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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jul 31, 2023

 शिक्षा –स्वास्थ्य और न्याय के अभाव में

मंदिरो के कारीडोर निर्माण की ,अरबों रुपये की घोषणायो  ?

 

   जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं  स्वीकार रहे हो की देश में 14 हज़ार  स्कूलो की हालत खराब है –उन्हे पी एम श्री स्कूलो की योजना के तहत उन्नत किया जाएगा , एवं प्रदेश में सीएम राइज़  स्कूलो के छात्रों को लाने –ले जाने के लिए बसो का इंतज़ाम  नहीं हो सका हो , तथा भोपाल के मुख्य अस्पताल  में  ह्रदय रोग के लिए उपयोग में आने वाली मशीनों के उपकरण  महीनो से  उपलब्ध नहीं हो रहे हो ----- ऐसे में  मंदिरो के निर्माण के औचित्य पर सवाल तो उठता  है !  इतना ही नहीं  न्याय व्यवस्था  में अदालतों की कमी और न्याय के लिए जजो की नियुक्ति  और अमले की कमी के कारण  लाखो लोग मुकदमे के फैसले के लिए ,तारीख पे तारीख  की सज़ा भुगतते हो तब  राजधरम  क्या इन उपासना स्थलो को सुंदर बनाने से  पूरा हो जाएगा ??

          रही बात   सदियो प्राचीन मंदिरो की महता   उनके पुरातनता  में ही है , उन्हे माडर्न  बनाने से  श्रद्धालुओ  को फर्क नहीं पड़ता ,क्यूंकी वे तो अपने आराध्य के विग्रह  को अर्घ्य –फूल –बेलपत्र  अर्पित करके  संतुष्ट हो लेते है | हाँ  इन धरम नागरियों में आने वाले सैलानी –जो मंदिर में दर्शन भी करते है –उनके लिए ये सुविधाए  जरूर ठीक लगती है | परंतु कारीडोर या “”लोक”” बना कर  सरकार ने  दर्शनों में रेलवे की  भांति श्रेणिया बना दी है  वे नव रईसो को ,जो इन नागरियों में तीर्थ करने नहीं वरन  धार्मिक टूरिस्टो की भांति आते है वे तो

वन टाइम  खर्चा  आसानी से दे देते है , परंतु रेगुलर दर्शनार्थी  जो हर तीज –त्योहार पर आते है  उनको  “ धरम  का यह व्यवसायिकरण  “ अखरता है | अभी उज्जैन में  स्थानीय महिलाओ द्वरा  सावन  के मास में  महाकाल  को जल चढाने को लेकर मंदिर प्रबंधन और महिला समूहो के मध्य काफी तू तू मैं भी हुई |  अब दर्शक बताए की जो लोग नित प्रतिदिन शिव के महाकाल स्वरूप को जल अर्पित करते है ,उनके सामने यही विकलप है ----की वे किसी और मंदिर का रास्ता देखे !! अर्थात  श्रधा  पर व्यवसायिकरण भरी है ---- यानि सब कुछ  धंधा  बन गया है !!

             उधर बाबा विश्वनाथ की नागरी काशी में भी यही हाल है – प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने  कालम “”मन की बात के 108 वे संस्कारण में भी , काशी में  10 करोड़ तीर्थ यात्रियो के आने का आंकड़ा दिया | वैसे भी  काशी में  जब  वह अपने प्राचीनतम रूप में थी तब  - दर्शन और अर्चना  पर कोई टिकट नहीं लगता था | तंग गलियो में गुजरते  हुए विदेशी यात्रियो  के संस्मरणों यह  सत्य उजागर है |  अब अगर इतने यात्री आए है तब भोलेनाथ  के नाम पर ट्रस्ट की आय  जरूर अरबों रुपयो में हुई होगी | क्यूंकी  अबतों टिकट  ही सैकड़ा  से अधिक है –उसके बाद  समीप से दर्शन के अतिरिक्त  महसूल  वसूला जाता है |  श्रद्धा के इन धरम स्थलो  पर  श्र्धालुओ  के स्थान पर आजकल  सैलानियों की संख्या ज्यादा है | जो पैसे के बल पर हर काम अपनी सुविधा और समय से कराना चाहते है |  इन नौ रईसो  के ही कारण  केदार नाथ और बद्रीनाथ  में  होटलो  का निर्माण  हुआ और इसी टुरिस्ट प्रवाह के कारण ---आज इन दोनों  स्थानो के रास्ते   टूट गए है | अब वनहा जाना “”अगम्य “” हो गया है | सदियो के इतिहास में ऐसा अवसर कभी नहीं सुना या देखा गया ! 

        विदेशो  में वे अपनी धरोहर इमारतों की प्राचीनता  को बनाए रखने के ही पक्षधर है  | वे गुंबदो पर लगी काई को भी साफ नहीं करते | फ्रांस में पेरिस की मशहूर  बिल्डिंग “”वारसाई  पैलेस “” में आग लग  गयी थी , यह महल राजतंत्र के समय से फ्रेंच क्रांति और लोकतन्त्र की बहाली  तथा  प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी  के आत्म समर्पण  का गवाह बना था | वनहा की सरकार ने उसे पुनः उसके प्राचीन स्वरूप  को  बनाने के लिए  अरबों फ्रैंक  खर्च दिये | उन्होने  उसे “” माडर्न रूप “” नहीं दिया | क्यूंकी वनहा के इतिहासविदों  यही मत दिया था |

