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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jul 15, 2012

chunavo ki shudhta evam rajya dwara vittiya sahayta

BHARTIYAM.IN                        चुनाव की शुद्ता  और सरकारी वितीय  सहायता  एक  नज़र   मैं लगता हैं जैसे  सारी समस्या की जड़ मैं चुनाव मैं  होने  वाला व्यय ही भ्रस्ताचार की जड़ हैं .परन्तु  गंभीरता से देखे तो ऐसा है नहीं . क्योंकि हॉल ही मैं छपी रिपोर्ट के अनुसार  सभी पार्टियाँ  एक हज़ार करोड़ के आसपास   की मालदार हैं .छेत्रिय  पार्टिया जैसे बहुजन समाज की भी थैली मैं 2011-12 मैं 424 करोड़ रुपये थे . हालाँकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और अन्ना डी ऍम  के तथा तृणमूल एवं शिवसेना  जैसी पार्टिया भी सैकड़ो करोड़  की मालिक हैं . अ ब सवाल हैं की किया धन की प्रचुरता इन राजनितिक पार्टिया को चुनावो मैं गैर कानूनी कदम उठाने से रोकेगी या और बढावा देंगी ? अगर समाचारपत्रों मैं जो कुछ धन राशी  बताई गयी या जिस का दावा अपने बयानों मैं नेताओ द्वारा   किया गया   वह सही हैं तो इन पार्टियों को तो  दस हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा  का मालिक होना चहिये , परन्तु अगर इन पार्टियों के नेताओ से सच जान ने की कोशिस की गयी तो सभी चुनावो मैं होने  वाले खर्चो  का रोना शुरू कर देगे . निर्वाचन आयोग  ने  लोक सभा के प्रत्यासियो के लिए 25 लाख  एवं विधान सभाओ के लिए 12 लाख रुपये व्यय  किया जन निर्धारित किया हैं . परन्तु  लोक सभा के 545 सीटो के लिए  ही एक  पार्टी को 13,625 करोड़ रुपये चाहिए , पर इस हिसाब से तो   कांग्रेस पार्टी केवल 66 लोक सभा सीटो  पर और भारतीय  जनता पार्टी  34 पर तथा बहुजन पार्टी मात्र 17 सीटो  पर ही अपने संसाधनों  से चुनाव  लड़ सकती हैं ! पर किया हम सब इस सत्य को मंज़ूर  कर सकते हैं .  शायद  नहीं ,क्योंकि अगर कल लोकसभा के चुनाव घोषित हो जाएँ तो कोई भी पार्टी  इसे  अन्यथा  नहीं लेगी . फिर वित्तीय संसाधन कन्हा  से आयेंगे   ? कोई भी   पार्टी सैकड़ो उम्मीदवार  उतारेगी , कुछ आपने दम और पैसे से भी चुनाव लड़ेंगे , पर उनका प्रतिशत अल्प  ही हैं .  वैसे भी सिर्फ  फुट  बोर्ड या   नाम मात्र की राजनितिक पार्टियों  के भी एक दो सांसद तो होते ही हैं .  ऐसे मैं  यह  समझना  की सभी राजनितिक दलों  द्वारा त्राहि - त्राहि की जाएगी  . पर ऐसा नहीं होगा क्योंकि  सभी डालो के पास ""अंतर्यामी""की मदद  पकी  हैं .

                                       

chunavo ki shudhta aur sarkari vittiya sahayta

                                              चुनावो की शुद्धता  और  राज्य द्वारा धन सुलभ कराये जाने का मसला काफी समय से