Bhartiyam Logo

All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Dec 27, 2021

 

यू पी के चुनाव में पराजय की आशंका में सब कुछ दांव पर लगा !!


इलाहाबाद हाइ कोर्ट के जुस्टिस यादव का फैसला यूं तो अखबारो की सुरखिया बना ही , परंतु उनके गैर न्यायिक टिप्पणियॉ ने मोदी जी और शाह के इरादो की पहुँच को जनता में जता दिया हैं | जुस्टिस यादव ने प्रधान मंत्री की शान में कसीदे तो कहे ही साथ ही कोरोना -और चुनावी सभाओ में उसके खतरे को भी ध्यान में रखते हुए चुनाव को "”सुरक्षित माहौल "”” होने तक टालने का "”संकेत "” भी दिया !! अब मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव यूं तो बीजेपी सरकार और काँग्रेस की रस्साकशी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने अड़ंगा लगा दिया | बात वही पिछड़े वर्ग के लिए पंचायत चुनावो में पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर थी | परंतु राज्यपाल को अध्यादेश को निरस्त करने की मंत्रिमंडल की सिफ़ारिश में भी कोरोना हैं ! यूं तो अबा बात कोरोना से आगे "”ओमिकरान "” तक आ पहुंची है | वैसे बंगाल विधान सभा चुनावो में मोदी सरकार और निर्वाचन आयोग को कोरोना महामारी के प्रकोप का "”खौफ "” नहीं था | क्यूंकी वनहा तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नारा था "””अबकी बार 300 पार "” ! परंतु बीजेपी की गाड़ी 90 पर ही अटक गयी | वैसे रपट पड़े तो हर गंगा की तर्ज़ पर ही शाह ने इन परिणामो को भी आपदा में अवसर भुनाते हुए कहा की हम इकाई से दहाई की संख्या तक पहुचे | और वामपंथियो का डब्बा गुल कर दिया !

खैर यह तो हुआ एक पैंतरा दूसरा वार उन्होने 14 माह तक दिल्ली में मोदी सरकार की नाक के नीचे धरना देते किसानो के गुस्से को तथा आम जनता को उनकी मांगो के समर्थन के उत्साह से भयभीत नरेंद्र मोदी जी ने

उत्तर प्रदेश में योगी के जन विरोध को देखते हुए तथा समाजवादी के अखिलेश यादव की रैलियो में उमड़ते जन समूह की तादाद से भी केंद्रीय सरकार की एजेंसिया सतर्क हुई | उन्होने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जनहा जाट और गुजर समुदाय और मुसलमानो का बाहुल्य है , वनहा से सत्तरूद पार्टी के सफाये का संकेत दिया था | ताबड़तोड़ तरीके से मोदी जी ने यू पी में अमित शाह और राजनाथ सिंह के साथ पार्टी अध्यक्ष नड़ड़ा को भी चुनावी जंग में उतार दिया | तब सबकी समझ में आगया की मोदी जी को भी एहसास हो गया हैं की माहौल उनके नारो से नहीं सम्हाल रहा हैं | भले ही वे सरकारी आयोजन को चुनावी रैली में बदल कर – कहे की यू पी में योगी बहुत उपयोगी ! परंतु मोदी जी के मोटर काफिले के साथ पैदल रास्ता नापते हुए योगी की तस्वीर ने सब कुछ बयान कर दिया था की अब वे विधान सभा चुनावो में मात्र "””प्राकसी "” की ही हैसियत हैं | असली लड़ाई तो नरेंद्र मोदी जी को ही हैं | क्यूंकी इन चुनावो से 2023 के लोक सभा चुनावो की राह निकलनी होगी ----वरना उनका "”सामराज्य "” ढहते देर नहीं लगेगी |

मोदी जी और संघ का तंत्र सिर्फ यू पी में ही नहीं सक्रिय हैं , उसकी कारवाई पंजाब -हरियाणा और उत्तराखंड तक हो रही हैं | 14 माह तक लगातार धरने पर कायम रहने के कारण ही मोदी जी को टीवी पर माफी मांगनी पड़ी और तीनों काले कानूनों को वापस लेने का वादा करना पड़ा | परंतु भारतीय किसान यूनियन के नेता टिकैत ने साफ कह दिया जब तक मोदी के कहे पर संसद की मुहर नहीं लगती ,तब तक धरना जारी रहेगा |एवं आश्चर्य की बात की जनता को "””जुमला परोसने वाले मोदी जी "” को उनकी सारी शर्ते माननी पड़ी | फिर भी टिकैत ने कहा की समझौते के "”उचित तरह से पालन होने तक किसान आंदोलन "”स्थगित हैं वापस या खतम नहीं हुआ हैं "”” | वैसे संयुक्त किसान मोर्चा जिसके 400 से भी ज्यादा घटक हैं उन लोगो ने "”यह साफ कर दिया था की वे चुनावी राजनीति में हिसा नहीं लेंगे "” | शायद उन्हे आंदोलन से निकले राजनीतिक संगठनो में ""असम के छात्र गण परिषद और अन्न आंदोलन से निकल्ले "” आम आदमी पार्टी "” का परिणाम देख रखा हैं | परंतु नरेंद्र मोदी जी ऐसे ताकतवर विरोधी को कायम नहीं रहने देना चाहेंगे | क्यूंकी ये लोग कभी भी उनके नेत्रत्व को चुनौती दे सकते हैं |