      एक वे है और एक हम है जो ना केवल  उपासना स्थलो को “” माडर्न लूक “” दे रहे है | बात सिर्फ धार्मिक  स्थलो की ही नहीं है ------ वरन  राष्ट्र पिता महात्मा गांधी  के साबरमती आश्रम  को तोड़ – फोड़ कर उसे भी “” माडर्न लूक “” दिये जाने के लिए उनकी झोपड़ी और प्रार्थना स्थल को तोड़ दिया गया है ,ऐसा खबरों में आया है | उधर  आरोपियों  के घरो पर बुल्ल्डोजर  चलाने वाले भगवा धारी मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने  ,प्रधान मंत्री के चुनाव छेत्र वाराणसी  में  बापू द्वरा स्थापित “””सर्व सेवा संघ  की इमारत को   धराशायी कर दिया | क्यू ऐसा किया –किस कानूनी प्रक्रिया से किया , यह सब कुछ नहीं बताया गया | इस तोड़ –फोड़ से वनहा के पुस्तकालय  में  राखी हुए  धरोहर –किताबे – हस्त लिखित दस्तावेज़  और बापू के निजी जीवन की कुछ वस्तुए   सब सड़क पर फेंक दी गयी ----- मानो वह स्थान भी  किसी आतंकवादी का आश्रयस्थल हो !!  जरा सोचिए की हम कैसी व्यवस्था में है जनहा  राज्य  शिक्षा –स्वास्थ्य और न्याया  नहीं दे पा रहा है पर मंदिर कारीडोर और लोक बनवा रहा है ---- जैसे मिश्र मे फैरो के समय में   प्रजा  की भूख और सेहत से बेखबर  शासक  विशालकाय  अपनी मूर्तिया बनवाते थे 

Jul 30, 2023

 

मोदी युग के निर्माण की तथा –कथा

 टूटते राजमार्ग और पुल- पुलिया – टपकता हवाई अड्डा और सेंट्रल विस्टा !!

 

                 कहते हैं की नीव मजबूत हो तब इमारत भी मजबूत बनती है , लगता है की  सांप्रदायिक और धार्मिक विभाजन पर चुनाव जीतने  से बनी सरकार की इमारत धसकने लगी है | मोदी जी के कुछ फैसले बानगी के तौर पर देखे जा सकते है |

 

      मौजूदा संसद भवन को  संग्रहालय  बनाने के लिए अरबों रुपये की लागत  से बना विवादित “” सेंट्रल विस्टा “”  में  संसद का वर्षा ऋतु का अधिवेशन  की ज़ोर –शोर की घोसना , आखिर कार उस नव निर्मित इमारत { स्मारक कहना ज्यदा उचित होगा }  में नहीं हो सकी ! उसी भांति जैसे काला धन खतम करने की घोषणा के साथ दो हजार रुपये के नोट बंद किए गये थे  अथवा  मंहगाई पर रोक लगाने की तरकीब भी बताई गयी थी | पर हुआ क्या  टमाटर  और अदरख तथा हरी मिर्च जैसी सब्जिया  ही सैकड़ा पार करके एक किलो में मिल रही हैं |  वैसे अंडमान के पोर्ट ब्लेर  में नव निर्मित हवाई अड्डे का नामकरण  संघ और बीजेपी के युग पुरुष  सावरकर के नाम पर  हुआ ---- परंतु  द्वीप की पहली ही बरसात में  ना केवाल वनहा पानी भर गया वरन   उसमे छत पर  सजावट के लिए लगे  फाल्स सीलिंग भी “” फालस “” ही साबित हुई , और लटक गयी !

    प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी बड़े भारी आयोजन में  डबल इंजन की सरकार वाले उत्तर प्रदेश में भगवधारी मुख्य मंत्री आदित्यनाथ  की मौजूदगी में उदघाटन किया ----- परंतु एक सप्ताह में ही वह राष्ट्रीय राज मार्ग  अनेकों स्थानो पर ध्वस्त हो गया |   इसी के साथ  मोदी जी ने देश को  स्मार्ट  बनाने के लिए   बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर के इलाके में  बने सैकड़ो  शिवालयों  और मकानो को ही नहीं  हटाया  वरन उस इलाके को “” सुंदर “ { अपनी परिभाषा के अनुसार }  बनाने के लिए धराशायी कर दिया | जिन मकानो को हटाया गया और बाद में धराशायी कर दिया गया ---- उन्हे तो मुआवजा  दिया गया , परंतु मंदिर के अर्चकों और  पुजारियों  को छूछा  छोड़ दिया गया !

