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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jan 23, 2025

 

आसां नहीं है राह ट्रम्प की आधा अमेरिका विरोध मे उतरा


चार दिन पहले जब अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प ने शपथ ली थी --- आशंकित विश्व ने उनकी विश्वविजय की घोषनाए सुनी और देखि थी | परंतु जितना ट्रम्प ने लोगों डराने की कोशिस की वह सिर्फ दो दिन ही चली !! गैर कानूनी तौर से अमेरिका मे आए लोगों को वापस भेजे जाने के उनके आदेश ने -- बेहतर जिंदगी की आस मे अमेरिका मे आए इन लोगों को जड़ तक हिल दिया था | इस आदेश मे उन लोगों को भी देशनिकाला दिए जाने की बात थी जिनका जन्म अमेरिका मे हुआ था !!!

ट्रम्प ने अवैध दंपतियों की अमेरिका में जन्मी संतानों को भी अमेरिका का नागरिक मानने से इनकार कर दिया था ! उनकी यह हुंकार गैर सांविधानिक थी --क्यूंकी वणः का कानून कहता हैं की अमेरिका मे जन्मी संतान को खुद बखुद नागरिकता मिल जाती हैं यही नियम सारे विश्व में हैं | आखिर उनकी सनक को बाईस राज्यों ने चुनौती देते हुए राजधानी वाशिंगटन की अदालत में दावा लगा दिया | जिसमे कह गया की अमेरिका में जन्मे लोगों की नागरिकता छीनने का अधिकार राष्ट्रपति को नहीं हैं | ट्रम्प ने संघीय अफसरों को अवैध बाशिंदों को पकड़ कर उनके देश वापस भेजने का जो फरमान दिया था उसका विरोध राज्य की मशीनरी द्वरा किया जाना निश्चित हैं | अब मामला अदालत द्वरा ही ते होगा -- की इस फरमान की कानूनी हैसियत क्या हैः |

वैसे अन्य हुकुमनामे भी काफी विवदास्पद हैं जैसे विदेशी कमपनियों पर टैक्स लगाना | आयातीत सामानों पर टैरिफ बड़ाने के हुकूम मे पेंच यह हैं की अमेरिकी लोगों को ही मंहगा सामान मिलेगा | रोजमर्रा के इस्तेमाल के सामान अधिकतर बाहर से ही आते है --जैसे कपड़े जूते और खाद्यान्न आदि | अब इनके मंहगे होने का मतलब अमेरिकी लोगों को जयदा खर्च करना होगा | अमेरिका भारी मशीन संयंत्र आदि ही निर्यात करता हैं ---जो अधिकतर औद्योगिक किस्म के होते हैं | टैरिफ बदने से इनकी कीमत बाद जाएगी , पर यह एक बार की बात हैं | जो आम आदमी को जयदा नहीं अखरता हैं |

बात यह है की ट्रम्प जितना लोगों को भयभीत करना चाहते थे --वे अपने प्रयास मे शायद सफल ना हो सके | अभी आगे आगे देखना होगा की इनकी नीतियाँ अमेरिका मे कितनी हलचल मचाती हैं | रही बात अन्य देशों की तो यह तय है की पनामा नहर पर कब्जे के लिए सेना का इस्तेमाल का विरोध काँग्रेस मे उनकी ही पार्टी के लोग विरोध करे | क्यूंकी मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलना -वैसा ही है जैसे नेपाल द्वरा भारत के बहु भाग को अपने नक्शे मे दिखाना --- जबकि उस भाग पर भारत का आधिपत्य बरकरार हैं | भारत में भी सड़कों - नगरों - और स्थानों के नाम बीजेपी सरकारों द्वरा बदले गए हैं | ऐसे फैसले राष्ट्र को महान नहीं बनाते हैं |