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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Oct 11, 2020

 

लोकतन्त्र -जनहा विरोधी को अपराधी करार दिया जाये !!

चुनाव लोकतन्त्र में जनता के मत जानने का साधन हैं , परंतु दुनिया के दो बड़े लोकतन्त्र -अमेरिका और भारत आज दोनों ही अपने नेताओ की करनी और कथनो से अपने विरोधी विचार वाले व्यक्तियों को अपराधी बनाने का काम कर रहे हैं | क्योंकी विकास और जन कल्याण जैसे मुद्दे चैनलो और भासनों से नदारद हैं | मौजूद हैं -तो रंग और धरम के प्रति विषैला कथन | जो माहौल को गरम तो करता हैं परंतु "”सच" से बहुत दूर हैं | अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प खुले आम और्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और पूर्व प्रतिद्वंदी हिलेरी क्लिंन्टन पर मुकदमा चलाने की बात कहते हैं | उन्होने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया की वे इसके लिए अटार्नी

जनरल और विदेश मंत्री माईक पांपीओ पर दबाव डाल चुके हैं ! परंतु दोनों ने ही उनकी बात नहीं मानी ! जबकि दोनों ही लोगो के नियुक्ति करता वे खुद हैं | अब किस कारण से उन्होने अपने सत्रह सहयोगीयो को निकाला , और इन्हे क्यू छोड़ दिया , इसका कारण शायद वनहा का जनमत ही हैं |

भारत में भी अनेक राज्यो में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं , परंतु यानहा विरोधी की चरित्र हत्या तक ही अभी तक मामला हैं | बिहार और उत्तर परदेश में जब नाबालिग लड़कियो से बलात्कार होता हैं --तब राज्यपाल खामोश रहते हैं ! परंतु बंगाल और केरल में कोई आरएसएस या बीजेपी के कार्यकर्ता पर हमला या हत्या होती हैं --तब वे तुरंत राष्ट्रपति शासन की धम्की देने लगते है | हाथरस में हुए जघन्य बलात्कार के उपरांत लड़की को पीट पीट कर मार डालने के मामले में मुख्यमंत्री और सरकारी अधिकारी सुप्रीम कोर्ट को यह नहीं बता पाते की आखिर मृतका का दाह संस्कार आधी रात को पुलिस द्वरा क्यू किया गया ? जब इलाहाबाद हाइ कोर्ट ने इस मम्म्ले का स्वतः स्ंग्याँ लेते हुए कहा की "”अंतिम क्रिया को मर्यादित ढंग से हो -यह हर नागरिक का मौलिक अधिकार हैं " तब मुख्य मंत्री आदित्यनाथा ने बयान दिया की --दंगा होने की आशंका से पुलिस को दाह संस्कार रात्रि मेन करना पड़ा | सुप्रीम कोर्ट में यही जवाब उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दिया गया ! सवाल हैं की किस्से दर था की दंगा हो सकता हैं ? क्या दलित परिवार -जिसकी लड़की की हत्या की गयी अथवा कोई और ? दूसरे ही दिन इस कांड के पीछे विदेशी खास कर इस्लामिक संगठनो को जिम्मेदार बताया | क्योंकि काँग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शोक शंतंप्त परिवार से मिलने उनके गाव जाना चाह रहे थे ! पहले प्रयास में दोनों के साथ खूब धक्कामुक्की और लाठी बाज़ी हुई | पर दूसरे दिन किसी चमत्कार की भांति उत्तर प्रदेश सरकार ने ना केवल उन्हे जाने देने का न्यौता भेजा वरन उनकी अगवानी के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और अतिरिक्त मुख्य सचिव को भी भेजा | पर साथ ही यह भी कहा की पापुलर फ्रंट ओफ इंडिया नामक संगठन इस घटना द्वरा "””जातीय संघर्ष "” करवाना चाहता हैं ! गौरा तलब हैं यह वही संगठन हैं जिसका नाम दिल्ली में शाहीन बाग के आंदोलन में आया था | तुरत फुरत कारवाई में चार लोगो की गिरफ्तारी भी हुई ,जिनमें एक केरल के पत्रकार हैं , वे मुस्लिम हैं | अब अमेरिका के फॉक्स न्यूज़ की भांति जो सिर्फ वही खबरे दिखाता हैं जो ट्रम्प के "”माकूल "” हो , उसी प्रकार टीआरपी के घोटाले में घिरे चैनल भी भी यह बता रहे हैं की किस प्रकार पी एफ य के एक व्यक्ति को केरल सरकार ने नौकरी दे राखी हैं | इस तथ्य से वे यह बताना चाह रहे हैं की केरल की वाम पंथी सरकार इस्लामिक संगठनो को धन से मददा करती हैं | आज तक बाकी सभी दलो पर अपराधियो को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं , वे कुछ सीमा तक सही भी होते हैं | इसका प्रमाण यह हैं की सुप्रीम कोर्ट ने जन प्रतिनिधियों के खिलाफ "”आपराधिक मुकदमो '’’के लिए जल्द जल्द कारवाई करने का निर्देश दिया हैं | इसमें सत्ताधारी पार्टी के नेता सबसे ज्यादा फिर समाजवादी के फिर काँग्रेस के फिर बहुजन समाज पार्टी के तथा आँय छेत्रीय दल हैं | वाम पंथी हैं पर काफी कम | हाथरस बलात्कार कांड पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमति आनंदी बेन ने कोई भी प्रतिकृया नहीं व्यक्त की !!! हैं अचरज की बात , महिला होते हुए भी कोई बयान नहीं |