                 वैसे मोदी जी को पुरातन दिखने वाली इमारते बिलकुल नहीं भाती , इसीलिए उन्होने  साबरमती में राष्ट्रपिता  महात्मा गांधी  के विश्व  विख्यात  आश्रम को भी पाँच सितारा  ‘’लूक “” देने के लिए ट्रस्ट के बचे – लोगो  को “”बेदक्खल “” कर दिया | अब वनहा सुनते है एक बहुत बड़ा “””माल “” बनेगा और बगल में महात्मा गांधी की भी प्रतिमा लगी हो सकती है ! बस इतना ही बचेगा शायद , परंतु क्या आरएसएस और बीजेपी तथा मौजूदा  सरकार भी उस क्राशकाय महामानव  की दुनिया में जो छवि है –उसको मिटा पाएंगे ?  कोशिस कर ले |  जैसे आज कल सत्ताधारी दल के कुछ “अति मुखर और स्वनाम धन्य  नेता “” जैसे मोदी सरकार की मुसीबतों  के लिए पंडित नेहरू को ही दोष देते है | जैसे मणिपुर में कुकी जनजाति के नर संहार  और उनकी महिलाओ के साथ सार्वजनिक रूप से बलात्कार के द्राशया  से देश में उठे जन आक्रोश को देखते हुए --- सत्ता के करिबियों  ने यह कहना शुरू कर दिया है की -----यह समस्या  तो आज़ादी के समय  मणिपुर रियासत के इंडिया दैट इस भारत में मिलने के समय से ही शुरू हो गयी थी | तभी तो कांग्रेस्स के समय में पूर्वोतर में “” रास्ता बंदी “” हुआ करती थी , हमारे 9 साल में एक बार भी  ऐसा नहीं होने दिया ! वैसे लगता है की सरकार सही है -----पर  विगत बीस वर्षो में  सड़क और –आवागमन  की सुविधाओ मे बहुत व्रधी हुई हैं | इसलिए पहले की भांति एक ही पहुँच  मार्ग  नहीं है ,की पेड़ गिरा कर सड़क बंद की जा सके | अनेक वैकल्पिक  सड़के है जो देश के विभिन्न भागो से जोड़ती है ---- ट्रको के काफिले  चाय के बागानो से हरियाली से पूरित पहाड़ियो की प्रष्ठभूमि  में देखे जा सकते हैं |  इसलिए सरकारी मीडिया और  सत्ता समर्थक  नेताओ ,मंत्रियो के बयान  निराधार और तथ्य से परे है |

                 वैसे लोक सभा में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव  के जवाब में  बीजेपी के मंत्री और नेता तथा  एनडीए  गठबंधन के कुछ वक्ता  ---- मणिपुर कांड में  मोदी सरकार की  अलाली  और निष्क्रियता  का जवाब यही होगा ----की  यह मर्ज ईतना पुराना है , और हमारी पार्टी की विरेन सिंह सरकार  ने भरसक प्रयास किया है |

    हालांकि इन सरकारी भोंपुओ  को यह भी कहना चाहिए की देश के अन्य बंधुआ राज्यपालों से अलग हट कर मणिपुर की राज्यपाल अनुसूइया ऊईके –जो खुद भी एक आदिवासी है , जैसे राष्ट्रपति है , उसने एक टीवी  चैनल को दिये गए बयान मे बताया है की  - उन्होने अनेकों बार राज्य की सरकार को और  संदेशो और रेपोर्टों के माध्यम  से राष्ट्रपति को यानहा की विस्फोटक स्थिति के बारे में बता दिया था | अब सरकार लोकसभा में राज्यपाल की रिपोर्ट के बारे में   “”कन्नी “” काट जाएगी |

 

 

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     राज्य में विधान सभा चुनावो  की तैयारी में  मोदी जी ने अपने  “” गुईया” यानि की गृह मंत्री अमित शाह  जी को मध्य प्रदेश का जिम्मा दे रखा है |  वैसे  उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथा  की तर्ज़ पर हमारे मुख्य मंत्री शिवराज सिंह जी बात – बात में  “”डबल इंजन “” सरकार का जुमला नहीं लगाते है , शायद इसलिए की वे सबसे लंबे समय तक मुख्य मंत्री  पद पर रहने का रेकॉर्ड बनाने { कम से कम मध्य प्रदेश में }  वाले है |  

   जो बीजेपी  विपक्ष के गठबंधन  “”इंडिया “ के चेहरे  की बात करती है – वह आज अपने मुख्य मंत्री को ही चुनाव में  नकार रही है |  रविवार को इंदौर में कार्यकर्ताओ और जन सभा को संबोधित  करते हुए  अमित शाह ने कहा की  प्रदेश में बीजेपी की सरकार और दिल्ली में मोदी की सरकार  रहेगी | इससे यह तो साफ हो गया की बीजेपी  का नेत्रत्व  शिवराज सिंह को “डंप “ करने वाला है | अन्यथा  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी , जो की एनडीए  दलो की दिल्ली के अशोका होटल की बैठक  में अपने भाषण के दौरान  कम से कम  तीस बार  अपनी सरकार को एनडीए की सरकार कह कए संबोधित किया था | आज वही नेत्रत्व  अपनी ही पार्टी की सरकार  के मुख्य मंत्री को दरकिनार कर रहा है | तब एनडीए के सहयोगी दलो  का क्या होगा  ?

Jul 28, 2023

 

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मणिपुर कांड कितना पूर्वोतर को प्रभावित करेगा ?

      उत्तर भारत में भले ही मणिपुर को लेकर  स्वयंसेवी संगठनो और विपक्षी दलो द्वारा  धारणा – प्रदर्शन किए जा रहे हो , परंतु पड़ोसी प्रदेशों में इस कांड के गंभीर असर दिखाई दे रहा है | चूंकि अब यह सर्व विदित हो गया है की  , यह संघर्ष  ईसाई कूकियों और हिन्दू मतेई समुदाय के मध्य है – इस लिए पड़ोसी राज्यो में कुकी विस्थापितों  की भीड़ पहुँच रही है |  इस संदर्भ में  मिजोरम के मुख्य मंत्री  जोराम्थंगा  ने  मणिपुर में कूकियों के वीरुध अत्याचार  पर 1 लाख लोगो का लाँग मार्च   आइज़ोल में किया था |  चूंकि उनकी सरकार में बीजेपी  नहीं है इसलिए वे केंद्र की एनडीए सरकार के भी दबाव में नहीं है | जैसा की उन्होने एका बयान मे कहा भी है | मणिपुर के मुख्य मंत्री विरेन सिंह ने  आइज़ोल में  कूकियों के समर्थन में  लाँग मार्च  निकालने पर मुख्यमंत्री जोरनमंथगा  की आलोचना की और कहा की दूसरे प्रदेश के मामलो में उन्हे हाथ नहीं डालना चाहिए |  इस पर जोरान्थंगा ने कहा की वे एनडीए की सरकार से घबड़ाते नहीं है |

