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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jun 27, 2023

 

सरकार की सांसत

ओबामा की टिप्पणी और मणिपुर में जातीय हिंसा !

 

      औपचारिकता को  आयौजन  में बदलने की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  की प्रचार तंत्र की टुकड़ी  को अमेरिका  यात्रा को अभूतपूर्व  बताने  वाले भूल गए की पंडित जवाहर लाल नेहरू , इन्दिरा गांधी और राजीव गांधी  की राजकीय यात्राओ में मेहमानो का स्वागत  मोदी जी की अगवानी से कनही अधिक भव्य हुआ  था !  सोशल मीडिया  में उनके स्वागत की क्लिपिङ्ग्स  खूब अधिक संख्या में प्रचारित हो रही हैं | सबसे पहले तो न्यूयार्क  में मोदी जी अगवानी  विदेश मंत्रालय के एक नौकरशाह द्वरा किया जाना  सबूत हैं | फिर वाशिंगटन  में भी ऐसा ही दुहरा  दिया गया !  जबकि नेहरू और इन्दिरा गांधी की अगवानी विदेश सचिवो द्वरा की गयी थी !  राजीव गांधी के लिए तो राष्ट्रपति ने छाता पकड़ रखा था , इससे अधिक आत्मीय और क्या हो सकता हैं |  हाँ तीनों ही प्रधान मंत्रियो ने  अपने स्वागत के लिए आप्रवासी भारतीयो को  एकत्रित नहीं कराया था –और ना ही रेडियो और टीवी  को निर्देश दिये गए थे की 100 घंटे कवरेज करें ! जो मोदी जी यात्रा में हुआ | इसे कहते हैं “” बनियो को बांध कर बाज़ार लगाना “” |

      भारत में नौ साल  के कार्यकाल में  मोदी जी ने पत्रकारो  का मुंहा नहीं देखा था –परंतु अमेरिका में स्वतंत्र  प्रैस की परंपरा के चलते वे वनहा  मजबूर हुए  उनके सवालो का जवाब देने के लिए | एक अमेरिकी पत्रकार ने  “”” भारत में जातीय और धार्मिक समुदायो के प्रति सौतेला व्यवहार किए जाने की घटनाओ पर जवाब मांगा था ! मोदी जी ने  रटा रटाया जवाब  दे दिया की ऐसा बिलकुल नहीं है |  उसके बाद भूतपूर्व  अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा  ने एक बयान दिया की अगर जातीय और धार्मिक अल्प संख्यकों  पर  ज्यादतिओ को रोका नहीं गया – तब यह भारत के विखंडन  का कारण बन सकता है !

    अब इस बयान  के आने के बाद  तो सरकार और उसकी पार्टी में इतनी बेचैनी हुई की –बीजेपी की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीता रमन और रक्षा मंत्री राजनाथ सिघ के साथ  नड़ड़ा और आसाम के मुख्य मंत्री हेमंत बिसव शर्मा  के बने बयान आने लगे | संघ और बीजेपी की प्रचार मंडली ने दो दिनो में ही एक सर्वे भी करा लिया ----जिसमे  ओबामा को  भांति भांति की सीख दी गयी |

निर्मला सीता रमन ने कह दिया की ओबामा के राष्ट्रपति रहते हुए  6 इस्लामिक देशो में अम्रीका ने बम बरसाए थे !  इनमे उन्होने यमन और सऊदी अरब  को भी जोड़ दिया | जबकि इन दो देशो में ओबामा के कार्यकाल में कोई बम वर्षा नहीं की गयी थी | हाँ अफगानिस्तान  में आतंकवादियो  -ओसामा बिन लादेन के संगठन के ठिकानो पर हमले किए गए थे | ओसामा  को गिरफ्तार करने का काम भी ओबामा के समय ही हुआ था |  जब मोदी जी आतंकवाद पर “”कोई अगर –मगर “” नहीं चाहते  तब वे कैसे दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी को खतम करने को –इस्लामी देश पर बम वर्षा बता सकते हैं | पर निर्मला जी ने ऐसा ही किया | अब उन्हे बताना होगा की सीरिया में अम्रीका द्वरा बम वर्षा किए जाने का काम राष्टपती ट्रम्प  के समय हुआ था | आम आदमी इस बारीकी को नहीं जान पाता है , इसलिए बीजेपी के प्रचार तंत्र सार्वजनिक रूप से झूठ परोस देता हैं |

       जातीय  समुदायो के साथ मोदी सरकार के सौतेलेपन का उदहरण  मणिपुर है पिछले दो महीने से  हिन्दू मईति और ईसाई कुकी समुदायो  के हिंसक लड़ाई को देख रहा है | अम्रीका के दौरे के समय भी मणिपुर जल रहा था |  आज भी केंद्रीय सरकार  सिवाय फौज भेज देने और सुरछा  बलो की टुकड़िया भेज कर  मौन साधे  हुए हैं | अगर आरोपी मुसलमान है तो उसके घर को बुल्लडोज़ार  से ज़मींदोज़ कर दिया जाता हैं -----और कुसथी संघ के अध्याकाछ  ब्रज भूसन शरण सिंह  को पुलिस पाकसो एक्ट के बावजूद भी नहीं छू पाती | भले ही देश के लिए कुश्ती में ओलंपिक  और वर्ल्ड स्पोर्ट्स में स्वरण पदक जीतने वाली महिला खिलाड़ियो  को हफ़्तों दिल्ली के जंतर मंतर  पर धरना देना पड़ता है , उन्हे हटाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग करती है ! एक बीजेपी सांसद ने इन खिलाड़ियो को कहा की हरियाणा की जाटनीय  है , !!!!!!

       इन्दिरा गांधी द्वरा देश में आपातकाल लगाए जाने को लोकतन्त्र  के इतिहास का धब्बा  बताने वाले भूल जाते है – की संविधान में  अनुछेद 352 और 353 तथा 354  और 355 में केंद्र सरकार को शक्ति दी गयी है की वह आपातकालीन स्थिति की घोसना कर सकती है | जिस आपातकाल के लिए इन्दिरा जी को गिरफ्तार किया गया , उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त की गयी , उनही के नेत्रत्व  में काँग्रेस  ने 1980 में पुनः सरकार बनाई ---- 7 बड़े राजनीतिक दलो और दर्जन भर छोटे दलो का जनता पार्टी का  गतबंधन  धराशायी हुआ था | क्या वह बिना भारत की जनता के समर्थन से संभव हो सकता था !  और इसके लिए  उन्होने सांसदो की खरीद फ़रोख़त नहीं की थी , जैसा बीजेपी ने मध्य प्रदेश और कर्नाटक में  विधायकों को खरीद कर कमलनाथ की सरकार को गिराया था |

               इसलिए आपातकाल को कलंक कहने वालो अगर हिम्मत है तो संविधान से इन अनुछेदो को निरसित कर दें !  अन्यथा  आज देश जिस प्रकार  अभिव्यक्ति की आज़ादी पर अंकुश लगया गया है , और पत्रकारो –बुद्धिजीवियों  को एनएसए  में बिना चालान  महीनो या सालो तक जेल में रखा गया है , वह अघोषित  आपातकाल ही है |  जिसका कोई सबूत नहीं है पर पीड़ा और शोषण  उजागर है |