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May 28, 2014

स्कूलो से आरक्षण के आतंक के खात्मे की शुरुआत



स्कूलो से आरक्षण के आतंक के खात्मे की शुरुआत

मध्य प्रदेश सरकार ने अध्ययन के छेत्र से आरक्षण के आतंक को समाप्त करने के प्रयास का प्रथम
पहल की है , आदिवासी और अनुसूचित विभाग द्वारा संचालित स्कूलो मे आरक्षित वर्ग के छात्र -छात्राओ के लिए बने हुए छात्रावासो
मे अब सामान्य वर्ग के निर्धन छात्रो के लिए भी पाँच फीसदी स्थान देने का आदेश जारी किया है |इस से लंबे समय से आरक्षण की
सार्थकता के प्रति पनप रहे असंतोष को शांत करने पहल ही माना जाएगा | विगत काफी समय से समाज मे यह बहस चल रही थी की क्या
आरक्षण का लाभ आर्थिक रूप से निर्बल वर्ग के लड़के और लड़कियो को नहीं मिलना चाहिए ? क्योंकि इधर यह देखा जा रहा था की आरक्षित
वर्ग के उन बालक - बालिकाओ को मुफ्त शिक्षा और आवास की सुविधा मिल रही थी जिनके मटा - पिता अफसर है , और वे इनके
अध्ययन का खर्च वहन करने मे समर्थ है | परंतु संवैधानिक कारणो से उन्हे यह सुविधा मिलती है | जबकि उन्हे इसकी ज़रूरत नहीं होती है
दूसरी ओर एक प्रतिभाशाली बालक - बालिकाए धन एवं सुविधा के अभाव मे फड़ाई छोड़ने पर मजबूर होते है | शिक्षक भी इन हालातो से
काफी छुब्ध होते है , परंतु कानूनी प्रविधानों के कारण विवशता महसूस करते है |

शिवराज सिंह सरकार द्वारा नरेंद्र मोदी के प्रधान मंत्री पद की सपथ लेने के बाद यह पहला मंत्रिमंडलीय
फैसला है , जिसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है |इस निरण्य ने आम लोगो के मध्य आरक्षण के प्रति पनप रहे आशंतोष की आग पर
पानी का छींटा ही साबित होगा | होने को तो यह कोई बहुत बड़ा फैसला नहीं है , परंतु उस दिशा मे एक प्रयास है जिससे समाज के बड़े वर्ग
मे कुछ आशंतोष कम होगा और आरक्षण के खात्मे की आवाज को कुछ और समय तक टाला जा सकेगा |