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Sep 3, 2013

मस्जिदों के इमामो को भत्ता देना असंवैधानिक हैं --- कोलकतता उच्च न्यायालय

मस्जिदों के  इमामो  को भत्ता देना  असंवैधानिक हैं ---  कोलकतता  उच्च न्यायालय

                   ममता बनर्जी  की सरकार के ''जनहितकारी''  फैसले को कलकत्ता  उच्च न्यायालया ने ""असंवैधानिक "" करार दिया हैं | त्राणमूल  काँग्रेस की सरकार ने मस्जिदों  के इमामो और मुयज़्ज़िनों को प्रति माह 2500 रुपये देने का फैसला किया था |  जिसके लिए  बकायदा प्रदेश के ज़िलो का मुआइना किया गया | इसके लिए  हाइ कोर्ट के अवकाशप्राप्त  न्यायाधीस अब्दुल  गनी की  अध्यक्षता मे एक आयोग बना कर सभी इमामो और मुयाज़्ज़िनों के लिए आर्थिक   सहायता की सिफ़ारिश की थी |  आयोग ने इमामो को 2500 रुपयो प्रति माह दिये जाने की और मुयज़्ज़िनों को भी पाँच सैकड़ा हर महीने देने का फैसला किया था |

                                    सरकार के इस फैसले को हाई कोट्  मे चुनौती दी गयी | मुख्य न्यायाधीश  प्रणव कुमार बनेर्जी  तथा मुरारी मोहन श्रीवासतवा ने याचिका पर विचार करते हुए सरकार के इस फैसले के तर्क  को अमान्य कर दिया की सरकार  अपने  नागरिकों के हित के लिए निरण्य लेने के लिए स्वतंत्र हैं | परंतु अदालत ने उनके ""जनहित''' के आधारो को नामंज़ूर कर दिया | पीठ ने अपने फैसले मे धर्म के आधार पर शासन द्वारा आर्थिक मदद दिये जाने को असंवैधानिक  करार दिया | अब इस फैसले के खिलाफ सूप्रीम कोर्ट मे अपील तो होगी ही , तब देखना होगा की '''सरकारे जनहित के नाम ''' पर  कितनी दूर जा सकती हैं |