चिटफड कंपनियो के खिलाफ कारवाई अब कलेक्ट र करेंगे
प्रदेश के अनेकों ज़िलो मे छोटे - छोटे बचत खाता खोल कर रोज 50 से 100 या 200 रुपये की किश्त जमा करने वालों के पैसे लेकर गायब हो जाने वाली कंपनियो पर अब पोलिस यह कर अपना पीछा नहीं छुड़ा सकती यह मामला कंपनी से जुड़ा हैं | इसलिए कारवाई रिजर्व बैंक द्वारा की जाएगी | अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक सर्क्युलर जारी कर के ज़िलो के कलक्टरों को अधिकार दिया हैं की वे चिटफंड कंपनियो के खिलाफ जनता से शिकायत मिलने पर कानूनी कारवाई निश्चित करे | इस अधिकार मिल जाने से अब उन लाखो लोगो को राहत मिलेगी जिनके पैसे लेकर चिटफंड कंपनी भाग जाती थी और पोलिस और प्रशासन कानून के अभाव की शिकायत करके उन बेसहारा लोगो के कष्ट को दूर करने मे असफल रहता था |
रिजर्व बैंक द्वारा अधिक्ररत नान बैंकिंग फ़ाइनेंस कंपनी भी कुछ खास स्थितियो मे ही लोगो से जमा स्वीकार कर सकती हैं |परंतु चिटफंड के नाम पर हजारो फ़र्म लोगो को धोखा दे रही हैं | रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार देश मे पाँच हज़ार से अधिक ऐसी कंपनीय कार्यरत हैं , जो पूरी तरह से वैधानिक नहीं हैं , परंतु कानूनी दाव-पेंच के कारण इनके खिलाफ केवल दीवानी यानि सिविल कारवाई ही हो सकती हैं | दीवानी कारवाई मे अदालते सालो साल लगती हैं , जब की पुलिस चाहे तो ''अमानत मे खयानत के केस दर्ज़ करके '''' कारवाई कर सकती हैं , परंतु करती नहीं हैं |
रिजर्व बैंक द्वारा अधिक्ररत नान बैंकिंग फ़ाइनेंस कंपनी भी कुछ खास स्थितियो मे ही लोगो से जमा स्वीकार कर सकती हैं |परंतु चिटफंड के नाम पर हजारो फ़र्म लोगो को धोखा दे रही हैं | रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार देश मे पाँच हज़ार से अधिक ऐसी कंपनीय कार्यरत हैं , जो पूरी तरह से वैधानिक नहीं हैं , परंतु कानूनी दाव-पेंच के कारण इनके खिलाफ केवल दीवानी यानि सिविल कारवाई ही हो सकती हैं | दीवानी कारवाई मे अदालते सालो साल लगती हैं , जब की पुलिस चाहे तो ''अमानत मे खयानत के केस दर्ज़ करके '''' कारवाई कर सकती हैं , परंतु करती नहीं हैं |