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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Aug 9, 2023

 

 

सरकार ने मिलावट कानून से क़ैद खतम की

 

जन विश्वास विधेयक को –विश्व स्वास्थ्य संगठन  का झटका !

           

       भारत सरकार के 42 मंत्रालयों के 48 कानूनों के 182 प्रविधानों  में संशोधन करके  मोदी सरकार के जन विश्वास विधेयक को संसद  से पारित होने के हफ्ते भर के भीतर  ही , विश्व स्वास्थ्य संगठन ने  देश में निर्मित  कफ सिरप  को  “जान लेवा “” घोषीत  कर दिया !  मोदी सरकार ने  दावा निर्माताओ  को  राहत के नाम पर , दवाओ मे मिलावट  पर जेल की सज़ा को  खतम कर दिया हैं |  यानि की अब मिलावट से  अगर लोगो की मौत भी होती है ---तब भी उन पर  फ़ौजदारी कानून के तहत  मुकदमा  नहीं चलेगा | क्यूंकी क्रिमिनल प्रोसीजर कोड के तहत , मिलावटी खाद्या  पदार्थो ,पेय अथवा दवाओ  में मिलावट से होने वाली मौत को "" गैर नियत की हत्या "" का अपराध माना जाता  हैं |  परंतु वर्तमान  विधि के प्रभाव  में आने  के उपरांत   अब  ऐसे मामलो को  जन विश्वास विधि के प्रविधानों  के अंतर्गत मुकदमा चलाया  जाएगा | जिसमे  मिलावट के कारण  हुई मौतों  पर "मात्र "" जुर्माने की ही सज़ा का विधान हैं |

 

                 कुछ समय पूर्व  हिमाचल  की कंपनियो द्वरा  बनाए गए कफ सिरप  से अफ्रीका के कई देशो में बच्चो की मौते हुई थी | जिनकी शिकायत  संयुक्त राष्ट्र संघ की विश्व स्वास्थ्य संगठन  से की गयी थी | तब संबन्धित कंपनियो की  जांच करके  उनके इस दावा के उत्पादन पर रोक लगाई गयी थी |  हालांकि  अफ्रीका में बच्चो  की हुई मौतों  पर उन देशो ना अपने यानहा और ना ही भारत  में दोषी कंपनियो के खिलाफ कोई कानूनी कारवाई  नही की थी |

          कोरोना काल  के बाद भारतीय कंपनियो ने विदेशो को काफी दवाए निर्यात  की थी | परंतु गुणवत्ता की द्र्श्टी  से "" वे "" काफी अमानक स्टार की पायी गयी |  पिछले  10 दस माह में  डबल्यूएचओ  द्वरा  भारतीय  दवाओ पर  पांचवी बार  प्रतिबंध लगाया है | इस बार शिकायत अरब देश इराक़ से आई है | जिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रतिबंध की कारवाई  की है |  इसका कारण है की डबल्यूएचओ  दवाओ की जांच का मानक  संयुक्त राज्य अमेरिका  की संस्था के मानको के आधार पर करती है | जो विश्व  में सब जगह  मान्य है | परंतु अनेक  भारतीय दवा कंपनी  अमेरिकी  जांच संघटन  के तारो पर "असफल " हो जाती है | इसी लिए  अनेक भारतीय कंपनियो के खिलाफ अमरीका  में मुकदमें भी चले है , और उन्हे दंडित भी किया गया है | भारी भरकम  जुर्माने और

छतिपूर्ति  के दावो से अनेकभारतीय  दवा कंपनियो  को वनहा से अपना धंधा भी समेटना पड़ा था |  

              इस बार शिकायत  तामिलनाडु की दावा निर्माता फोर्ट्स {इंडिया } लबोरेटरी  प्राइवेट लिमिटेड  की महाराष्ट्र स्थित इकाई में बनने वाली  कफ सिरप ""कोल्ड आउट ""  में  पैरासीटामाल और  क्लोरोफेनिरामन फलीयट | मिलकर बनती है | इसका इस्तेमाल  जुकाम  और एलेरजी से निजात  पाने के लिया किया जाता है | इराक़  से शिकायत  मिलने पर  

 प्रयोगशाला  में जांच कराई गयी |  वनहा दवा में  एक रसायन की मात्रा नियत मात्रा से अधिक पायी गयी ---जो  दावा इस्तेमाल करने वाले  के स्वास्थ्य  के लिय खतरनाक हो गया था |