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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

May 12, 2017

चुनावी आरोपो की सच्चाई बनाम हिलेरी पर गोपनीय ईमेल का मामला

  1. अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के दौरान ट्रम्प ने डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन द्वारा बीस हज़ार गोपनीय ईमेल को निजी नेटवर्क पर भेजने का दोषी बताते हुए , निर्वाचित होने पर जेल भेजने की धम्की दी थी | परंतु एफ़बीआई डाइरेक्टर जेम्स कोमी ने प्रैस वार्ता मे खुलाषा किया की सभी मेल मे मात्र ग्यारह ऐसे संदेश थे जिनहे "”गोपनीय "” कहा जा सकता है , परंतु इन संदेश मे भी नियम के अनुसार उनके ऊपर "”गोपनीय "” नहीं लिखा गया था | इस खुलासे से बौखलाए ट्रम्प ने 48 घंटे के बाद झटपट बर्खास्त कर दिया | वह भी जब वे लास एंजेल्स मे दौरा कर रहे थे | तब उन्हे टीवी समाचारो से पता चला की उन्हे निकाल दिया गया है |

प्रैस मे इस निर्णय से काफी हलचल हुई – यह अनुमान लगाया गया की राष्ट्रपति ट्रम्प के चुनाव प्रचार के सदस्यो की रूस से संबंधो की जांच कर रहे कोमी ने कांग्रेस की छानबीन समिति के सामने हलफनामा देकर स्वीकार किया था की एफ़बीआई ट्रम्प के सहयोगीयो के रूस से संबंधो की जांच की जा रही है | उधर राष्ट्रपति ने कोमी को हटाने का कारण उनके द्वारा "” ठीक से काम नहीं किया जाना बताया "” जिसे उनही के पार्टी के सेनेटर् भी मानने को तैयार नहीं है | उन्होने अपनी निर्दोषिता साबित करने के लिए कहा की "”कोमी ने स्वयं डिनर पर उनसे कहा था की उनके वीरुध कोई जांच नहीं चल रही है | एक टीवी इंटरव्यू मे उन्होने स्वीकार किया की उन्होने पूछा था की क्या उनके वीरुध जांच चल रही है "” |

इन सभी खुलासो के बाद सीनेट की इंटेलिजेंस समिति ने कोमी को बुला कर उनका पक्ष सुनने का फैसला लिया | सीनेट के इस फैसले से बौखलाए हुए राष्ट्रपति ने ट्वीट कर के कहा की "”” अगर कोमी के पास उनके साथ हुए वार्तालाप की कोई रिकॉर्डिंग है -तो वह उनके लिए अछ्छा नहीं होगा"” इस बयान को न्याय की राह मे रुकावट के रूप देखा जा रहा है | जब किसी राष्ट्र का मुखिया ही न्याय की राह मे अड़ंगे लगाए तब यह तो निश्चित है की वह "”कुछ छिपाना चाहता है "” | आम अमेरिकी का विश्वास है की ट्रम्प ने रूस से मिल कर हिलेरी क्लिंटन को पराजित करने के लिए षड्यंत्र किया था | सबूत के तौर पर सुरक्षा सलाहकार जनरल माइकल फ्लिन्न को भी अपने रूस के साथ के संबंधो को छुपाने के आरोप मे पद से हटाया गया था |

अब इन सब घटना क्रम का फलित क्या होता है ---वह भविष्य के गर्भ मे है | परंतु कोमी को निकालने के बाद रूस से ट्रम्प के संबंधो को उजागर करने का काम अब सीनेट की समिति करेगी | क्योंकि रिपुब्लिकन सदस्यो को अमेरिकी नागरिकों के सवालो का उत्तर देना भारी पड रहा है |


इस घटना क्रम को किसी भी लोकतान्त्रिक देश के निर्वाचन मे देखा जा सकता है | फ्रांस मे भी राष्ट्रपति के चुनावो के दौरान रूस के हैकरो ने राष्ट्रपति माइक्रोन के वीरुध काफी "”विष वामन "” किया था | परंतु वनहा के मतदाताओ ने अमेरिकी वोटरो से अलग इस प्रायोजित प्रचार को "”नकार दिया "” | अमेरिका मे फ्रांस के राजदूत ने एक न्यूज़ चैनल को दिये गए बयान मे कहा की "”फ्रांस के वॉटर अमेरिकी वोटरो से ज्यादा समझदार साबित हुए है "” उनके कहने का अर्थ था की महिला उम्मीदवार ली पेनसे की रूसी राष्ट्रपति पुतिन से चुनाव के कुछ दिन पूर्व मास्को मे मुलाक़ात को हैकिंग का सूत्र माना जा रहा है |उन्होने यूरोप के राष्ट्रो ब्रिटेन और जर्मनी को रूस की इस हरकत से सतर्क रहने की सलाह दी| क्योंकि ब्रिटेन मे संसदीय चुनाव हो रहे है | और जर्मनी मे अगले साल होने वाले है |


मीडिया के प्रचार और साइबर हैकिंग से चुनावो को किस प्रकार उल्टा जा सकता है और जनता की आवाज को झुठलाया जा सकता है इस सब से यही साबित होता है | भारत मे इस समय ईवीएम मशीनों की विसवासनीयता संदिग्ध हो चुकी है | विरोधी दल बैलट द्वारा चुनाव करने की मांग पर आड़े है |