राफेल
विमान करार
लाख
छुपाओ छुप ना सकेगा -राज
हो कितना गहरा – सच की बात निकल
आती हैं …
yyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyy
साथ
के दशक की देव आनंद की फिल्म
असली -
नकली
का यह गाना बरबस
जेहन
मैं आ जाता है जब --राफेल
पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुना तब ये लाइने कहते
हैं की जिस बात का डर हो अक्सर
वह हो कर रहती हैं ,
कुछ
वैसा ही ,
नरेंद्र
मोदी जी की सरकार के साथ हुआ
|
मोदी
जी और -अमित
शाह तथा सम्पूर्ण बीजेपी –
जनहा नरेंद्र मोदी जी को
महातमा गांधी से भी "”महान
बनाने की कोशिस नकली साधनो
और झूठ के तर्को से कर रही हैं
,
वनही
देश की सर्वोच्च अदालत ने
राफेल विमान के खरीद के सौदे
की "””समीक्षा
"”
करने
का निर्णय लेकर ना केवल सरकार
वरन नरेंद्र मोदी जी की निष्ठा
पर व्यक्तिगत रूप से "”प्रश्न
चिन्ह "”
लगा
दिया हैं !
इससे
पिछले एक सप्ताह मैं आंध्र -
कर्नाटका
-
तमिलनाडू
और मध्य प्रदेश मैं अपने विरोधी
पार्टियो के निकत्स्थ लोगो
पर "””आय
कर "”के
छापे डाल कर जो "””
मेरी
कमीज़ सबसे सफ़ेद "”
का
तरीका निकाला था |
उसे
सर्वोच्च न्यायालय की प्रधान
न्यायाधीश गोगोई -कौल
और जोसेफ की पीठ ने एक स्वर से
राफेल सौदे को जांच का फैसला
किया हैं |
अब
देखना यह होगा की की क्या हमेशा
की तरह इस मुद्दे पर अपना मुंह
बंद रखने वाले मोदी जी --कोई
प्रतिकृया देंगे !!
उनके
सहयोगी इसे न्यायाइक प्रक्रिया
बता कर पलल झाड लेगे !
पर
क्या बोफोर्स घोटाले की भांति
यह नरेंद्र मोदी जी के लिए
घातक नहीं होगी ?
बीजेपी
नेताओ के अनुसार राफेल एक
सरकारी खरीद का मामला हैं
---इसका
प्रधान मंत्री से कोई लेना
-देना
नहीं हैं !
पर
क्या कोई अथवा आम लोग इस बचाव
पर यकीन करेंगे ?
अभी
तक चुनावी रैलियो मैं मोदी
जी अपनी उपलब्धियों को तो कम
ही बताते थे ------विरोधियो
के परिवार जनो उनके पुरखो तक
को याद कर लेते थे |
किसी
ने कहा की "”विरासत
मिलती भाग्यवानों को और भाग्यवान
ही विरासत छोड़ जाते है "”
बाक़ी
तो आते हैं और चले जाते हैं ,
उनको
पितर पक्ष मैं पानी देने वाला
भी नहीं मिलता !!!
नरेंद्र
मओडी जी का सार्वजनिक रूप से
पाखंड बुधवार को रात मैं सीएनएन
मैं दिये गए इंटरव्यू से उजागर
हुआ |
उनसे
जब देश के विकास के बारे मैं
पूछा गया तो ,
उनका
जवाब था की मेरे से पहले की
सरकारो ने और परदेशो की सरकाओ
ने विगत समय मैं बहुत विकास
किया हैं !!!
आज़ादी
के बाद के नेत्रत्व पर पुछे
गए सवाल के जवाब मैं उनका कहना
था की ---
मैं
मानता हूँ की अगर देश के पहले
प्रधान मंत्री सरदार बल्लभ
भाई पटेल होते तब देश बहुत
आधी विकास की ऊंचाइयों को छू
रहा होता !
आज
मुझे शौचालय नहीं बनवाने पड़ते
!
विदेशी
चैनल से तो अपने से पहले 17----
प्रधान
मंत्रियो के योगदान को स्वीकार
किया ,
परंतु
चुनावी रैलियो मैं मैं तो वे
खुद को ही भारत का खुदा बताते
नहीं अघाते |
उधर
उनके खाश जुमले "”की
काँग्रेस और विरोधी दल पाकिस्तान
की भाषा बोलते हैं "”
हम
उन्हे मसलने की बात करते हैं
तो उन्हे दर्द होता हैं !!!
अब
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री
और मशहूर खिलाड़ी इमरान खान
ने एक बयान देकर कहा हैं की
--वे
चाहते हैं की चुनावो मैं मोदी
जी की भारतीय जनता पार्टी
जीत जाये |
क्योंकि
उनके जीतने से दोनों देशो के
बीच के झगड़े के मसले हल हो
जाएँगे !!!!
अब
एक ही बात दोनों प्रधान मंत्रियो
मैं कामन है "””वह
हैं सेना की भूमिका !!!!