    मिज़ो लोग प्रोटेस्टेंट  ईसाई है , वे लोग कुकी को भी  सहोदर मानते है चूंकि  वे भी ईसाई है |  सेंट्रल यंग मिज़ो एसोसिएसन   के अनुसार अभी तक वे 12618 कुकी विस्थापितों की  व्यव्स्था कर रहे है |  इतना ही नहीं म्यांमार के कूकियों को भी  वे मदद कर रहे है
   परंतु अब मिज़ो सरकार  इन विस्थापितों के   ठहरने और भोजन इत्यादि का खर्चा उठाने में समर्थ नहीं है
|  राज्य की सरकार ने   अपने विधायकों – सरकारी कर्मचारियो और  बंकों से  मदद मांगी है | उन्होने केंद्र से भी विस्थापितों की मदद के लिए मोदी सरकार से 10 करोड रुपये की मादा मांगी है |

    मिज़ो – नागा और कुकी तथा  छोटे छोटे समूह  ईसाई होने के कारण  अगर केंद्र ने हालत का राजनीतिकरण  धरम के नजरिए से की तो हालत विस्फोटक हो सकते हैं | वैसे मणिपुर की समस्या  धरम से ही जुड़ी है |

     सुप्रीम  कोर्ट में केंद्र सरकार ने मणिपुर कांड की जांच सीबीआई से करने का हलफनामा दिया है | परंतु  वे इन मामलो की सुनवाई आसाम में चाहते है --- जो बीजेपी और संघ के मिजाज के माफिक है | वनहा पहले से ही हिन्दू – मुसलमान का मसला बना हुआ है |

 

किधर जा रहा है देश और समाज ?मणिपुर संदर्भ में

 

नीरो का बदनाम थिएटर मिला – बर्बरता का उदाहरण पुरातत्व ने खोजा

 

  आज रोम से एक खबर  व्हात्सप्प  पर देखा ,जिसमे  बताया गया की  पुरतातव शास्त्रियों ने  उस थिएटर  के भ्ग्नावशेष  को खोज लिया है , जिसमे नीरो ने बेगुनाह नागरिकों  को भूखे शेरो के सामने  डलवा दिया था | इतिहास बताता है की  हजारो रोमन दर्शको को इस बीभत्स  द्राशया  को देखने के लिए रोमन सैनिक  उनकी ओर ब्रैड  फेका करते थे –और वे लोग पागलो की तरह इस अमानवीय  द्र्श्य  को देख कर चिल्लाते थे |  थिएटर में शेरो के सामने जिन लोगो को डाला गया था , उनका गुनाह सिर्फ इतना था की वे  ईसा  मसीह के अनुयाई थे !

   

  मणिपुर में मतेयाई  लोगो और वनहा की सरकार के समर्थन से  कुकी ईसाइयो के ग्राम और घरो को आग  लगाने और उनकी महिलाओ को निर्वस्त्र कर बलात्कार करने की घटनाए आज दो माह से लगातार हो रही हैं | अब मणिपुर के कुकी समुदाय के बीजेपी विधायकों  ने सार्वजनिक रूप से विरेन सिंह सरकार पर आरोप लगाया है की  शासन  की शह  पर ही ये दंगे  हो रहे हैं | उधर मतेई समुदाय के एक एक विधायक ने कारण थापर को दिये गए इंटरव्यू  में  कहा है की अबकी बार कुकी  लोग हमारे हमले से नहीं बच पाएंगे !!   प्रमोद सिंह नामक नेता ने  ईसाई समुदाय का नर संहार करने का इरादा जताया है | कान्हा तो सुप्रीम कोर्ट हेट स्पीच  पर कड़ी कारवाई की बात कहता हैं  कान्हा यह भारतीय नागरिक  खुले आम एक समुदाय को समूल नाश करने की बात करता है !!! 

                        उधर केनर की नरेंद्र मोदी की सरकार को इन जमीनी हकीकतों से कुछ लेजा देना नहीं है ----वे तो आपदा मए अवसर की तलाश में है – इसलिए वे गैर बीजेपी सरकारो के राज्यो में  महिलाओ के ऊपर होने वाले अपराधो को  मणिपुर के नर संहार  की तुलना में रखा रहे है !   वैसे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में जैसे  अपराध  होना ही बंद हो गए ! सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के गैर बीजेपी राज्यो से सौतेले बर्ताव  पर टिप्पणी भी की है --- की आप जिन सरकारो में  शामिल है {बीजेपी }  वनहा पर आप  कड़ाई नहीं दिखते है ----जैसे नागालैंड  में महिला आरक्षण  को लागू करने  में !

    आइये बात करते है  मणिपुर के कुकी विस्थ्पितों की  लगभग  5 हजार  से अधिक ईसाई कुकी  राहत कैंपो  में भेद – बकरियो की तरह  ठुसे हुए है | जगह की कमी के कारण और राशन की कमी के चलते वे लोग  बस दिन काट रहे हैं !

