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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jun 24, 2022

 

असत्य और  अनीति ही  क्या आज के समय का सत्य हैं ?

 

 

                 भारतीय लोकतन्त्र में जितनी   भयावह स्थिति आज दिखाई पड़ रही हैं , उतना आज़ादी के बाद  कभी नहीं हुआ |  शायद यह   आज भारतीय मतदाताओ के भावना में बह कर अपना नेत्रत्व चुनने की स्थिति हैं |    लोकतन्त्र में  निर्भीक और सत्य बहस और विमर्श से  निर्णय के स्थान पर आज  “”भय और दबाव “” में राजनीतिक फैसले किए जा रहे हैं |  इसका  फल यह हो रहा हैं की सरकार  को लोक हितकारी या  जन प्रतिनिधि  के रूप में ना देख कर एक “” दंड देने वाला या भ्यादोहन करने वाला  तथा सत्य से परे प्रचार द्वरा असत्य परोसे जाने की स्थिति बन रही हैं |  जांच एजेंसी और पुलिस की पिटाई से  शासन तो ब्रिटिश हुकूमत ने भी नहीं किया | उनकी दुश्मनी आज़ादी मांगने वालो आन्दोलंकारियों  से थी | पर तब  हम गुलाम थे -पराधीन थे , पर आज भी वैसा ही डर का माहौल

 बना हुआ हैं !  आबादी में इस्लाम और ईसाई धरम के मानने वाले लोगो को  शासन तंत्र – गुलाम समझ कर व्यवहार कर रहा हैं |  बहुसंख्यक  भगवाधारियो  के  धरम के नाम पर नफरत भरे भासन  शासन द्वरा या तो अनदेखे किए जा रहे हैं  और अलपसंख्यकों  के खिलाफ बुलडोजर और गिरफ्तारी तथा ठाणे में पिटाई  आम बात हो चुकी हैं |  सर्वोच्च न्यायालय  ऐसी घटनाओ पर जवाब तलबी करता हैं तब सरकार कोई न कोई कानून की झूठी आड़ ले कर बचाव करती नजर आती हैं |

 

हाल में ही कुछ घटनाओ का विश्लेषण करना चाहता हूँ :-  

 

1:- बुलडोजर की धम्की की हक़ीक़त बनाम योगी जी की हुंकार

    उत्तर प्रदेश में मुख्य मंत्री आदित्यनाथ   जो अपने को योगी कहते हैं, और इसीलिए भगवा वस्त्र पहन कर  राज चलाने का उदाहरण कायम कर रहे हैं | वैसे सनातन धरम के पुराणिक वर्णननो  में किसी भी सम्राट अथवा राजा को  भगवा धारी नहीं बताया गया हैं | मौर्य साम्राज्य  को स्थापित करने वाले  चाणक्य

 

 

उन्होने कभी काषाय वस्त्र पहने हो , पर वे “” सिंहासन पर कभी नहीं बैठे “” ! वैसे भी आदि गुरु शंकराचार्य  द्वरा  सन्यास के लिए जो आवासयकताए  बताई गयी हैं उनमें सबसे पहले   “” सुखी और विलासिता पूर्ण  जीवन को तो “”” गर्हित “” बतया हैं | यानहा तो कनफ़ट्वा योगी तो एसी और हवाई जहाज  से कम में तो चलते नहीं |  दूसरा सुख और दुख के सूतक से दूर रहने का नियम हैं | उसे भी ये नहीं मानते |

विधान सभा चुनावो में इनहोने हुंकार भरी थी की अगर किसी ने पत्थर बाज़ी की तो “”बुलडोजर चलेगा”” | सत्ता में आने के बाद मुस्लिम बहुल इलाको में चलाभी | पर इनकी हुंकार का सच तो सुप्रीम कोर्ट में दिये गए हलफनामे से सामने आया ! जिसमें इनहोने कहा की  “” अवैध निर्माणों पर ही बुलडोजर चलाया गया हैं | किसी वर्ग द्वेष से नहीं ऐसा किया गया !  अब योगी जी बताए की उत्तर परदेश में कितनी अवैध बस्तियो पर बुलडोजरा चला हैं !!!!

