जे एनयू और
जामिया की खीज शाहीन बाग के
धरने और चुनाव में हार का परिणाम
हैं दंगे !!
जब
- जब
पुलिस से ईमानदार कारवाई की
उम्मीद थी-हाथ
बंधे लगते थे !!
ईमानदारी
से देखे तो दिल्ली में हिंसा
की आग का मूल वनहा के विधान
सभा चुनावो से जुड़ा हैं |
भारतीय
जनता पार्टी ने केजरीवाल की
आप पार्टी को पराजित करने में
जैसी तैयारी से उतरी थी --उससे
लगता था की जैसे यह एक तरफा
लड़ाई हैं |
प्रधान
मंत्री मोदी की सभाए गृह
मंत्री की दर्जनो सभाए और
इलकाओ में घर घर जाना और पर्चे
बांटना |
फिर
चुनाव का संचालन केंद्रीय
मंत्री जावडेकर के हाथो ,
एक
दर्जन केंद्रीय मंत्री और
तीन मुख्या मंत्री और 200
बीजेपी
संसद भरी भरकम लाव लश्कर से
लगे हुए थे |दूसरी
ओर केजरीवाल के काम बिजली -
पानी
- स्कूल
और मोहल्ला क्लीनिक से दिल्ली
के लोग --जिनमे
बीजेपी के सदस्य भी शामिल थे
उन्होने भारी बहुमत से विजय
श्री दिलाई !
बीजेपी
पिछली बार की ही भांति अपनी
सदस्य संख्या "”इकाई
"”
से
आगे नहीं बड़ा पायी ,
हालांकि
तीन से सात सदस्य जरूर हुए |
लेकिन
देश पर राज करने वाले लौह हाथो
को यह पराजय इस बार नासूर बन
गयी |
पिछली
बार तक यह दिल में लगी "”फांस
"”
भर
थी |
प्रधान
मंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी
राष्ट्रपति डोनल्न्द ट्रम्प
की यात्रा को "”ऐसा
आयोजन बनना चाहा था जिसमें
आगरिकता कानून का शाहीन बाग
का धरना और देश व्यापी विरोध
दाब जाये !
परंतु
ऐसा हो ना सका |
अब
देशभक्त लोग कहते हैं की दिल्ली
में जो कुछ हुआ वह "”देश
के गद्दारो "”
की
चाल थी !
केंद्रीय
वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर
ने तो चुनावी सभा में खुले आम
इसके नारे लगवाए थे |
बीजेपी
संसद परवेश वर्मा ने तो कहा
था की शाहीन बाग अगर जीत गया
तो हिन्दुओ की बहू -
बेटियाँ
सुरक्शित नहीं रह पाएगी -उनसे
बलात्कार होगा !
लेकिन
इतने उकसावे के बाद भी हिन्दू
और मुस्लिम वोटो का विभाजन
नहीं हो सका ,
और
आप पार्टी जोरदार बहुमत से
सरकार बनाई !!
पहले
छात्रो -युवको
को देशभक्त बनाने के लिए
शिक्षा संस्थानो को निशाना
बनाया ---
जनहा
पुलिस की अभी रक्षा में
विद्यार्थी परिषद और युवा
मोर्चे के सदस्य अपने विरोधियो
को मार पीट कर सीधा कर रहे थे
----तब
पुलिस कारवाई करने का नाटक
करने की खाना पूरी कर रही थी
! उसी
समय देश के लोगो को समझ में
आने लगा था की पुलिस अपराधियो
के वीरुध नहीं वरन सत्ता के
विरोधियो को अपराधी मान रही
हैं |
साल
की शुरुआत से देश की राजधानी
में कानून का जिस प्रकार मखौल
बनने लगा था ---और
पुलिस के हाथ कनही बंधे से
लगते थे तो कनही तो आपराधिक
हरकत को देख कर भी अनदेखा कर
रहे थे |
इससे
लाग्ने लगा था की ---कमान
बल के हाथ में भी नहीं हैं |
जमीन
की हालात ---
जुनून
और ज़िद्द पर क़ुर्बान कर दी गयी
|
मंत्रालय
और मुख्यालय से "चुपचाप
' जो
हो रहा हैं उसको देखने और
हाकिमों को इत्तिला करने भर
की इजाजत थी !