 

         मोदी सरकार ने मणिपुर में दंगो  के जिम्मेदार और पुलिस की नाकामी पर कारवाई करने के बजाय  अब उस वीडियो को अपना निशाना बनाया है --- जिसके कारण इस अत्याचार की कहानी दुनिया के सामने आई है | यानि की अपराध की जांच नहीं –जांच उसकी जिसने उस अपराध को सबूत के रूप में दुनिया के सामने पेश किया , है ना   अंधेर नगरी  का चौपट न्याया ! जनहा अपराधी  की गरदन को फांसी के फंदे का साइज  नहीं होने से  छोड़ दिया जाता है , और एक बेगुनाह जिसकी गरदन  का साइज   फांसी के फंदे के बराबर होता है ,उसको सज़ा दे दी जाती है |  19वी सदी में हिन्दी के महान लेखक भारतेन्दु हरिश्चंद्र  द्वरा लिखा गया नाटक आखिर शक्ल में आ रहा हैं |  जनहा की  दंगे और बलात्कार तथा आगजनी के दोषियो  को दंड  ना देकर उस व्यक्ति को दोषी बनाया जा रहा है ---- जिसने अपराध को होते देखा ! यानि तुमने क्यू देखा !  एक बच्चा  शक्कर की चोरी कर रहा था – उसके बड़े भाई ने देख लिया और उसे डांटा –तो वह बोला की तुमने क्यू देखा !!!  इतना ही नहीं केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने वीडियो की जांच सीबीआई से करने का आदेश दिया है – की यह वीडियो कैसे  सार्वजनिक हुआ ? क्यूंकी इसमे  उस महिला की शक्ल  है जिसके साथ दुर्व्यहर किया जा रहा हैं ---अब  आईटी  कानूनन के अनुसार बलात्कार की शिकार महिला  का नाम उजागर करना जुर्म है | हालांकि महिलाओ के नाम सार्वजनिक नहीं हुए है – परंतु  एका सवाल यानहा यह है की  क्या ऐसे जघन्य  अपराध को छुपाने की कोशिस केंद्र सरकार कर रही अथवा  इस वीडियो से संसद के अधिवेशन के पहले आ जाने से मोदी सरकार  अपने को कठघरे  में पा रही है !  इसलिए  वीडियो प्रकरण की जांच की जा रही है -----दंगो ,नर संहार की  नहीं !  वास्तव में यह पूरी दास्तान  नीरो के समय की ही लगताई है जनहा नागरिक अधिकार और न्याया  सत्ता के लिए कोई अरथा नहीं रखते थे |

Jul 27, 2023

 

आपदा  को अवसर में बदलने  की

 अविश्वास  प्रस्ताव को  सत्ता की राजनीति  बनाने की कोशिस !

 

   भोपाल गैस त्रासदी के दौरान स्थानीय  पत्रकारो को अनेक अखबारो द्वरा सोर्स परसन  के रूप में  काफी  बड़ा भुगतान  किया गया था | तब अनेकों लोगो द्वरा  हम पत्रकारो को  मौत का सौदागर और लाशों का गिद्ध निरूपित किया गया था |  आज  मणिपुर कांड में जिसमे   प्रदेश सरकार की सरपरस्ती  में माइतेई  जनो द्वरा  कुकी अलपसंख्यकों  महिलाओ की सारे आम नंगी परेड  और बलात्कार की घटनाए  सामने आ रही है  तब लग रहा है की -  लाशों पर गिद्ध  कौन है और मौत का सौदगार कौन है ! 

        दो माह से अधिक समय से  मणिपुर  में  जिस प्रकार वनहा की सरकार ने माइते  भेद द्वरा  कुकी लोगो के गाव जलाए  लोगो की हत्या  की और पुलिस  तथा सेना  मूक दर्शक बनी रही , उसके बाद भी केंद्र सरकार द्वरा  राज्य सरकार को  बर्खाष्ट  नहीं करना  यह साबित करता है की मोदी सरकार को संविधान  और रूल आफ ला  की कोई परवाह नहीं | वे  लोकसभा में विपक्षी दलो द्वरा  पेश अविश्वास प्रस्ताव   को भी एक अवसर के रूप में देख रहे हैं !!!   देश के इतिहास में विगत समय में  ऐसी त्रासदी के बावजूद  मणिपुर की विरेन सिंह सरकार को बचाव  में लगे हुए हैं |  आखिर क्यू ? इसका जवाब शायद  विगत दस वर्षो से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वरा  पूर्वोतर  के राज्यो में शिक्षा और सान्स्क्रतिक पहचान  के लिए अपने आनुसंगिक संगठनो  द्वरा “”” हिन्दू पहचान “” को जाग्रत करना है |  संघ के एक नेता  नाम नहीं लिए जाने पर बयान दिया है की  मतेई  और कुकी  लोगो की धार्मिक आस्था का इस संघरश से कोई लेना देना नहीं है !! क्या बात काही --- अगर उनकी बात में तनिक साया है तब  12 से अधिक चर्च  क्यू जलाए गए ? क्यू  कुकी महिलाओ को नंगा करके सार्वजनिक रूप से परेड कराई गयी ? क्यू उनकी हतयाए की गयी !  कारगिल युद्ध में असम राइफल्स  के सूबेदार की यह व्यथा की मैंने देश की लाज सीमा पर बचाई –पर अपनी पत्नी की लाज नहीं बचा सका !!!

