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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jan 22, 2016

इस्लामिक कट्टरता के खिलाफत का बिगुल -ताजिकिस्तान

इस्लामिक कट्टरता के खिलाफत का बिगुल -ताजिकिस्तान
आज दुनिया मे आतंक के अनेक चेहरे देशो मे कहर बरपा कर रहे है | चाहे आई एस आई एस हो या तालिबन हो या कोई लश्कर हो -नाम कोई हो पर निशाना होते है बेगुनाह इंसान जिंका इन आतंकवादियो से को विरोध नहीं होता ---सिवाय इसके की वे आज़ादी से जीना चाहते है | उधर इस्लाम के नाम से ये तंज़िमे आदमी औरतों और बच्चो का कत्ले आम करती है वह निहायत अमानवीय होता है | उनके इस काम से सिवाय आतंक के ना तो इस्लाम का भला होता है और नाही किसी मिल्लत का |


मौलवियों और मुल्लाओ द्वारा मस्जिद से इस कट्टरता को बड़वा मिलता है या नहीं यह एक विवादित मुद्दा है , परंतु यानहा से निकालने वाली सोच ज़रूर खतरनाक होती है | देख कर चाहे वह दादी भरा चेहरा हो या हिजजब पहने महिला यह मालूम हो जाता है की वे किस मजहब के है | ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति रेहमान ने नज़र आने वाले इस पहचान को खतमकरने का बीड़ा उठाया है | उन्होने 12 हज़ार लोगो की दादी को कटवा दिया है ,और 1700 से ज्यादा महिलाओ को राज़ी किया है की वे हिजाब नहीं पहनेंगी | देश की राजनीतिक मुस्लिम पार्टी को वनहा के सुप्रीम कोर्ट ने गैर कानूनी करार दिया है |




यह सब उस देश मे हो रहा है जंहा 85 प्रतिशत आबादी सुन्नी है और 5 प्रतिशत शिया है | इस मुस्लिम बहुल राज्य द्वारा इस्लामिक आतंक का विरोध करने का यह भागीरथ प्रयास अन्य देशो मे कितना मंजूर होगा यह तो भविष्य ही बताएगा |