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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Oct 7, 2021

 

लखीमपुर कांड के आरोपी अशीस मिश्रा को बंदी बनाएगी ??



कल मैंने लिखा था "”चार किसान और चार भाजपाई "”की मौत , वह तथ्यात्मक रूप से सही नहीं था , वास्तव में चार किसान और एक पत्रकार भी कुचला गया था और तीन भाजपाई कार के पलटने से मरे थे | पर योगी सरकार उन्हे भी "”शहीद "” मान कर 45 लाख दे रही हैं |

परंतु गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्ययाधीश रमन्ना ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील से पूछा की आप कह रहे हो की न्यायिक जांच कराएंगे , पर कौन कर रहा हैं यह जांच ? इस पर जवाब न मिलने पर प्रधान न्यायधीश ने शुक्रवार को अदालत में पुलिस की प्राथमिकी और घटना से जुड़े सभी दस्तावेज़ जमा करने के आदेश दिये | उन्होने यह भी पूछा की अभी तक क्या कारवाई हुई हैं ? तथा अल्लहबाद हाइ कोर्ट में इस संबंध में जो भी जानकारी दी गयी है ---उसे भी सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाये ! अदालत इस मामले में शासन और पुलिस की कारवाई से संतुष्ट नहीं लग रहे थे ! ऐसी खबर आ रही हैं की उत्तर प्रदेश पुलिस ने "””किनही दो लोगो को इस मामले में गिरफ्तार किया हैं ! परंतु ऐसा संभव हैं की सुपीम कोर्ट द्वरा स्वयं संज्ञान से लखीमपुर -खीरी कांड को सुनवाई के लिए लिए जाने से मोदी और अमित शाह चिंतित हैं तो मुख्य मंत्री भगवधारी योगी आदित्यनाथ परेशान हैं | यद्यपि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को वे अपना कंटक मानते हैं | परंतु इस समय सरकार और पार्टी की छवि पर खतरे को देखते हुए वे ----पुलिस को मंत्री के पुत्र आशीस मिश्रा को आज रात बंदी बनाकर कल सुप्रीम कोर्ट में जवाब दे सकते हैं की प्राथमिकी में लिखे आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका हैं | हालांकि यह गिरफ्तारी घटना के पाँच दिन बाद होगी और वह भी तब जब काँग्रेस नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी तथा समाजवादी नेता अखिलेश यादव ने बार -बार आरोपियों को गिरफ्तारी की मांग की थी | मतलब यह की राजनेताओ से ज्यादा "”” डर "” योगी सरकार को अदालत के "”” कोप "” का हैं | क्यूंकी सुप्रीम कोर्ट को योगी अथवा बीजेपी के नेता पक्षपात का आरोप नहीं लगा सकते |

अब बात पत्रकार रमन कश्यप की मौत को गोदी मीडिया द्वरा किसानो की लठियों से होने का दुष्प्रचार की पोल म्र्तक पत्रकार के भाई का इंटरव्यू खोलता हैं जिसमें चैनल के पत्रकार उनसे बार -बार कहलन चाहते हैं की मौत किसानो के हाथो से हुई | पर उन्होने कहा की पोस्टमारटम में उनकी मौत सिर पर कार से लगी चोट के कारण हुई हैं | उन्होने चैनल आजतक का नाम भी लिया जो उनसे कीससनों के वीरुध कहलाना चाहते थे | इस संदर्भ में किसान नेता राकेश टिकैत का यह बयान महत्व पूर्ण हो जाता हैं की "””” अबकी बार मीडिया हाउस निशाने पर हैं "” उन्होने कहा की या तो वे सुधार जाये और जो जमीन पर घाट रहा हैं उसको दिखाये अथवा किसानो के कोप के भागी होंगे | हालांकि उनका यह बयान असान्न संकट का संकेत हैं , क्यूंकी मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व मौके पर कोई पत्रकार ही करता हैं , जो अपने मालिको के दिशा -निर्देशों के अनुसार सवाल पूछता हैं और खबर भेजता हैं | अब उसमे काट छांट तो स्टुडियो में बैठा एंकर ही करता हैं | जिसके लिए घटना स्थल मौजूद पत्रकार को दोषी नहीं बतया जा सकता |

अगर शुक्रवार को पुलिस अपनी कारवाई में किही अज्ञात लोगो की गिरफ्तारी दिखा कर लीपापोती करेगी तब भी उसे सुप्रीम कोर्ट के कोप का भजन होना पड़ेगा | यह योगी सरकार की पुलिस द्वरा शासन चलाने की तरकीब का खुलासा होगी |