Bhartiyam Logo

All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Dec 27, 2024

 

नाशूकरे देश की सरकार , प्रधानमंत्री को साधारण बिदाइ !

---------------------------------------------------------------------



भारत ऐसे लोकतंत्र के दस साल रहे प्रधान मंत्री को मोदी सरकार ने एक आम आदमी की भांति ही अंतिम बिदाइ दी !! यह तब है जब पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपायी का अंतिम संस्कार इसी सरकार ने निगम बोध शमशान मे नहीं वरन गणमान्य लोगों के स्थल शक्ति स्थल मे हुआ | यह मालूम है की ग्रहमन्त्री अमित शाह इस बाबत यही कहेंगे की इतना समय नहीं था की विशिस्ट जनों के स्थल पर उनका अंतिम संस्कार हो सके | सैनिक सम्मान उनका हक था कोई मोदी सरकार का एहसान नहीं | गुलजारी लाल नंदा को भी अहमदाबाद मे पुलिस सामान दिया गया था |



यह तो समझ मे आता है की बीजेपी नेत्रत्व और भक्त गणों को मनमोहन सिंह जी के देहावसान पर जिस प्रकार "”पालतू मीडिया "” द्वरा भी उनके योगदान को दिखाया गया --वह निश्चय ही प्रधान मंत्री और उनके समर्थकों को रुचिकर तो नहीं ही लगा होगा | जिस प्रकार उनकी आर्थिक फैसले और उदारीकरण से देश को वैश्विक मंदी के तूफान से बचाया --- वह किसी जानकार को ही ज्ञात होगा | व्हाट्सप्प यूनिवर्सिटी के ऑल पोलिटिकल साइंस पड़े भक्तों को तो कदापि नहीं होगा |



जो बात बीजेपी और मौजूद सत्ताधिशो को अंदर तक चुभ गई होगी ---- वह थी उनकी सादगी ! जो आज के प्रधान मंत्री के व्यवहार से नदारद है | दूसरी थी उनकी ईमानदारी -जिस पर मोदी सरकार और उनकी एजेंसिया कोशिस कर के भी "”””कोई दाग धब्बा नहीं खोज पाए "” हालांकि उनके पद पर रहते हुए मौजूद सत्ताधिशो ने उनको तो टू जी घोटाले मे शामिल होने का आरोप लगाया था , इस आरोप का आधार था सी एजी की रिपोर्ट ! जबकि इस मामले की जांच करने वाली एजेंसियों ने डाक्टर मन मोहन सिंह की किसी भी प्रकार से संलिप्तता से इनकार किया !!

परंतु यह मोदी जी ही थे जिनके पदभार ग्रहण करते ही उनके घर पर सीबीआई की टीम को भेज दिया था !! ऐसा कभी नहीं हुआ था इस देश में ! परंतु जो भी कुछ सत्तर वर्ष के लोकतंत्र मे मर्यादाए थी ---- उन्हे ध्वस्त ही किया गया हैं ! प्रधान मंत्री द्वरा डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए जिस प्रकार नरसिंह राव जी का उल्लेख किया वह , एक निश्चित प्रयास था की मनमोहन सिंह उनके अधीन सरकारी अफसर ही थे ,| यंहा तक के किस्से सोशल मीडिया मे डाले गए की ---- राव साहब कहा था की अगर यह फैसला सफल रहा तो हम दोनों का नाम होगा ,और फेल हुए तब यह तुमहारी जिम्मेदारी होगी | अब क्या ऐसा संभव है ? इस कथन से उन्होंने दोनों दिवंगत प्रधान मंत्रियों को एक स्तरहीन बता दिया |