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Jun 3, 2014

महाजनो येन गता स प्ंथा --बड़े लोगो के दिखाये रास्ते पर ही लोग चलते है


महाजनो येन गता स प्ंथा --बड़े लोगो के दिखाये रास्ते पर ही लोग चलते है

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्री मण्डल के गठन मे ना तो भाई -भतीजावाद को जगह दी , ना ही कोई
सिफ़ारिश चली न कोई अन्य तथ्य को तवाजोह दी गयी | उन्होने राजस्थान और छातीसगद के मुख्य मंत्रियो की सिफ़ारिशों को एक दम
नकार दिया , दोनों ही अपने -अपने पुत्रो को मंत्रिमंडल मे स्थान दिलाना चाहते थे | परंतु मोदी जी ने किसी भी रिश्तेदारों को जगह देने से
इंकार कर दिया | दोनों ही मुख्य मंत्रियो ने आखिरी समय मे एक - एक सांसद का नाम दिया ,जिनहे शपथ दिला दी गयी | बिना किसी
गुरेज के | इन दोनों को ही समझ मे आ गया की यह नेता इनके दबाव मे नहीं आने वाला है ||

इस कड़े फैसले के बाद मोदी जी ने अपने मंत्रियो और सांसदो को ताकीद कर दी की कोई भी अपने रिश्तेदारों को
अपने स्टाफ मे नियुक्त नहीं करेगा | कहा तो यह भी जाता है की उन्होने सभी मंत्रियो द्वारा निजी स्टाफ मे की गयी नियुक्तियों की लिस्ट
बुलाई , और जांच कराई | उत्तर प्रदेश के बाराबंकी सीट की सांसद श्रीमति रावत को अपने पति को सांसद प्रतिनिधि बनाने पर कोप का
भाजन बनना पड़ा | बाद मे उन्हे पति देव को हटाना पड़ा |परंतु छतीस गढके रायपुर और जंजगीर के सांसदो ने प्रधान मंत्री के निर्देश को
मानने से इंकार कर दिया | वैश्य ने तो विगत पंद्रह वर्षो से अपने भतीजे को ही सांसद प्रतिनिधि बना रखा है जंजगीर सांसद ने अपने पुत्र
को यही ज़िम्मेदारी दे रखी है | अब इन पर क्या कारवाई होती है , यह देखना होगा |

उधर देश के 29वे राज्य तेलंगाना के मुख्य मंत्री चन्द्र शेखर राव ने मोदी जी की भावना के विपरीत , अपने पुत्र और
भतीजे को भी अपने मंत्री मण्डल मे शामिल करके उत्तर प्रदेश के अखिलेश यादव मंत्रिमंडल जैसा ही किया है | वनहा भी भतीजा मुख्य
मंत्री और दो चाचा मंत्री है | अब ऐसे मे ऊपर कहा गया सूत्र वाक्य कैसे सत्या होगा ?