न्यायशास्त्र के अनुसार अभियुक्त को तब तक ""निर्दोष ""' मन जाता है जब तक की ---- उस के वीरुध बिना किसी ""'संशय अथवा शंका''' के अपराध किया जाना अदालत मे सिद्ध ना हो जाये | भारतवर्ष की न्याय व्यवस्था मे भी इसी सिधात्त को मानकर आरोपियों को ''सम्पूर्ण सुरक्षा ''''''मे अदालती कारवाई मे लाया जाता है | यानहा तक की िोोेग की सज़ा पाये हुए व्यक्ति को तब तक ''फांसी ''पर नहीं छड़े जाता जब तक की ___वह पूर्ण रूप से स्वास्थ्य
ना हो """ | परंतु यह सारे कानून जवाहरलाल नेहरू विस्वविद्यालय के छात्र संघ के आद्यक्ष कन्हैया कुमार को जिस प्रकार मेट्रोपोलिटिन मैजिस्ट्रेट की अदालत के सामने '''कतिपय देश भक्तो या बीजेपी सदस्य वकीलो द्वारा '''' मारा पीटा गाय वह दिल्ली पुलिस की '' नालायकी '''' को ही उजागर करता है | इतना ही नहीं पेलही पुलिस की अच्छामता केवल इस तथ्य से स्पष्ट होती है की '''की कन्हैया कुमार जो की एक आरोपी है उसे '''बीजेपी के बाहुबली वकीलो और प्रधान मंत्री के अंध भक्तो ''''' से बचाने के लिए '''पुलिस की वर्दी पहना कर लाना पड़ा !!!! क्या इसका जवाब दिल्ली के पुलिस कमिसनर ''बस्सी जी ''' दे सकेंगे | या फिर असत्य कह कर और उसका दावा करेंगे ??
आज देश की तीस केन्द्रीय विस्वविद्यालयों मे जे एन यू मे केंद्र सरकार की हरकतों से दिल्ली पुलिस द्वरा बिन बुलाये कैम्पस मे घुसकर गिरफ्तारी करने के विरोध मे छात्र हरताल पर है || वही मानव संशधन मंत्री {{{ नाम की }}} स्म्रती ईरानी ने टीसो इस्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक रखी है | जनहा उन्हे ''शिक्षा से अधिक """राष्ट्र भक्ति ---- भारतीय {हिन्दू }} संसक्राति तथा स्वतन्त्रता के नए """अवतारी नेताओ """ के बारे मे पड़ने का निर्देश दिया जाएगा | दुनिया मे क्या हो रहा है --व्भिन्न छेत्रों मे ,,इसकी परवाह मत करे ---- यह देखे की भारत वर्ष को ""विदेशी आक्रांताओ ''' कब -कब लूटा ,कब कौन सा मंदिर तोड़ा --कब कितने हिन्दुओ का धरम परिवर्तन हुआ आदि आदि | अन्य सभी विषयो से अब मात्र '''मध्ययुगीन इतिहास विभाग ''''' सबसे महत्व पूर्ण होगा |
ईन सारे दावो के लिए कोई तथ्य या तर्क की ज़रूरत नहीं होगी | क्योंकि 2014 के पूर्वा जो कुछ भी भारत और उसके लोगो के बारे मे लिखा गया वह ----केवल दूषित विचारधारा वाले लोगो के द्वारा लिखा गया है | जो """हिन्दू संसक्राति """" को महिमामंडित नहीं करता | अतः वह मंजूर नहीं | सत्ता धारी दल के द्वारा जब कहा जाता है की 60 वर्षो मे कोई विकास नहीं हुआ ----तब उसका एक ही तात्पर्य होता है की --- वह तो '''पश्चिमी सभ्यता के लोगो द्वरा """नीचा दिखने के लिए रचा गया है ___-जो षड्यंत्र है |
इतिफाक की बात है की सरस्वती शिशु मंदिर भी ---जो की राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के आनुषंगिक संगठन द्वरा चलाया जाता है ---वनहा भी वही '''दूषित पश्चिमी लेखन'''' पदया जाता है -जो अन्य श्चूलों मे पदया जाता है | परंतु एक साल बाद भी बीजेपी शासित परदेशो मे वही पाठ्य क्रम पादय जा रहा है | सत्ता धारी दल और उसके गार्जियन संगठन द्वरा अभी भी इसमे परिवर्तन की """पैब्दी""" कोशिस ही हो रही है |
शिक्षा और शांति -व्यसथा के मामले मे बीजेपी द्वारा जिस प्रकार का दुहरा पैमाना अपनाया गया है ----वह इनके पाखंड को उजागर करता है | कभी पार्टी विथ डिफरेंस का नारा देने वाले ----वास्तव मे ही ''अलग''' प्रजाति के है ===उनका प्रजातन्त्र और उसकी प्रथाओ और मान्यताओ मे कोई विसवास नहीं है क्योंकि '''''''जन चुनाव '''' मे भरोसा नहीं करते | वे तो """बस राष्ट्र भक्त स्वयं सेवाको ''' को ही सही भारतीय मानते है | बाक़ी सब हिंदुस्तान मे रहते है | जिनको शासन संचालन मे भाग लेने का कोई हक़ नहीं है |
दिल्ली सरकार के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रपति से मिल कर कनहिया की गिरफ्तारी के प्रकरण मे पुलिस की असफलता की शिकायत की है | उन्होने जान से मार दिये जाने के धमकियो का ज़िक्र करते हुए एक नंबर बु उजागर किया है | अब देखते है की प्रधान मंत्री सीहोर के किसान सम्मेलन के बाद दिल्ली जा कर क्या करते है ===इंतज़ार रहेगा
भारतीयम डॉट इन
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