पाकिस्तान
मैं तो सेना की भूमिका निर्णायक
हैं ---पर
भारत मैं नागरिक प्रशासन
सर्वोपरि है ---
कानून
का शासन है |
जो
मोदी जी को कष्ट देता रहता हैं
----क्योंकि
उनकी हनक और सनक किसी नियम या
प्रक्रिया की मोहताज नहीं
हैं |
वे
तो बस "””मेरी
मर्ज़ी "”
के
गुलाम हैं |
जिसके
लिए अनेका बार सरकार और उसकी
मशीनरी की इमान दारी और निष्पक्षता
पर संदेह होने लगता हैं |
सर्वोच्च
न्यायालय ने ,फ्रांस
की विमान कंपनी ड्साल्ट से
लड़ाकू विमानो की खरीदी की
प्रक्रिया और – उसमैं प्रधान
मंत्री कार्यालय की अनकही
दखलंदाज़ी -
और
करार की शर्तो का "”देश
"”
के
लिए हानिकारक होना तथा भारत
मैं पुर्जो आदि के निर्माण
के लिए अनिल अंबानी की तीन
माह पुरानी कंपनी को सहयोगी
का दर्जा दिलाने की भूमिका
कैसे मिली ||
खरीद
के करार मैं "”एस्करों
अकाउंट "”
नहीं
खोला जाना ,तथा
फ्रांस द्वरा राज्य की गारंटी
देने से इंकार करने के मसलो
की समीक्षा होगी |
इतना
ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने
राफेल सौदे पर लोकलेखा समिति
की रॉय नहीं ली ,
तथा
लोकसभा को भी सरसरी तौर पर ही
"”सूचित
किया गया "”
| इतना
ही नहीं जब प्रारम्भिक कारवाई
मैं सर्वोच्च न्यायालय ने
विमान कहरीद से संबन्धित सौदे
के दस्तावेज़ो को देखना चाहा
---तब
भी सरकार ने सही स्थिति नहीं
बताई !
दस्तावेज़ो
मैं कहा गया की लोकलेखा
महानियंत्रक ने सौदे की शर्तो
का अध्ययन कर लिया हैं ,
एवं
उन्होने कोई आपति नहीं लगाई
है !
सामान्य
तौर पर लोकलेखा महानियंत्रक
की सभी रिपोर्ट लोकसभा की
लोकलेखा समिति को भेजी जाती
है |
जो
उस पर विचार करके सरकार को
अपना अभिमत देती हैं |
परंतु
मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट
को इस मामले मैं भी "”सही
वस्तुस्थिति नहीं बताई "”
, वरन
जब लोकलेखा समिति के संयोजक
काँग्रेस के खडगे ने बयान
दिया की समिति के सामने लोकलेखा
महानियंत्रक की रिपोर्ट राखी
ही नहीं गयी ,
तब
सरकार की ओर से अट्टार्नी जनरल
वेणुगोपाल ने ने सफाई पेश
करते हुए कहा "””
यह
टाइप करने मैं चूक हुई हैं
,जिसे
माननीय न्यायधीश समझ नहीं
पाये हैं !!!
फिर
जब सरकार की ओर से राफेल सौदे
पर कंबल उढाने के प्रयास होते
रहे -------तब
चेन्नई के प्रसिद्ध समाचार
पत्र "”द
हिन्दू "”
राफेल
सौदे से संबन्धित सभी दस्तावेज़
छाप कर सार्वजनिक कर दिये |
तब
भी वेणुगोपाल जी ने गोपनियता
कानून के अंतर्गत हिन्दू पर
कारवाई करने का सरकार के इरादे
की बात कही |
यह
सब 14
मार्च
2019
को
हुआ |
हालांकि
अरुण शौरी -यशवंत
सिन्हा और प्रशांत भूषण ने
राफेल खरीद सौदे की जांच की
याचिका दायर की थी |
जिसे
अदालत ने खारिज कर दिया था |
परंतु
द हिन्दू और एक वेब साइट मैं
दस्तावेज़ो के प्रकशन और प्रसारण
के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार
की दलील को नामंज़ूर करते हुए
,
याचिका
पर सुनवाई की |
प्रधान
न्यायधीश रंजन गोगोई और संजीव
किशन कौल तथा जुस्टिस के एम
जोसेफ ने एक स्वर से सरकार की
दलीलों को खारिज करते हुए
याचिका को मंजूर कर समीछा का
निर्णय दिया |
जुस्टिस
गोगोई और कौल ने 18
पेज
का सम्मिलित फैसला दिया जबकि
जुस्टिस जोसेफ ने 38
पेज
का निर्णय दिया }
उन्होने
मीडिया के एक बड़े वर्ग द्वरा
पक्षपात पूर्ण रूप से समाचार
दिखाये जाने पर चिंता व्यक्त
किया |
उन्होने
वर्स्थ पत्रकार कुलदीप नय्यर
की क्तब बिट्वीन द लाइंस को
उद्धरत करते हुए कहा की अनुछेद
19
{ 1 ए
}
अभिव्यक्ति
की आज़ादी सभी नागरिकों को देता
हैं |
वही
अधिकार मीडिया को भी है |
नय्यर
को उद्धरत करते हुए कहा की
"””
मैं
बहुत निराश हु की पत्रकारिता
की दिशा ही नहीं बदली वरन
पत्रकार अपने मूल्यो को
पुनर्जीवित करने की दिशा मैं
कोई काम नहीं कर रहे हैं |
इस
फैसले से प्रधान मंत्री नरेंद्र
मोदी पर व्यक्तिगत लांछन लगा
हैं |
अब
वे भासनों मैं बहले ही दोस्रो
को बेईमान और भ्रष्ट कहे
------लेकिन
सवाल तो उठेगा ही की सुप्रीम
कोर्ट को बरगलाने का काम उनकी
सरकार ने किया हैं |
अब
यह तो देश की जनता पर निर्भर
है की वह इस खुलाशे के बाद क्या
करती हैं |
|