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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Apr 22, 2019


विदेशो मैं नाम

मोदी जी भारत का नाम हजारो वर्ष पूर्व की सभ्यताओ मैं भी आदरणीय था !


प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पाँच साला उपलब्धियों मैं एक नारा है विदेशो मैं भारत का सम्मान बढाया प्रधान मंत्री ने | अब काँग्रेस नेता सोनिया गांधी को पढ कर भाषण देने वाली नेता कह कर , भारतीय जनता पार्टी के नेता बहुत खिल्ली उड़ाया करते थे | खुद मोदी जी भी इस बात पर चुटकी लिया करते थे | अब संघ समर्थक और बीजेपी के लोगो को यह जान कर बहुत धक्का लगेगा की देश को दिशा देने वाले नरेंद्र दामोदर दास मोदी खुद अपनी चुनावी रैलियो मैं दो - दो टेली प्रोंप्टर के सहारे भाषण देते हैं !!! सोमवार को वाराणसी संसदीय छेत्र से उनके द्वारा नामांकन भरे जाने की संभावना हैं | उनके अनेक नारो या जुमलो मैं आज कल यह नारा "””उन सभी स्थानो मैं प्रमुखता से से विज्ञापन के रूप मैं होर्डिंग और सड़क के आर - पार लगने वाले कपड़े के थान पर भी लिखा मिलता हैं "” प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के समय मैं विदेशो मैं देश का सम्मान बड़ा हैं "”” और हस्ब्मामूल उसी लंबाई -चौड़ाई मैं फोटो भी लगा होता हैं |

अब हमारे प्रधान मंत्री इतिहास मैं कुछ कमजोर हैं – इसलिए उन्हे यह नारा "” गलत नहीं लगा होगा "” क्योंकि उन्हे मालूम ही नहीं , हजारो साल पूर्व जब मिश्र और सुमेरियान -तथा रोम सभ्यताए अस्तित्व मैं थी तब वनहा भारत के मसाले – सूती और रेशमी कपड़े तथा सोने के आभूसण और हीरा -जवाहरात का व्यापार होने के ऐतिहासिक उदाहरण हैं ! उनके गुजरात से अफ्रीका के देशो के व्यापार हुआ करता था | जिसका उदाहरण गुजरात मैं बसे हुए नीग्रो जाती के लोगो का होना हैं ! अब पारसी धर्म के अनुयायी
भी व्यापार के अनुभव के बाद ही शरण के लिए गुजरात के तट पर आए थे !! शिवाजी की जल सेना मैं सिद्दिक नाम के सरदार का नाम आया हैं --जो नीग्रो था ! अब यह सब कुछ मोदी जी अथवा संघ या भारतीय जनता पार्टी के अस्तित्व मैं आने के पूर्व के हैं , तब किस प्रकार उन्होने देश का सम्मान बड़ाया ??
अतिशयोक्ति और अतिरेक ही शायद मोदी जी के सोच और भाषण का आधार हैं | क्योंकि सिकंदर के हमले से पूर्व भी त्रिवांकुर -कोचीन के तटो से इन्डोनेसिया -मलाया --कंबोडिया - लाओस आदि तक दक्षिण भारत के व्यापारी मसाले और रेशमी कपड़े - आभूषण का व्यापार करते थे |
अब मोदी जी यह बताइये की अगर आदर और विश्वास नही होगा तो व्यापार कैसे होगा ?? आखिर आप तो गुजरात के "”बनिया "” हैं ? तब कोई बनिया अथवा व्यापारी ऐसे स्थान पर व्यापार करने जाएगा --जनहा सुरक्षा और सम्मान नहीं होगा ????
जिन अरब कबीलो को संघ समर्थित भारतीय जनता पार्टी आतंक का पर्याय मानती हैं --उनसे भी अदन के रास्ते व्यापार होता था ! शायद इनके भाषण के लिखने वाले इन्हे{{ मोदी जी को }} पूरी जानकारी नहीं देते , वनहा भी वे धर्म भीरु और शांति प्रिय जनता मैं "””परोसा जाने वाला मसाला ही देते हैं , जिसका कोई दस्तावेजी आधार नहीं होता और जो तर्क हीन होती हैं ! क्योंकि मध्यकाल मैं जब येरूशलम के लिए इस्लामी फौज का नेत्रत्व सलहदीन कर रहे थे वनही दूसरी तरफ ईसाई धर्म की ओर से पोप के लिए इंग्लैंड के सम्राट रिचर्ड लड़ रहे थे | तब भी अदन और ईरान से भारत का व्यापार बदस्तूर जारी था | अब नरेंद्र भाई से कोई पूछ तो ले की आप के दौर मैं कौन सी ऐसी बात हुई जो आप कह सकते हों की देश के सम्मान मैं व्रधी हुई ??? सिर्फ दुबई मैं स्वामीराम के मंदिर का उदघाटन ही अगर उनके लिए सम्मान का सूचक हैं ----तब कह सकते हैं की बाबरी मस्जिद ढहाने वालो के संगठन ने इस्लामी कानून {{ सिर्फ कुछ सीमा तक ही }} वाली रियासत मैं :: हिन्दू धर्म का परचम फहराया हैं :: अब 31 .04 लाख की आबादी मैं {जिस मैं भी 38% गैर बाशिंदे हैं } अब इतनी "”बड़ी कहे या छोटी "” जगह मैं मिला सम्मान देश की कलगी पर कितना स्थान घेरेगा ? आखिर दुबई हैं तो एक शहर का देश ! जनहा तक अनेक अन्य देशो देशो द्वरा ,अपने यनहा के राष्ट्रीय सम्मान से मोदी जी को नवाज़े जाने का हैं तो वह औपचारिक सद्भाव का प्रतीक हैं | व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधो को समय - समय पर "” तेल पिलाने "”की ही यह कवायद हैं | इससे देश का तो मान बदता हैं की नहीं --लेकिन ऐसा सम्मान पाने वाला व्यक्ति तो समाज और व्यापारियो मैं प्रमुखता पाता हैं !

