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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Aug 19, 2015

नरेंद्र मोदी बिहार मे -प्रधान मंत्री या बीजेपी नेता ?



केंद्रीय सड़क निर्माण अधिकरण के आयोजन मे आरा मे सम्पन्न हुआ था --जिसमे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का """" कुख्यात """ भाषण हुआ था | इन्दिरा गांधी का चुनाव सिर्फ इस बात पर निसप्रभावी कर दिया गया था की सुरक्षा घेरे का इंटेजम ज़िला प्रशासन ने किया था | जिसको उच्च न्यायालय ने ""अवैधानिक "" माना था | यह सही है की बिहार मे विधान सभा चुनावो की घोसना निर्वाचन आयोग ने नहीं की है | परंतु फिर भी """शासकीय आयोजन """'को चुनावी प्रचार के लिए इस्तेमाल करना अगर ""'अवैधानिक नहीं है तो कम से कम '''अनैतिक '''' तो है ही | दूसरा 1 लाख 56 हज़ार करोड़ की तथा कथित विशेष सहायता कब से मिलेगी --- कितने वर्षो तक मिलेगी --कितनी योजनाए --कब से शुरू होगी? साथ वे भूल गए की गडकरी जी के मंत्रालय को 2015-16 के लिए 42 हज़ार 912 करोड़ का आवंटन हुआ है जबकि उन्होने अकेले बिहार को ही 54 हज़ार 713 करोड़ की सड़के देने का एलकन कर दिया | क्या यह नहीं मालूम की जिन योजनाओ मे पैसा खर्च करना होता है उसके लिय 1 रुपए की टोकें ग्रांट राखी जाती है और जिसे सदन को पारित करना होता है | ऐसा कुछ भी नहीं हुआ | फिर जिस अंदाज़ मे यह सहायता की घोसना की गयी वह बाजीगरी ज्यादा और भारत के प्रधान मंत्री का भासन कम लग रहा था || आज उन समाचार पात्रो ने भी उनके """अंदाजे बया """ को घोर आपतिजनक निरीपित किया है | आखिर यह सीध हो ही गया की -----नरेंद्र मोदी ----सिर्फ दिल्ली मे ही प्रधान मंत्री की तरह व्यवहार करते है | क्योंकि वाहा """प्रोटोकाल """ के तहत रहना पड़ता है | जब कभी वे दिल्ली से बाहर जाते है तब -तब वे भारतीय जनता पार्टी के नेता और बिहार मे तो वे पूरी तरह बीजेपी के प्रचारक लग रहे थे हा ""स्टार प्रचारक """ परंतु देश के प्रधान मंत्री तो कतई नहीं लग रहे थे |