अब असल मुद्दे पर आते हैं की ट्रम्प अपने राजनीतिक विरोधियो को जेल भिजवाने की धम्की देते हैं | परंतु प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा कोई बयान नहीं देते | जो कुछ करना होता है उनकी मातहत एजेंसिया करती हैं | महाराष्ट्र में अभिनेता सुशांत सिंह की मौत को हत्या निरूपित करने के लिए बिहार सरकार और केंद्र सरकार ने तुरंत "”जांच के नाम पर परेशान करने वाली सीबीआई को पहले जांच दी | फिर एंफोर्समेंट डिरेक्टोरेट और अंत में नरकोटिक्स बोर्ड को लगा दिया | एम्स के 11 डाक्टरों की टीम ने साफ कहा की यह आतंहत्या हैं | अफवाह हैं की इस केस के द्वरा महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री उढ़ाव ठाकरे के पुत्र जो खुद भी मंत्री हैं , उन्हे फंसा कर सरकार को बदनाम करने की साजिश थी | जिसमें तलवार बाज अभिनेत्री कंगना रनौट भी आ गयी | उनकी सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने तुरत -फुरत वाई श्रेणी की सुरक्षा भी सुलभ करा दी |

मतलब जो काम ट्रम्प अपने द्वरा नियुक्त मंत्रियो से नहीं करा सके , वह काम मोदी सरकार ने आंखो के इशारे से अपनी मात हत सरकारी एगेंसियों के अफसरो से करा लिया | इस मुक़ाबले में नरेंद्र मोदी ट्रम्प से ज्यादा चतुर निकले | परंतु उनके नेता चाहे गृह मंत्री अमित शाह हो अथवा दिल्ली की पुलिस हो --वे वही करते हैं जिसका इशारा किया जाता हैं | जैसे देसल्ही का शाहीन बाग का प्रदर्शन और दंगा ! पुलिस ने काफी मोटी चार्जशीट बनाई हैं | उसमें किसी एक के कहने से अनेक का हैं | उन लोगो के नाम भी लिखे हैं जो सिर्फ भासन देने गए थे ----पर आरोप दंगा का हैं | बाद में सफाई देते हुए पुलिस ने कहा की येचूरी , हर्ष मंदार आदि आरोपी नहीं हैं | तब फिर नाम क्यू ?

अब आते हैं ट्रम्प जिस प्रकार गोरो के प्रभत्व की बात करते हैं ----वह भारत के संदर्भ में हिन्दू साम्राज्य की बात हैं | संघ और बीजेपी का निशाना मुसलमान रहे हैं --जैसे हिटलर का निशाना यहूदियो पर था | दोनों ही इतिहास के उन पन्नो का दुहराव करते थे जब अमेरिका में अफ्रीकन अमेरीकन का उद्भव हुआ , अथवा भारत में राजनीति में मुसलमानो की भागीदारी हुई | दोनों ही नेता राष्ट्रवाद के नाम पर राष्ट्र की विभाजित जनसंख्या के बल पर राज्य करना चाहते हैं | उनका मकसद "”” बहुमत "”” पाना हैं | अब यह कैसे भी मिले मंजूर हैं | यही मकसद दोनों नेताओ का हैं |