इसलिए जब पंजाब के 20 किसान संगठनो ने पंजाब विधान सभा चुनावो के लड़ने की घोसना किया , तब संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से टिकैत ने साफ साफ कहा की "”किसान किंग मेकर हैं हमे किंग नहीं बनना हैं "” सभी नेता हमारे ही हैं , और हम भी सभी के हैं | परंतु पंजाब से आने वाली खबरों के अनुसार वनहा की कांग्रेस्स की सरकार को चुनावो में वैसी सफलता मिलने की कम उम्मीद हैं जैसी विगत में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेत्रत्व में मिली थी | इस बार कैप्टन ने कांग्रेस्स से अलग हो कर अलग पार्टी बना ली हैं , और बीजेपी से चुनावी सम्झौता कर लिया हैं ! उनकी पार्टी कॉंग्रेस के वोट बैंक को ही घटाएगी | उधर अकाली पार्टी के वोट बैंक को सेंध लगाने के लिए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल को "”””संयुक्त समाज मोर्चा '’’ की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया हैं | उनके अनुसार पंजाब के 32 संगठनो ने दिल्ली धरने में भाग लिया था , उनमें से 22 संगठनो ने संयुक्त समाज मोर्चा की पहल का समर्थन किया हैं |

अब इस घटना को सहज रूप से नहीं लिया जा सकता | क्यूंकी इस एक कदम से "”स्थगित किसान आंदोलन "” टूट सकता हैं , और शिरोमणि अकाली दल तथा कॉंग्रेस के वोट बंकों को नुकसान पहुंचा सकती हैं !!!! उधर पंजाब में "”बेअदबी "” के मामलो ने सिख समुदाय में कट्टरता को हवा दी हैं | उधर ऐसा ही कुछ उत्तराखंड के हरद्वार में कुछ भगवादधारियों द्वरा "”धरम संसद "” बुला कर उसमें प्रतिभागियो को मुसलमानो को खतम करने लिये शस्त्र उठाने का आवाहन किया और कसम खिलाई गयी | मज़े की बात हैं की उतराखंड की पुलिस द्वरा घटना का वीडियो वाइरल होने के पश्चात भी कोई कारवाई नहीं किया जाना ,यह संदेह पैदा करता हैं की , “””ऊपर से आदेश के कारण "”” ही प्रशासन मौन हैं !!! अब सर्वोच्च न्यायालया में 60 वकीलो ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत प्रधान न्यायाधीश से कारवाई किये जाने की याचिका लगाई हैं | उधर प्रधान न्यायाधीश रमन्ना ने एक समारोह में सरकार और विधायिका द्वरा अदालतों के निर्देशों की अवहेलना किए जाने की शिकायत की | उन्होने कहा की "”कुछ लोगो द्वारा यह कुप्रचार फैलाया जा रहा हैं की जज ही जजो की नियुक्ति करते हैं | यह सच नहीं हैं "” वैसे यह मुहिम एक हिंदुवादी कट्टर सौर्स द्वरा सोशाल मीडिया में फैलाया जा रहा हैं | प्रधान न्यायाधीश के अनेक फैसले सत्तासीन गुट के मनोरथ के खिलाफ दिये गए हैं | जिसे संघ और बीजेपी के एक आनुसंगिक संगठन के मुखिया द्वरा प्रसार किया जाता हैं | लखीमपुर घटना में सुप्रीम कोर्ट द्वरा हस्तकछेप से केंद्रीय राज्य गृह मंत्री टेनी किसानो की समूहिक हत्या के आरोपी बन गए हैं |

उधर अभिनेत्री हेमा मालिनी जो मथुरा से बीजेपी सांसद भी हैं ,उनके द्वारा मथुरा का उद्धार भी अयोध्या की तरह किए जाने का बयान भी सार्वजनिक रूप से देना , इस भावना को बल देता हैं की हिन्दू --मुसलमान का खेल फिर शुरू हो गया हैं | यह बात ड्रीम गर्ल के मुंह से आना कुछ अजीब लगता हैं |क्यूंकी अभिनेता और पूर्व बीजेपी संसद धर्मेंद्र से विवाह करने के लिए इस्लाम धरम अपनाया था | लगता हैं इस महिला ने धरम परिवर्तन को भी फिल्म का डायलोग समझ लिया हैं | पर हक़ीक़त लोगो को मालूम हैं | इसी तारतमय में अंबाला के चर्च में तोडफोड और पंजाब के गुरुद्वारो में बेअदबी की घटनाए भी समाज के एका को तोड़ने वाली हैं | परंतु क्या इस बार फिर एक अयोध्या कांड ही बीजेपी की सफलता की राह बनेगा ? क्या फिर से सांप्रदायिक दंगे हिन्दू और मुसलमान को अलग - अलग कर देंगे ? ये सवाल हैं जिसका जवाब विधान सभा चुनाव में मिलेंगे |