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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

May 16, 2023

 

 कर्नाटक में कनही काँग्रेस ना भटक जाये – 2024 की तैयारी से  !

 

         कर्नाटक विधान सभा चुनावो में काँग्रेस की विजय कंहे या बीजेपी की पराजय  परंतु  जिस प्रकार की पैंतरेबाजी  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी कर रहे हैं  उससे काँग्रेस समेत सभी विपक्षी दलो को  उनकी चालो को समझना होगा , अन्यथा  बाद में  ईवी एम  को और चुनाव आयोग के पक्षपात के किस्से ही सुनने को मिलेंगे |  सबसे पहले तो बीजेपी और उनके समर्थक तत्व  तथा “”भक्त”” गण  समाज में काफी जहर  घोलने का काम करेंगे |  कर्नाटक वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम नेताओ ने एक प्रेस कोंन्फ्रेंस में यह कह कर  , अलपसंख्यकों के 80 % वोट काँग्रेस के समर्थन में डाले गए हैं | जिसका परिणाम हैं की जिन स्थानो पर जेडीएस  को विगत विधान सभ च्नवों में सालता मिली थी –उन्हे इस बार वनहा पराजय मिली –तथा काँग्रेस को सफलता मिली | इन धार्मिक नेताओ की महत्वाकांछ  उनकी मांगो से पता चलती हैं | जो उन्होने एक उप मुख्यमंत्री के पद के साथ गृह और शिक्षा विभाग मुस्लिम को दिये जाने की बात काही हैं |  अब यह मांग आँय पकछो  को  बिलकुल भी जायज नहीं लगेगी | कारण यह हैं की  आबादी के हिसाब से ही मंत्रिमंडल में स्थान दिये जाते हैं | उनमे व्यक्ति और स्थान का महत्व होता हैं |  बीजेपी प्रवक्ताओ ने चैनलो  की बहस में यानहा तक कह दिया की काँग्रेस को  अपनी “””पाँच प्रतिज्ञाओ के पालन के लिए  किसी मुसलमान या अनुसूसूचित जाति को मुख्य मंत्री का पद  काँग्रेस को देना चाहिए |

                        हालांकि  खुद बीजेपी जनहा पर अपनी सरकार हैं उन स्थानो  में ना तो अलपसंख्यकों और ना ही अनुसूचित जाति को तरजीह देती हैं | पर यह दुसप्रचार  काँग्रेस समेत उन दलो को नुकसान कर सकता हैं जो  जातिगत वोट बंकों  के आधार पर चुनावी रणनीति नहीं बनाते हैं | पर बीजेपी का हिन्दुत्व का एजेंडा  और मुस्लिम विरोध   मतदाताओ को दिग्भ्रमित कर सकता हैं |

        मोदी जी का पराजय को छुपाने का इवैंट मानेजमेंट का दांव :-  जैसा की उम्मीद थी की  कर्नाटक च्नवों में एक ही चेहरा था बीजेपी की ओर से , और वह था नरेंद्र मोडीजी का !  परंतु  जब परिणाम विपरीत आने शुरू हुए तो फोटो पार्टी अध्याकाश नड़ड़ा  जी का लगा दिया गया | मतलब साफ जीते तो हम और हारे तो तुम जिम्मेदार !  अब देश में एक बार मीडिया में विज्ञापनो और कार्यक्रमों के आधार पर  मोदी सरकार के 9 साल के फैसलो का गुणगान किया जाएगा | भले ही “मन की बात” से आम जनता की वितरशना  साबित हो गयी हो ----परंतु हमारे मुखिया ने उन कथानको पर एक चित्र प्रदर्शनी  लगवा दी | अब जैसे करोड़ो खर्च कर के  प्रधान मंत्री अपनी बात देश को जबर्दस्ती सुनने पर मजबूर करते थे , वह काम तो अब बंद हो जाएगा | क्यूंकी मोदी जी और उनके सलहकारो को अपनी सोच और समझ के छेद  समझ में आ गए हैं | इसलिए अब सुनने की बजाय दिखने का बंदोबस्त किया हैं | 

          विश्व गुरु की पदवी के लिए  वे भी मुगल बादशाहों  की भांति मूर्ति – मंदिर और इमरते बनवाने का शौक पूरा कर रहे हैं |  अब नए संसद भवन  की जरूरत केवल इसलिए हुई -----क्यूंकी सांसदो के बैठने की जगह कम थी !!!! ब्रिटिश संसद में कुरसिया  नहीं है सांसदो के लिए -----बेंच है बैठने के लिए ! उनका लोकतन्त्र  हमशे कई सदियो पुराना हैं | संयुक्त राष्ट्र अम्रीका  के काँग्रेस { सीनेट एवं हाउस ऑफ  रिप्रेसेंतेतिव }  भवन में भी कुरसिया ही लगी हैं |  शायद भारत पहला राष्ट्र होगा जो 70 साल में ही अपने लिए नया संसद भवन बनया हैं |  इसके उद्देश्या में  --सिर्फ यही कहा गया हैं की बैठने की जगह कम है और भवन को देखने लायक बनाने के लिए सजावट  की गयी है | वैसे संसद में साल भर में कितने घंटे सांसद रहते हैं !  इस पर बार –बार बतया जाता हैं की किस प्रकार सदन का  काम काज ठप रहा कभी विपक्ष तो  कभी सरकार ही सदन को ठप करती हैं |  तब यह आलीशान भवन भुतहा ही लगेगा !  इमारतों की शोभा उनमे क्रियाशील लोगो से होती है |

 

        काँग्रेस नेत्रत्व को यह बात गंभीरता से समझना चाहिए की कर्नाटक की विजय राहुल की पदयात्रा के समय सद्भाव और प्रेम के कारण मिली हैं |  जिसके कारण आज ममता बैनेरजी  भी काँग्रेस के समर्थन के लिए तैयार हो गयी है | अगर खडगे साहब और राहुल गांधी ने  आम आदमी की भावनाओ  को उजागर किया , उसे  नहीं समझेंगे  तब 2024  कोई लोकतांतरईक परिवर्तन  नहीं ला सकेगा | क्यूंकी बीजेपी की धन शक्ति अपार है और उनके सैकड़ो मुख है –जो जरूरी नहीं  की बीजेपी की आधिकारिक आवाज हो | परंतु समाज में  संदेह और भय का वातावरण  बनाने में  सक्षम हैं |