          मोदी सरकार के मंत्री और सांसद   राजस्थान में बलात्कार की एक घटना  और बंगला में महिलाओ द्वरा आपसी झगड़े में एक महिला को निर्वस्त्र करने की घटना को ---- मणिपुर के नर संहार  के मुक़ाबले लाते है !!  अपराध होते है पर उन पर कारवाई  ना हो तब सरकार दोषी होती है –पर जनहा मणिपुर के बीजेपी विधायक  ही अपनी सरकार पर समूहिक रूप से आरोप लगाए क्या उसकी तुलना राजस्थान और बंगाल की घटनाओ से की जाएगी !  बंगाल के पंचायत चुनावो  में वनहा के राज्यपाल ने केन्द्रीय बलो की नियुक्ति करवाई  और दौरे किए ---फिर भी वे बीजेपी को विजयी  नहीं करवा  सके | 

              दूसरी ओर सैकड़ो लोगो की भीड़  ने जिस प्रकार  एक जन जाती विशेस के गाव और घरो को जलाया  और लूटा तथा चर्च को जलाया  इस नर संहार जिसमें  140 से अधिका लोगो की मौत हुई और 5 हज़ार से ज्यदा लोगो को आज घर बार छोड़कर  कैंप  में रहने को मजबूर है  ----- क्या इसकी तुलना  राजस्थान और बंगाल से की जा सकती है ??  परंतु लोक सभा में  भी अविश्वास प्रस्ताव पर  विपक्षी  दलो के वक्ताओ  के  भासन के दौरान सत्ता पक्ष द्वरा  हो हल्ला  और रोक –टॉक किए जाने की पूरी संभावना है |  हो सकता है की विपक्षी  वक्ताओ के बोलने के समय माइक को ही बंद कर दिया जाए ! आखिर अध्याकछ तो सत्ता दल का ही है |

 

      मोदी सरकार  जिस प्रकार संविधान की अवहेलना  पर उतारू है वह उनके “”इंडिया “” शब्द के विरोध  के वक्तव्य  से पता चलता है | आठ साल बाद मोदी ई को अचानक एनडीए  की सरकार कहना पद रहा है ----उन्हे यह अनुमान नहीं था की  विपक्ष  इस तरह एकजुट हो जाएगा | और चुनावो  में चुनौती देगा !!!!!  अब बात करे की केन्द्रीय बल कितने है जो मणिपुर में तैनात है --- एक रिपोर्ट के अनुसार  सीआर पी एफ की 3 कंपनी , आर एय एफ  की 10 कंपनी  और 37 प्लाटून   इसके अलावा सेना और आसाम राइफलस  की 170 टुकड़िया  तैनात है | एक उकड़ी में 40 से 50 जवान होते है |  अब इतने शसत्र  बल के बावजूद भी नर संहार नहीं रोका गया तब तो प्रदेश सरकार ही जिम्मेदार है |

               मोदी जी को विदेशो में भारत या इंडिया की  हैसियत  की बहुत चिंता रहती है , पर उन्हे योरोपियन  यूनियन की संसद में मणिपुर को लेकर जो चिंता जताई गयी वह उन्हे ना तो दिखाई पड़ती है नाही सुनाई पड़ती है | इसी प्रकार ब्रिटेन के हाउस ऑफ कामन्स  में  सांसदो द्वरा  चर्चों को जलाए जाने की घटनाओ को बहुत गंभीरता से लिया है | सांसदो ने प्रोटेस्टेंट धरम गुरु  लार्ड कैंटबरी  को चर्च जलाए जाने की घटनाओ का संगयन लेकर  सरकार के स्तर पर कारवाई करने को कहा है | सभी विदेशी टीवी चैनलो  में इस नर संहार को  धार्मिक विद्वेष  के कारण  बताया ज रहा है |

    उधर  मिजोरम में  आइज़ोल  में वनहा के मुख्य मंत्री  के नेत्रत्व  में कुकी जन जाती के समर्थन  में एक बहुत विशाल रैली  निकली गयी | मणिपुर के मुख्य मंत्री विरेन सिंह  ने मिजोरम के मुख्य मंत्री की इस कारवाई के लिए बहुत भर्त्स्न की है | परंतु अब  नागा लैंड  -मिजोरम  में ईसाई बहुल जनता ने अपने राज्यो में रह रहे मैतेई  लोगो को सावधानी बरतने को कहा है | परंतु मेतेई लोग दर कर भाग रहे है | अब उनको दर सता रहा है की कनही कुकी –मिज़ो – नागा लोग उनही को निशाना न बनाए ?  अब देखना होगा की मिजोरम और नागालैंड  के सरकारो के साथ केंद्र क्या करती है , वैसे बीजेपी इन सरकारो में शामिल है –जैसे विरेन सिंह की सरकार में |

Jul 24, 2023

 

साता की लिप्सा का फल

मणिपुर में फलती नफरत की फसल – नेली  से अब तक !!

   

   प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक आयोजन में सत्तर हज़ार लोगो को नियुक्ति पत्र देते हुए कहा , हमने फोन से बैंकिंग सिस्टम बना दिया है , जबकि पहले की सरकारे  फोन से  बंकों से  पैसा  मंगवाती थी , वे सत्ता से चिपकी  रहती थी !!!! यह बयान   ऐसे समय में आया है  जब देश का पूर्वोत्तर  भाग  नफ़रत  और हिंसा से जल रहा था | आज भी वनहा  आगजनी  और हत्या  और अशांति  का माहौल है | मणिपुर की दशा को लेकर  योरोपियन संसद और ब्रिटेन के हाउस ऑफ कामन्स  में  ईसाई धरम के कुकी और मिज़ो लोगो की हत्या और चर्च  के जलाए जाने व्यथित है |   ब्रिटिश संसद ने बीबीसी से कहा हैं की वह इन घटनाओ की गहराई से छानबीन करे |  मिज़ो – नागा – कुकी और आन्य जन जातीय  बहुमत से ईसाई है | वे ब्रिटेन के   प्रोटेस्टेंट   के अनुयायी है | हाउस ऑफ कामन्स  ने लार्ड कंटर्बरी  से इस संबंध मे  कारवाई और मदद करने को कहा है |

