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Apr 29, 2014

मुस्लिम देशो मे इस्लामी कट्टर पंथियो पर होते प्रहार --एक सुखद संकेत


मुस्लिम देशो मे इस्लामी कट्टर पंथियो पर होते प्रहार --एक सुखद संकेत

दशको पूर्व फ्रांस से मिली आज़ादी के बाद अल्जेरिया मे हुए चुनावो मे ''मुस्लिम ब्रदर हूड़"" नामक संगठन
ने धर्म के नाम पर बहुमत प्राप्त किया | सरकार बनाने के बाद इस संगठन ने वर्ग विशेस को तरजीह देते हुए दूसरे वर्ग के लोगो को
प्रताड़ित करना प्रारम्भ किया | सैनिक राष्ट्रपति कर्नल बौमेडीन ने सरकार को बर्खास्त कर इस संगठन को गैर कानूनी करार दिया | ब्रदरहूड़ के
लोगो ने कुछ अशांति फैलाई ---हिंसक घटनाए हुई सैकड़ो लोग गोली बारी मे मारे गए | मतलब ब्रदरहूड़ द्वारा आतंक का माहौल
बना दिया | शांति प्रिय लोग जो बहू संख्यक थे निरुपाय हो गए | तब सेना ने ब्रदर हूड़ के समर्थको का सफाया करना शुरू किया |
कुछ ही माह मे व्यसथा बरकरार हुई | प्रजातांत्रिक रू से सरकार का गठन हुआ | काफी समय बाद मिश्र मे मुहम्मद मुरसी के नेत्रत्व
मे ब्रदरहूड़ ने चुनावो मे भाग लिया , एक गठबंधन की सरकार बनी |मुरसी प्रधान मंत्री बने | शुरू मे तो उन्होने सबको साथ लेकर
चलने की घोसना की | परंतु उनके फैसलो मे कट्टरता की झलक थी | रोज - रोज आलोचना सुनने के बाद उन्होने संविधान मे
संशोधन की योजना बनाई , जिसके तहत केवल वर्ग विशेस को ही सरक्षण दिया गया | कानून के सामने सबको समानता का अधिकार
को कुछ वर्गो तक ही सीमित करने का प्रविधान था | लोगो की रॉय जानने के नाम पर एक बार फिर देश मे खूनी माहौल पनपा |
दुनिया के देशो मे खलबली मची | आखिर मे सेना प्रमुख ने मुरसी को क़ैद करके तदर्थ सरकार का गठन किया , जिसमे मुख्य
न्यायाधीश समेत लोगो शामिल थे | मुस्लिम ब्रदरहूड़ के लोगो पर देश द्रोह और हिंसा फैलाने -निर्दोषों की हत्या करने के आरोप
मे सैकड़ो लोगो पर मुकदमा चला , और मोहम्मद बादेई समेत 683 लोगो को सज़ा-ए -मौत दी गयी | इस घटना ने एशिया के मुल्को | मे इस्लामी कट्टर पंथी ताकतों जैसे अल - कायदा या अन्य आतंकी संगठनो को बड़ा झटका लगा हैं |

अभी कुछ माह पूर्व बंगला देश मे विशेष सैनिक अदालत ने बंग बंधु शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर कर
सरकार पलटने के आरोप मे तीन सौ लोगो को मौत की सज़ा दी थी | कुछ कट्टर पंथियो ने हो हल्ला मचाया परंतु बंग बंधु की पुत्री
प्रधान मंत्री शेख हसीना ने सख्ती से विरोध को दबा दिया | बाद मे हुए चुनवो मे इन नफरत फैलाने वाली ताकतों ने हिन्दू और बौदध
मंदिरो को जला दिया | चुनाव कार्यक्रम कुछ व्यधान से सम्पन्न हुए | परंतु लोगो ने कट्टर पंथी ताकतों के मुक़ाबले उदार नेत्रत्व को ही
दुबारा चुना |