 

2;-  ज्ञानवापी  मस्जिद प्रकरण :-  बनारस में  विश्वनाथ बाबा  के मंदिर से सटी ज्ञानवापि मस्जिद को देवी का मंदिर और और शिवलिंग होने का दावा  “”5 महिलाओ “” द्वरा किया गया |  अदालत ने जांच के आदेश दिये |  “”” बिना जलहरी या यौनि के लिंग को शिवलिंग बताने की काफी कोशिस “”हिंदुवादी  सत्ता समर्थित संगठनो “” द्वरा की गयी | आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई , ज़िला एवं सेश्स्न जज द्वरा करने का हुकुम दिया |  जज साहब ने दोनों पक्षो की सहमति से विवादित स्थान की विडिओग्राफी  करने का आदेश दिया | जिसकी कॉपी  दोनों पक्षो को इस गारंटी  पर सुलभ कराई गयाई की वे इसे गोपनीय रखेंगे | परंतु वीडियो की कापी मिलते ही वह  चैनल पर दिखाई जाने लगी !!!! आज तक इस घटना की जिससे की अदालत की स्पष्ट अवमानना हुई --- उस पर कोई कारवाई नहीं की गयी ? किसस्के दबाव में ?

 

3 ;- अग्निवीर योजना  -कुछ दावे और बाकी सच ?

            केंद्र द्वारा  सेना में जवानो के वेतन और भत्तो तथा पेंशन  पर होने वाले खर्च को  कम करने के लिए , इस योजना को लाये हैं | वैसे  रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओ के प्रमुख का “”सार्वजनिक बयान “” तो यही हैं की इस योजना के द्वारा  नौजवानो में बेरोजगारी को कम किया जा सकेगा | योजना के अनुसार  बहरती होने वाले जवान को 6 माह की ट्रेनिंग दी जाएगी ,उसके बाद उसकी पोस्टिंग  फारवर्ड एरिया  में की जा सकेगी | सरकार की ओर से यह साफ कर दिया गया है की  इन जवानो को सैनिक नहीं कहा जाएगा – वरन अग्निवीर के रूप में जाने जाएंगे ! मतलब काम सैनिक का पर नाम नहीं !  यह भी स्पष्ट कर दिया गया हैं की चार साल के अनुबंध के बाद , इन्हे भूतपूर्व सैनिक “”नहीं कहा जाएगा “” | ना ही उन्हे स्वास्थ्य और अन्य सुविधाए मिलेंगी जो भूतपूर्व सैनिको को मिलती हैं !  चार साल की अवधि -सरकार ने इसलिए रखी हैं ,क्यूंकी 5 साल की सेवा अवधि होने पर इन्हे ग्रेट्यूटि  आदि का लाभ कानूनन  प्रपट हो जाता ! यानि जैसे निजी संस्थानो में 90 दिन के बाद करामचरि बीमा योजना का लाभ मिलता हैं ---जो मालिक के लिए वित्तीय दायित्व होता हैं | इसीलिए निजी और सरकारी संस्थानो में भी जिनको अस्थायी  रूप से रखा जाता हैं , उन्हे साप्ताहिक अवकाश आदि नहीं मिलता | कुछ ऐसा ही हाल इन अग्निवीरों  का होने वाला हैं | 

कितने लज्जा की बात हैं की हम  सैनिक के नाम पर  भाड़े के लोग रख रहे हैं | शायद  इसलिए की  केंद्र सरकार के नेत्रत्व  ने चीन को खतरा मानना छोड़ दिया हैं ! क्यूंकी इसीलिए यूएनओ हो त ब्रिक्क्स सम्मेलन हर स्थान पर प्रधान मंत्री  पर्यावरण और उक्रेन  जैसे मसलो पर चीन के साथ खड़े दिखाई देते हैं |  रही पाकिस्तान की बात तो वह भी अमेरिका के मुंह मोड लेने के बाद  अब चीन पर ही वित्तीय और सनया साजो समान के लिए निर्भर हैं |

 अवकाश प्राप्त  सेना के जनरल और देश के  उद्योगपतियों  में होड लगी हैं की सेना से मुक्त होने के बाद वे अग्निवीरों को  अपने यनहा  काम पर रखेंगे !  परंतु निम्न आंकड़े उनके दावो की पोल खोल देते हैं ---लेकिन असत्य ही आज का सच हैं और विज्ञापन बाजी ही “”दावा”” तो भी हकीक़त  को ओझल नहीं किया जा सकता ‘-

 

भूतपूर्व सैनिको के पुनर्वास की स्थिति

उत्तर प्रदेश  -86192  भूतपूर्व  सैनिक जो नौकरी कर रहे 1616

बिहार भू पू सैनिक –43845 – नौकरी मिली मात्र 06 को

पंजाब -60772 – पुनर्वास 1150  यह आंकड़े कितने सही हैं इसकी ज़िम्मेदारी नहीं ले सकता | लेकिन ये अखबारो में आए हैं |