                   अब प्रधान  मंत्री नरेंद्र मोदी जी  तो मणिपुर मसले पर बोलेंगे ही नहीं  , हाँ अब सुप्रीम कोर्ट ही सरकार के कान उमेठे  तब कुछ बात बने \संविधान के अनुछेद 356 के तहत यदि राजी में संविधान सम्मत कानून का शासन  नहीं हो तब  राष्ट्रपति शासन केंद्र सरकार के प्रस्ताव से लगाया जा सकता है | अब केंद्र सरकार ने मणिपुर की राज्यपाल कुमारी अनुसूइया ऊईके के दर्जनो  रिपोर्ट राष्ट्रपति को संभोधित  कर भेजी है , ऐसा उन्होने एक चैनल को दिये इंटरव्यू मे स्वीकार किया है | अत्यंत उदीग्न  अवस्था में उन्होने कहा  मै स्वयं आदिवासी हूँ और उनके घर जलाए जाने और महिलाओ की इज्ज़त सरे आम लूटे जाने जैसी  निंदनीय और घटिया हरकत करने वालो के खिलाफ कारवाई क्यू नहीं की जा रही ?? राज्यपाल के कथन पर भी गृह मंत्री अमित शाह  औ-र उनका विभाग मौन है ? इस् से क्या यह ना मान लिया जाये की  जो उपद्रव –अशांति और नर संहार  मणिपुर में हो रहा है ---- वह भी क्या नेली  -मलियाना - खोराबाई – गोपेस्वर  का ही  अगला अध्याय है | आज भूतपूर्व  अम्रीका के राष्ट्रपति  बराक  ओबामा  का बयान  सही लगता है ---- की अगर भारत में अलपसंख्यकों को सरकार ने न्याय नहीं दिया तो भारत टूट जाएगा |युगोस्लाविया की भांति कितने टुकड़े होंगे और कान्हा होगा गौरवशाली इतिहास ????

 

 

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        मोदी सरकार के निज़ाम मे  मुसलमानो को निशाने पर लिया गया  --- चाहे वह  पशुओ के आवागमन की बात हो अथवा  व्यापार में उनकी स्म्रधी  हो |  राजस्थान के दो मुस्लिम युवको  जो पशु खरीदने पैसा लेकर जा रहे थे , उन्हे हरियाणा में  बजरंग दल के गौ रक्षको ने जला कर मार दिया !!!  अभी हाल में  गडवाल में  उत्तर काशी में पुरोला गाव्न  में एक घटना के बाद  मुसलमानो को वनहा से चले जाने का अल्टिमेटम स्थानीय नेताओ ने दिया |  वजह थी की मुसलमान दुकानदारो  की बिक्री ज्यड़ा होती थी ,क्यूंकी वे कम  मुनाफे  मे अपना माल बेच देते थे \ जिससे स्थानीय  दुकानदारो  को पर्वतीय  होने  का लाभ  नहीं मिलती थी |जब एक सत्ताधारी बीजेपी के नेता लोगो को समझने  पहुंचे तब लोगो ने उन्हे भी मार पीट कर भगा दिया |  मेरठ के  हाशिमपुरा  में  42   मुसलमानो को की हत्या के आरोप मे  उत्तर  प्रदेश की पीएसी  के 11 जवानो को आजीवन कारावास किसजा मिली | परंतु  मलियाना  कांड में 800 पेशियो या तारीखों के बाद भी न्यायालय  को   72 हयाओ के दोषी नहीं दिखाई पड़े | अदालत ने सबूतो के अभाव में अभियुक्तों  को बारी कर दिया !!!!!!!!

 

             

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    कुकी जाती की महिलाओ को नंगा करके परेड कराना  और बलात्कार  और हत्या  तथा  घरो और चर्चों  को आग लगाना , यह  मतेई समुदाय  द्वरा  दूसरे  समुदायो से नफरत करने का ही परिणाम लगता है | 1983  फर्वरी 18 को  में भी तत्कालीन आसाम  में  6 घंटे में  2000 से अधिक लोगो  को मौत के घाट उतार दिया गया था |  उसके बाद खोराबरी 7 फ़रवरी 1983 को 500 लोगो को  और गोरेस्वर में भी आगजनी और नर संहार हुआ |  इसका कारण जैसा की समाचार पत्रो में लिखा गया –उस समय शेखर गुप्ता जो की इंडियन एक्सप्रेस में थे उन्होने इन घटनाओ को लिखा था | 

                इन घटनाओ का कारण  गैर आसामी और स्थानीय  भाषा  के लोगो का गैर आसामी और बंगाली भाषा भाषी  होना पाया गया था |  अफसोस है की यह कारवाई उस आसाम गण परिषद  के लोगो केद्वरा हुई  जो आसम केवल आसामी लोगोके लिए का नारा देते थे | वे तत्कालीन  सरकार के फैसले से नाराज थे जिसमे बंगला देश से आए शरणार्थियो को  मत देने का अधिकार दिया गया था |  आज भी आसाम इनहि विभाजक रेखा से बंटा हुआ है |  पूर्वोतर राज्यो के  पुनर्गठन के बाद  अनुसूसूची  जन जातियो  के संरक्षण के लिए संविधान में विशेस प्रविधान किए गये |

               परंतु आरएसएस द्वरा इस छेत्र में हिन्दू पहचान के लिए  स्थानीय जातियो को साधा  और उन्हे स्थानीय संसाधनो  पर मालिकाना हक़  के लिए उकसाया | जिससे की अन्य समुदाय जैसे मिज़ो – कुकी – आदि को निशाना बनया गया | परंतु उसके पहले  बंगला भाषा बोलने वालो को  निशाना  बनाया गया | बात त्रिपुरा जैसे प्रदेश मे भी पनहुची , जनहा तत्कालीन मुख्य मंत्री विप्लव कुमार दास ने कहा था जो हिन्दी नहीं बोलता ,वह देश भक्त नहीं हो सकता !! अब ऐसे उत्तेजक बयान तो  लोगो में “”नफरत”” ही भर देंगे |  

