डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति होने के अर्थ -----दुनिया को डराना !
संयुक्त राज्य अमेरिका के 45 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रम्प , ने बिनया व्यक्त गवाएं -धड़ाधड़ अपने
फैसलों की घोषणा भी कर दी --- , सबसे पहले तो उन्होंने कहा की अमेरिका का स्वर्ण युग प्रारंभ हो गया है ! मतलब उनके पूर्व के राष्ट्रपतियों का देश के निर्माण और विकास में कोई "”महत्वपूर्ण योगदान था ही नहीं ! आम तौर पर किसी भी देश मे कौन सा शासन काल "”स्वर्ण युग था "” यह बाद के इतिहास में आँकलं किया जाता रहा हैं , परंतु ट्रम्प का "”बड़बोलापन "” कहे अथवा स्वयंभू होने का अभिमान उन्होंने खुद से ही अपने शपथ ग्रहण के दिन ही यह बात दिया की की अब देश में अब स्वर्णकाल आ गया हैं | दूसरा उन्होंने कहा अब अमेरिका में सिर्फ नर और नारी ही होंगे ! अर्थात किन्नर या जिन्हे हम नेऊटर जेंडर कहते है , उनका कोई स्थान नहीं हैं ! अब सवाल हैं की प्रकरती ने तीन प्रकार के मानव बनाए है ---परंतु ट्रम्प साहब अपने ""फरमान"से प्रकरती के इस व्यवस्था को केवल ""नर --एवं नारी "" में विभाजित किया हैं | उनके पूर्व के राष्ट्रपतियों के समय मे नेऊटर जेंडर के सेना में भर्ती होने को मान्यता दी गई थी --- उसका क्या होगा यह बाद मे निश्चय किया जाएगा ! विश्व में तीसरे विश्व युद्ध के खतरे का जिक्र करते हुए कहा की हमारी सेनाए अब केवल अपने {देश} के शत्रुओ के विनाश के लाइ काम करेंगी , अनचाहे युद्ध में अमेरिका अब नहीं उतरेगा !
अमेरिका में अब संघ एवं राज्यों में पूर्ण पारदर्शिता के लिए उन्होंने किसी भी प्रकार के "”सेंसर शिप" को खतम किए जाने की घोसना की | केवल इस फैसले से वनहा के मीडिया संस्थानों को अपनी बात सार्वजनिक रूप से रखने की आजादी तो मिल गई हैं | ट्रम्प की सारी घोषणाओ को एक ओर रखे और इस फैसलों को दूसरे पलड़े मे रखे तो वह भारी होगा | हालांकि यह आजादी कितने दिन किस स्वरूप मै होगी , यह कहना मुश्किल है | आंतरिक कानून व्यवस्था के लिए उन्होंने सभी "”अपराधी माफियाओ "” के लिए सन 17 सौ के एक कानून का सहारा लेते हुए उनके विरुद्ध कारवाई करने का संघीय आदेश की भी घोषणा की | इसके तहत ड्रग और मानव तस्करी मे लिप्त गैंग इस आदेश के शिकार होंगे | साथ ही उन्होंने मेक्सिको और दक्षिणी राज्यों से आने वाले "”अवैध "” शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजे जाने के लिए आदेश को कड़ाई से पालन किए जाने की बात कही | अभी यह उन लोगों पर ही लागू होगा जो बिना दस्तावेज़ों के अमेरिका मे प्रवेश करते थे | इन शरणार्थियों की संख्या करोड़ों मे हैं | ये लोग अधिकान्सतह कैलिफोर्निया के बागों मे और टेक्सास के खेतों में बहुत बहुत थोड़े से डालर में काम करते थे | घरेलू कार्यों के लिए भी इनसे सस्ता मजदूर नहीं मिलता है | स्थानीय आबादी के लोगों को ऐसे मेहनत के काम करने की आदत नहीं है --और वे करना भी नहीं चाहते | ट्रम्प साहब का कहना था की ये अवैध शरणार्थी अमेरिका में आकार अपराध करते हैं और नागरिकों के जीवन को खतरे मे डालते हैं |
इन शरणार्थियों से उनकी नफरत जग जाहीर हैं | वे इस मुद्दे पर अनेकों बार अपने बयान के लिए "”झूठे साबित "” हो चुके है | शायद आज की राजनीति में विरोधी को झूठे आरोपों से लांछित करना फ़ैसन हो गया है ---जैसे ट्रम्प ने पूर्व राष्ट्रपति ओबामा के लिए कहा था की "” उनका जन्म अमेरिका में नहीं वर्ण अफ्रीका मे हुआ था "” जबकि ओबामा के जन्म के दस्तावेज़ उनका जन्म अमेरिका मे बताते हैं |
उन्होंने अमेरिका की भौगोलिक सीमा से बाहर जा कर भी हुकूम सुन दिया --जैसा की उन्होंने चु करना ही नाव जीतने के बाद कहा था की वे "”मैक्सिको की खाड़ी का नाम बदल कर उसे अमेरिका की खाड़ी कर "”देंगे | उनके इस फैसले से बीजेपी सरकारों द्वरा सड़कों - गावों -नगरों और इमारतों के नाम बदलने से "”साँसकरतिक राष्ट्रवाद "” का वापस लाने जैसा ही लगता हैं | किसी अन्य देश की प्रभुसत्ता को चुनौती देना "” आक्रमण"”करना ही जैसा हैं | हालांकि अगर ट्रम्प फौज भेज कर खाड़ी पर नियंत्रण लेने की कोशिस करेंगे तब ----- यह तथ्य तो निश्चित है की कोई भी राष्ट्र उनका विरोध करने का साहस नहीं करेगा | जैसा की हमने देखा है की अमेरिका की शह पर इजराइल द्वरा गाजा में जिस प्रकार फिलिस्टिनी अरबों का नर संहार किया गया -----और यूएनओ सहित समस्त देश "””मौन "” रहे , , उससे यह तो साफ है की कोई भी राष्ट्र कुछ करने की बात तो छोड़िए मौखिक विरोध भी करेगा यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए |
ट्रम्प एक व्यपारी है और वे सिर्फ "”लाभ या मुनाफे "” का ही सौदा करते है ---ऐसा राजनीतिक पंडितों का मानना है | पर आज जब सत्ता लाभ और मुनाफे का माध्यम बन गया है तब अमेरिका में भी ट्रम्प के शपथ समारोह मे धन्ना सेठों की भीड अचरज का सबब नहीं बनती | क्यूंकी लगभग सभी एशिया और यूरोप के कतिपय देशों मे भी अब लोकतंत्र "”धनतंत्र "” का गुलाम बन के रह गया है | यही कारण है की ट्रम्प की निमंत्रण सूची मे अंबानी परिवार को निमंत्रण यह दर्शाता है की भारत मे उन्हे किसी राज नेता अथवा विद्वान की जरूरत नहीं हैं , क्यूंकी उनके सलाहकार इयान मसक हैं !!! अब इस परिप्रेक्ष्य में विश्व में लोकतंत्र के भविष्य को समझा जा सकता हैं |