इस संदर्भ मैं राजस्थान मैं दिया उनका चुनावी "”जुमला "” सिर्फ सर झुकने पर मजबूर करेगा , उन्होने अपने भाषण मैं राजस्थान की काँग्रेस की सरकार को कोसते हुए कहा की अगर अपने हिस्से के सिंधु नदी के पानी को पाकिस्तान को नहीं दे देते तब राजस्थान मैं जल की कमी नहीं होती ?? अब कौन इन्हे याद दिलाये की पुलवामा पर हुए आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को कुसूरवार बताते हुए – मोदी मंत्रिमंडल के दो मंत्रियो ने कहा था की हम अपने हिस्से के सिंधु नदी के जल को अब पाकिस्तान नहीं जाने देंगे ? सवाल हैं सिंधु जल अंतराष्ट्रीय मसला हैं --जिस मैं कोई भी राज्य सरकार दाखल नहीं दे सकती ! ऐसे मसले केंद्र की सरकार द्वरा दूसरे देश की सरकारो के साथ होते हैं | परंतु मोदी जी का क्या --कहना था सो कह दिया !!!!


अभी अभी उन्होने दो नए "”जुमले निकाले हैं , एक हैं "” मैं गाली को भी गहना बना लेता हूँ |”” जिसका अर्थ हैं की मैं अपनी आलोचनाओ को ही अपनी उपलब्धि बना लेता हूँ | अब गाली या अपशब्द कोई जमा कर रखने की बात नहीं हैं – परंतु हमारे प्रधान मंत्री जी को यह भी एकत्र करने का गुर आता हैं !! आलोचनाओ का जवाब देते तो मोदी जी को कभी सुना नहीं गया ? दूसरा है "””जुमला "” अमित शाह जी ने स्पष्ट किया की 2014 मैं सभी को 15 लाख रुपया देने का "”वादा "” नहीं था , वरन जुमला था ! अब वादा भी "”वाक्य "” है और जुमला भी उर्दू भाषा मैं इसी अर्थ मैं प्रयुक्त होता हैं | अब अमित शाह का यह कहना की जुमला तो बस उछालने के लिए हैं ----- और हिन्दी मैं कहा गया "” 15 लाख मिलेंगे "” भी उर्दू का जुमला बन गया !! वाह वाह मोदी जी और अमित शाह जी !