ऐसे
हालत क्यो बने ?
जिस
दिल्ली पुलिस की कमान 1984
के
दंगो में स्व्स्फ़ुरित दंगो
को भी नियंत्रित करने की थी
--वही
संगठन ऊपर वालो की सनक और ज़िद्द
का शिकार हो गया !!
आखिर
क्या बात थी की वकीलो द्वरा
पुलिस की अधिकारियों की {
एक
महिला पुलिस उपायुक्त }
सरे
आम बेइज्जती किए जाने पर ----
उनके
परिवारजनों द्वरा प्रदर्शन
किया जाना ही ,
संकेत
देता हैं की ---
उनको
कानून नहीं शक्ल देख कर और
हुकुम के अनुसार कारवाई करनी
हैं !
कानून
के अनुसार नहीं !नौकरशाहो
के बीच एक वाकई बहुत प्रचलित
हैं,
जो
कानून और कारवाई का आधार बनता
हैं "”
यू
शो मे फेस ई विल शो यू ला "”
मतलब
शक्ल देख कर कानून या न्याय
करना !
वही
दिल्ली में जे एन यू और जामिया
तथा गार्गी कालेज में हुआ !!
जे
एन यू के हमलावर अखिल भारतीय
विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता
70 दिन
बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर
हैं !
जामिया
के मामले में पुलिस प्रवक्ता
का झूठ वीडियो से पकड़ा गया
---की
पुस्तकालय में बैठे छात्रों
पर लाठी बरसाई !
दर्जनो
लड़के बुरी तरह ज़ख्मी हुए -
अनेकों
परीक्षा भी नहीं दे सके !
गार्गी
कालेज में लड़कियो के समारोह
में जिस प्रकार दर्जन भर लड़को
ने वनहा शराब पी सिगरेट पी और
लड़कियो को बुरी तरह छेड़ा –
उनका भी पता नहीं |
कोई
पहचान नहीं है |
अदालत
में दिल्ली पुलिस और सरकारी
वकील की दलील !!!
जिस
प्रकार दिल्ली के उच्च न्यायालय
के न्यायमूर्ति मुरलीधर ने
द् देश के सलिसीटर जनरल तुषार
मेहता को बीजेपी के विधान सभा
में चुनावो में पराजित ऊमीद्वार
कपिल मिश्रा द्वरा दिल्ली
के पुलिस उपायुक्त की मौज्द्गि
में कह रह रहे थे की "”
ट्रम्प
के दौरे तक हम चुप हैं -पर
उसके बाद हम आपकी भी नहीं
सुनेंगे !!
का
वीडियो दिखायाईखिलाफ पुलिस
में प्राथमिकी डीओ दिखाया ,
और
कहा की दिल्ली के पुलिस आयुक्त
को अदालत की नाराजगी बता दे
और इन चरो के उसके बाद न्ययमूर्ति
मुरलीधर ने उन्हे अनुराग
ठाकुर --परवेश
वर्मा और अभय वर्मा के भी नफरत
फैलाने वाले भसनों का विडियो
दिखाया और कहा की आप दिल्ली
के पुलिस आयुक्त को अदालत की
नाराजगी जाता दे और इन चरो
लोगो के वीरुध प्राथमिकी दर्ज
कराये !!!
ऐसा
कडा रुख देख कर भी मेहता का
यह कहना की अदालत पुलिस पर कोई
टिप्पणी नहीं करे क्योंकि
उससे पुलिस का मनोबल गिरता
हैं !
