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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jan 15, 2021

 

उत्तरायन में जाता सूर्य -क्या किसानो की पहल को सफलता देगा ?

50 दिन से दिल्ली को चारो ओर से घेरे बैठे किसानो को पहली सफलता तो मिल गयी , जब करनाल में बीजेपी द्वरा विवादित क्रशि कानूनों के समर्थन में मुख्य मंत्री खट्टर की सभा को जनता के रोष के सामने स्थगित करना पड़ा | उसके बाद उप मुख्य मंत्री दुष्यंत चौटाला की प्रधान मंत्री मोदी से मुलाक़ात के बाद , गृह मंत्री अमित शाह की की अपील की कानूनों के समर्थन में सम्मेलन नहीं किए जाये !! हालांकि इस खबर को मात्र एक खबरिया चैनल ने दिखाया | परंतु सरकारी आयोजनो को ले कर जनता के गुस्से को देखते हुए यह फैसला उचित ही हैं | उधर सुप्रीम कोर्ट द्वरा नियुक्त चार सदस्यीय क्र्षी विश्स्ज्ञो मैं से एक द्वरा इस्तीफा दिये जाने और – किसानो के हित में लड़ाई लड़ने के बयान ने ----पूरे "”परिद्र्श्य"” को बादल दिया हैं | अब आधी -अधूरी समिति की वैधानिकता पर ही सवालिया निशान लगा दिया हैं |

शायद केंद्र सरकार के इस फैसले के पीछे हरियाणा सरकार की जान छुपी हैं | दुष्यंत चौटाला की जजप पार्टी के विधायक जात किशान हैं | जो की इस आंदोलन के पक्ष में हैं | आन्दोलंकारियों को दूध - लस्सी और गन्ना तथा महिलाओ को ठहरने का स्थान भी हरियाणा के किसानो द्वरा मुहैया कराया जा रहा हैं | चौटाला के विधायकों ने पहले ही कह दिया था की अगर आन्दोलंकारियों पर पुलिस ने हिंसा बरती या मुक्द्में दर्ज़ किए तो वे इस्तीफा देकर सरकार गिरा देंगे | उधर काँग्रेस नेता शैलजा ने बयान दिया है की जेजेपी के विधायक हमारे संपर्क में हैं | जिनकी संख्या कुल विधायकों के एक तिहाई से ज्यादा हैं | चुनाव अयोग्यता कानून के अनुसार यदि किसी पार्टी के एक तिहाई से ज्यदा नेत्रत्व के खिलाफ विद्रोह करते हैं ---तब उसे पार्टी का विखंडन माना जाएगा ! परिणाम स्वरूप उनकी विधान सभा की सदस्यता बरकरार रहेगी | जिसका अर्थ हुआ की वैकल्पिक सरकार बनाने का विकल्प खुला रहेगा | अब खट्टर की सरकार चौटाला के समर्थन के अभाव में गिरने के बाद बीजेपी विरोधी सरकार बनने की पूरी संभावना हैं | बीजेपी तथा आरएसएस द्वरा इस जन आक्रोश को नियंत्रित किए जाने की संभावना अब निर्मूल हो गयी हैं |

यदि हरियाणा में ऐसी हलचल हुई --तो बंगाल में त्राणमूल विधायकों को खरीद कर ममता सरकार को गिराने का बीजेपी नेता कैलाश विजया वर्गीय का दावा कमजोर पद जाएगा | मध्य प्रदेश में काँग्रेस विधायकों को तोड़ कर कमलनाथ सरकार गिराणे का खेल सफल तो हुआ | परंतु जमीन पर यही संदेश गया की आरएसएस विश्व हिन्दू परिषद और बीजेपी की ट्रोइका को जन समर्थन से सरकार नहीं बनने पर "” पैसे के दम पर विधायकों को खरीद कर राज करने की आदत हैं "” | अरुणाचल हो या आँय कोई राज्य जनहा बीजेपी की साझा सरकारे हैं ---वनहा पर बीजेपी अपने साथी को हजम करने की दोषी रही हैं | बिहार के विधान सभा चुनावो में जिस प्रकार नितीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड को कमजोर करने के लिए पासवान का इस्तेमाल किया गया , उसी के कारण नितीश ने यह कहा "” दोष्त और दुश्मन पहचानने में भूल हुई "” | इस बयान के बाद बीजेपी और आरएसएसके कान खड़े हो गए | फिर जेडीयू की सफाई आई की "”हम एनडीए के साथ थे और रहेंगे "” | गौर तलब हैं की बिहार में भी बीजेपी की साझा सरकार हैं |

अगर चुनाव की बेला में हरियाणा में रद्दो बदल हुआ तो बीजेपी के सपने बंगाल और तमिलनाडू में बिखर जाएंगे | इन राज्यो में भी बीजेपी हिन्दू - मुसलमान कार्ड ही खेल रही हैं | परंतु हरियाणा के नूह और पटौदी इलाके के मुसलमान सीखो केसाथ डट के खड़े हैं | उनकी दोस्ती को कट्टर हिन्दू और मुस्लिम विरोधी संगठनो के प्रयास असफल हो चुके हैं | यानहा तक की पंजाब और हरियाणा के बीच की दुखती रग --””सतलज व्यसा पानी बटवारा "” भी पंजाब के सिखो और हरियाणा के जाटो को आंदोलन से अलग नहीं कर पाया | जातो का कहना हैं की बड़े भाई { सिख} से इस बारे मेन बाद में बात करेंगे ----आज हमारे ऊपर और हमारी किसानी पर हमला हुआ हैं , इसलिए आज तो लड़ाई दिल्ली सरकार के तीन काले कानूनों से हैं | इसलिए मिल कर लड़ेंगे !