय भी  मोदी और शाह की जोड़ी को यह नहीं सीखा पायी है की भय  और आतंक से लोगो के मन को नहीं जीता जाता है |  अपनी विजय पर दूसरों को नीचा दिखाने और स्वयं को महाबली बताने का स्वर आज  दक्षिण  के द्वार  से पराजित हो कर निकली पार्टी ने अब मोदी सरकार की नौ साल की उपलब्धियों का प्रचार करने के लिए  तीस दिनी कार्यकरम की घोसना कर के अपने “”काडर”” को व्यस्त रखने की जुगत निकाली है | 

                वैसे तो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा दावा करते हैं की उन्हे मीडिया ने नहीं बनाया है | परंतु आज जिस प्रकार चैनल  दिखते और सुनते है ----उसमे सरकार की विज्ञपन वाली उपलब्धि ही होती है | सोशल मीडिया पर अभी भी  देश को  दुनिया के सामने अव्वल  बताने के दावे किए जा रहे हैं | मोदी जी पहले भी जन सामान्य  के सवालो और समस्याओ को कभी भी अपने मन की बात में स्थान नहीं देते थे | वे मन की बात से किसी व्यक्ति की उपलब्धि और और अपनी सरकार की “”घोषणाओ “” को ही  देश को सुनते रहे है | अब देश उनकी 100 समभोधनों  के बाद शायद कुछ राहत पाये | जिस जबर्दस्ती से बीजेपी शासित  राज्यो में छत्रों को इस प्रसारण को अनिवार्य रूप से देखने –सुनने को बाध्य किया गया ---वह व्यक्तिगत स्वतन्त्रता का हनन ही हैं |

       कर्नाटक के चुनाव प्रचार में जिस शाही अंदाज़ से मोदी जी ने राइलिया की और भासन दिया वह चुनाव प्रचार में  “”निषेध “” विषयो और कथन की स्टाइल  का नमूना है | जिस प्रकार उन्होने बजरंगबली का नाम लेकर बट्टन दबाने की अपील की वह दिल्ली में विधान सभा चुनावो में अमित शाह की अपील जैसा ही था –जिसमे उन्होने  कहा था “””बटन दबाओ जिससे की शाहीन बाग तक आवाज़ जाये “” इस प्रकार के नफरती  भाषणो  से वोट तो नहीं मिले परंतु नफरत का माहौल जरूर गरम हुआ ! परंतु शायद वह कहावत की “”” ना सुधरेंगे हम ना बदलेंगे हम “” की तर्ज़  पर  ही उन्होने कर्नाटक में भी किया , परंतु वे भूल गए की इनहि कर्मो से बीजेपी दिल्ली विधान सभा चुनाव भी पराजित हुई थी !!!

                          राहुल गांधी ने कर्नाटक विजय पर एक ही टिप्पणी की थी “”” अब कर्नाटक में भी मोहब्बत की दुकान खुल गयी है “”” | इस बयान को आशावादी और नैतिक ही कहा जाएगा | परंतु नफरत की पाठशाला के लोगो को  तो समाज को बांटने  और हिन्दू – मुस्लिम करने का ही उद्देश्य है | कर्नाटक चुनाव में  मुस्लिम मतो के एकजुट हो कर काँग्रेस का समर्थन करने को  भक्त लोग हिन्दू विरोधी  एजेंडा ही बता रहे हैं | हालांकि चुनावी राजनीति में अब भगवा मुख्य मंत्री आदित्यनाथ  भी मुसलमानो को ला रहे हैं ---- रामपुर की स्वर सीट से बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवार की जीत को  भगवा धारी मुख्यमंत्री भी पचा रहे है | अन्यथा उनकी निगाहों में मुसलमान “”” माफिया और गुंडा “” ही होता हैं |

 

कर्नाटक में बोममाई सरकार पर 40 परसेंट का आरोप कांग्रेस्स को सिद्ध करना होगा –लोकसभा चुनावो के लिए

   बोममाई सरकार में  सरकारी भर्ती और  निर्माण कार्यो  में  मंत्रियो और अधिकारियों द्वरा चालीस प्रतिशत कमीशन  लिए जाने  का आरोप , यूं तो उनके एक मंत्री द्वरा  इस्तीफा दिये जाने  से ही सिद्ध लगता हैं | परंतु पुलिस में सब इंस्पेक्टरों और शिक्षा विभाग में  अध्यापको की भर्ती में रिश्वतख़ोरी  के आरोप मंत्रियो तक पर लगे थे | अब काँग्रेस को भ्रस्ताचर  के खिलाफ अपनी पार्टी के काडार  की सहता से राज्यव्यापी मुहिम चलानी होगी , वरना जिस प्रकार मोदी जी का 15 लाखा देने का वादा आज झूठ ली मिसाल या जुमला बन गया है उसी प्रकार चालीस परसेंट  की रिश्वतख़ोरी  भी मज़ाक बन के रह जाएगी |