उनका
यह कहना अजीब लगता हैं ,क्योंकि
लगता हैं की वे देश के वकील
नहीं वरन दिल्ली पुलिस के
पैरोकार हैं ,
जो
सच देखना या जानना ही नहीं
चाहता |
उन्होने
कहा पुलिस काएक आदमी मारा
गया हैं एक अफसर के सर में चोट
लगी हैं ,
वे
ड्यूटि कर रहे थे कोई पिकनिक
नहीं कर रहे थे !
उन्होने
यह भी कहा की पुलिस पर तेज़ाब
भी फेंका गया !
अभी
तक जो 28
लोगो
की मौत हुई हैं वह गोली और
चाकू तथा लोहे की राड मार् कर
की गयी हैं |
तेज़ाब
से किसी के घायल होने की भी
कोई खबर नहीं हैं !
अब
यह घटना कान्हा से मेहता जी
को पता चली ??
सर्वोच्च
न्यायालय में भी न्यायमूर्ति
जोसेफ और सप्रू की खंड पीठ के
सामने जब शाहीन बाघ मामले की
सुनवाई के लिए तुषार मेहता
पहुंचे तब भी उन्होने अदालत
से पुलिस के वीरुध टिप्पणी
नहीं करने की प्रार्थना की |
परंतु
जस्टिस जोसेफ ने कहा की "”लगता
हैं की पुलिस ने अपनी ड्यूटि
नहीं निभाई ,
उन्हे
किसी से आदेश की प्रतीक्षा
नहीं करनी चाहिए थी |
मौके
पर प्रोफ़्फ़ेसनाल तरीके से
कारवाई करनी कहहिए |
ब्रिटेन
और अमेरिका में पुलिस कैसे
कारवाई करती हैं ,
उनसे
सीखना चाहिए |
| आखिर
शाहीन बाग में धरणे पर बैठी
महिलाओ से बात करने कोई भी
क्यो नहीं गया ?
जब
दिल्ली जल गयी तब सुरक्षा
सलहकर अजित डोवाल लाव लश्कर
के साथ गली -गली
घूमे |
उससे
लोगो में कुछ विसवास तो जमा
|
पर
यही काम दिल्ली के पोलिस आयुक्त
भी और उनके मातहत भी तो कर सकते
थे ,
फिर
क्यू नहीं किया ??
क्या
ऊपर से आदेश थे जब हम कहे तभी
तुम हिलोगे ?
सिर्फ
उत्तर पूर्वी दिल्ली में क्यू
आग लगी ?
कहते
हैं की उत्तर -पूर्वी
दिल्ली से ही भारतीय जनता
पार्टी के छ विधायक चुने गए
हैं |
दिल्ली
विधान सभा में कूल सात बीजेपी
विध्यकों में से एल छोड़ कर
बाक़ी सब इसी इलाके से चुने गए
हैं |
यह
इतिफाक भी हो सकता हैं और
सुनियोजित भी -----जब
तक सारे सबूत ना मिल जाए तब तक
यह "”
संयोग
कहा जाये या प्रयोग "”
| लक्ष्मी
नगर के विधायक अभया वर्मा को
नफरत भरे भासन के लिए अदालत
ने इंगित भी किया हैं |
दूसरे
हैं विश्वास नगर विधान सभा
से ओ पी शर्मा गांधी नगर से
ए के वाजपायी |
जितेंद्र
महाजन रोहतास नगर से विधायक
हैं |
मोहन
सिंह विष्ट करावल नगर से तथा
अजय माहवार घोद्दा से बीजेपी
विधायक हैं |
जाफराबाद
जनहा करफू लगा हुआ हैं वह भी
इसी इलाके में हैं |
अब
देखना हैं की केंद्र और केजरीवाल
सरकार इस जाली और उजड़ी दिल्ली
को कैसे शांत कर ---
जलायी
गयी दूकानों और मकानो के
प्रभावित लोगो को कैसे पुनर्वसन
करते हैं |
अथवा
कश्मीरी पंडितो की भांति इन्हे
भी इनके हाल पर छोडकर सिर्फ
आश्वशन की घुट्टी पिलाई जाती
रहेगी |