Bhartiyam Logo

All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jun 13, 2023

 

घर में लागि आग और गुहार दिल्ली  तक !!

 

    जी हाँ  भोपाल मे मंत्रालय के सतपुड़ा” की सात मंज़िला इमारत में सोमवार को लगी आग –अनेक कारणो से “गिनीज़ बुक ऑफ रेकॉर्ड “ में दर्ज़ की जाएगी ! पहला कारण तो यह है –की इतनी बड़ी सरकारी इमारत में अग्नि शमन के आवश्यक इंटेजम नहीं थे –जो बहुमंजिला  भवनो के लिए कानूनी रूप से जरूरी है ! यानि की स्प्रिंकलर – और आग लाग्ने पर – आपातकालीन निकलने की व्यवस्था  | जो सरकार टाउन अँड कंट्री प्लानिंग के नियमो के अनुसार नहीं बने भवनो को जमीदोज़  करने के लिए बुल्ल्डोज़ार  का इस्तेमाल करे –वह खुद की इमारतों में मनमाने ढंग से निर्माण करती है ! यह है सरकार का रवैया !

दूसरा कारण इस अग्निकांड का महत्वपूर्ण है –वह है की आग से बचाव के लिए हर शहर में एक फायर फाइघ्टिंग विभाग होता हैं | वस्तुतः यह नगर महापालिका के अधीन होता हैं | राजधानी में भी है | परंतु इस विभाग के भरी – भरकम अमले और उसकी मशीनरी की कलाई इस अग्निकांड में खुल गयी ---- जब उसकी करोड़ो रुपए की ट्रक जिस पर बीस मीटर की सीढी खुल ही नहीं पायी ! और अफसरान खुले मुंह देखते रहे ! 

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मामला है -- घटना के समय भोपाल नगर निगम के अग्निशामन विभाग के लोग  स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग द्वरा आयोजित "शिव पुराण " की कथा में आए लाखो श्र्धलुओ  को पानी पिलाने में मशगूल थे !  अब  नौतपे की भ्द्दर गर्मी में  आगजनी की घटनाओ की आशंका को दरकिनार कर नगर निगम  पुण्य  कमाने में जोत दिया गया था | फिर क्या - जो होना था वही हुआ - बद इंतजामी !

  चौथा और सबसे महत्वपूर्ण मामला है ---की जब यह घटना हुई तब हमारे मुख्य मंत्री शिवराज सिंह जी ने तुरंत प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह तथा  वायु सेना की मददके लिए राजनाथ सिंह को फोन से संपर्क किया ! अब इस आग को राष्ट्रिय आपदा  ना कहे तो क्या कहे !  अरे भाई नगर में इमारत में लगी आग को स्थानीय इंतेजामों से ही बुझाया जाएगा --कोई दिल्ली से  फायर फाइघ्टिंग  के लिए एनडीआरएफ़ की टीम थोड़े ही आएगी ! फिर क्यू मुख्य मंत्री ने यह ""अनोखा  प्रयास किया """ ?

 

        वैसे सोमवार को लगी आग मंगल वर को भी सुलगती रही , चौथी मंजिल के एयर कंडीशनरो से आग की लपटे देखि गयी ,पर काबू पा लिया गया |  अब आते है की क्यू विधान सभा चुनावो की घोसना होने के तुरंत बाद ऐसी घटना कैसे हो गयी ?  गौर तलब है की देवेन्द्र फदनविस जब महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री थे - और उन्हे एहसास हो गया था की उनकी पार्टी चुनाव हार रही है ---तब भी मुंबई के मंत्रालय भवन में  आग लगी थी ! है न अजीब संयोग ! अब देखने की बात है की कितनी फाइले  और किन किन विभागो की ""भस्मीभूत " हुई !  सूचना के अनुसार तीसरे -चौथी और पाँचवी तथा छठी मंजिलों में स्वस्थ्य विभाग औए आदिम जाती कल्याण विभाग  के दफ्तर थे | जिनकी फाइले जल गयी | कहा जा रहा है की सबसे ज्यड़ा घपले स्वास्थ्य विभाग से जुड़े मामले के है ,एक अनुमान के अनुसार 150 मामले ऐसे है जिनमे भ्र्स्तचर की जांच चल रही थी | 65 मामले ईओ डब्लू  और लोकयुक्त के थे | अब उनमे कभी जांच नहीं हो सकेगी !

      कुछ जलते सवाल !

 मुख्यमंत्री को एक आगजनी के मामले में केंद्र से या कहे अपने सर्वोच्च नेत्रत्व को सूचित करने अथवा मदद मांगने के क्या कारण थे ?

 वायु सेना कभी भी नागरिक छेत्रों में वायुयान अथवा हेलीकाप्टर से आघ बुझाने का काम नहीं करती है , कम से कम मेरी याद में तो ऐसा कोई मामला नहीं आया है | केंद्रीय मदद प्राकरतीक आपदाओ अथवा बड़ी दुर्घ्त्नाओ जैसे बालासोर की रेल्वे दुर्घटना अथवा मौजूदा तूफान के मामलो में ही अकतीव होती है ------वह किसी भवन में आघ लाग्ने में नहीं आती है |

तब क्या विरोधियो के इस आरोप में दम है की वर्तमान सरकार अपने अनियमित और भ्रष्ट कार्यो के सबूतो को मिटा रही थी !  वक़्त बताएगा |