  धरम और भाषा के आधार पर अलगाव का बीज़ बोने का काम अनेक तथकथित  गैर राजनीतिक  संगठनो द्वरा किया गया |  इन नर संहारो  के प्रणेता  कौन थे राजनीतिक रूप से सभी को मालूम है \ परंतु नाम लेने से –मानहानि का मुकदमा चलने  की पूरी पूरी संभावना है |  इन छेत्रों में हुए नरसनहार के बाद पुनर्वास का काम  राम क्रष्ण मिसान द्वरा किया गया | उन्होने अस्पताल –स्कूल  आदि खोल कर मारे गए लोगो के परिवारों  राहत पहुंचाई  \ परंतु एक गैर राजनीतिक  संगठन  के लोगो ने  स्वायसेवकों के माध्यम से – बहू संख्यक  जन जातियो को  प्राचीन गौरव की याद दिला दिला कर उनकी धमनियो  अन्य समुदायो के लिए नफ़रत  भर दी थि |  कुह ऐसा ही उत्तर भारत में दासियो साल से धरम के नाम पर जहर फैलाने का काम किया जा रहा है !!!

 

 

  

Jul 20, 2023

 

 मणिपुर कांड

 किस पर क्रोध और किसने की शर्मनाक हरकत , और सोशल मीडिया से क्यू खफा !

 

     ढाई माह से देश की पूर्वोतर सीमा  के राज्य  मणिपुर में दो समुदायो में भड़की हुई हिंसा  में 140 से अधिक लोग मारे जा चुके है | इनमे कुछ  शस्त्र बल के सदस्य भी है | पुलिस और बलो के शस्त्रागार  से हथियार लूटे जा रहे है , पर केंद्रीय सरकार  सिर्फ बयान बाजी कर रही है | यह जातीय लड़ाई यमन  और सुडान में चल रही जातीय हिंसा जैसा सीन है |   आखिर  गृह मंत्री अमित शाह का राज्य का दौरा भी  जमीन पर शांति नहीं ला  सका | राजधानी इम्फाल  में भी आए दिन हमले और आगजनी हो रही है | 

                      आज जब सोशल मीडिया पर एक कुकी समुदाय की नग्न लड़की की वीडियो वाइरल  हो गयी तब  लोकसभा में  इस मुद्दे पर हो रही चर्चा के दौरान  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  ने कहा की वनहा की इन घटनाओ को देख कर क्रोध आता है और शर्म से सर झुक जाता है –देश की सारे जनहा में बदनामी हो ज्ञी है | सवाल है की  प्रधान मंत्री यह सब किसे बता रहे है – मीडिया में रह – रह कर वनहा की दुर्दशा  की खबरे आ रही थी  बुधवार को बीबीसी ने भी अपनी बुलेटिन में वनहा की दुर्दशा  की तस्वीर पेश की थी | यह पहला अवसर है जब मोदी समर्थक मीडिया भी  मणिपुर की हालत से विचलित हो कर    “”सच  दिखाने  पर मजबूर हुआ !!! “   वरना अभी तक ,यानि विगत नौ सालो से  तो मीडिया का सच –वह होता था ,जो  सत्ता धारी दल की सरकार  “”बोलती – बताती थी !! 

          लेकिन  अभी भी  मणिपुर में सरकार विरेन सिंह  की है जो बीजेपी  के सदस्य है | एक बार लगा था की केंद्र  मुख्य मंत्री  को हटा कर वनहा  राष्ट्र पति  शासन  लगा कर हालत पर काबू  पाने की कोशिस होगी | परंतु  जैसा  की बीजेपी की रीति है की यानहा “”मंत्री  के असफल होने या  किसी कर्तव्य में  फेल  होने पर  इस्तीफा  देने का चलन नहीं हैं | “”  वही हुआ मुख्य मंत्री विरेन सिंह ने इस्तीफा लिखा पर उनके समर्थको ने उसे फाड़ दिया !! अब कोई उनसे पुछे  की मुख्य मंत्री अपना इस्तीफा  राज्यपाल को सौपता है –अथवा   अपने समर्थको को दिखा कर उनकी रजामंदी लेता है !!!!   खैर  नाटक हुआ  और अब उसका परिणाम दुनिया “”” देख रही है !!!! की किस प्रकार  नरेंद्र मोदी जी के शब्दो में   देश का गौरव  दिखाई पद रहा हैं !!!

        एक दिन पूर्व 38 राजनीतिक दलो के गठबंधन एनडीए    को संभोधित करते हुए  जिस प्रकार की गर्जना की थी और  “”” अपनीसरकार  के सुशासन  का  गुणगान कर रहे थे ---उसकी कलई  तो 24 घंटे में ही उतर गयी |  आज वनहा पर सम्पूर्ण शासन  कुकी और मैतेई समुदायो के सदस्यो में विभाजित हो गया है | पुलिस हो या अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाए हो सभी  में दोनों समुदाय एक – दूसरे को शंका की निगाहों से देख रहे हैं | सभी शस्त्र  लेकर आत्म रक्षा  कर रहे है | यानहा तक की  कुकी समुदाय  अल्प संख्यक होने के नाते ज्यादा डरा हुआ है , वे अपने गावों में बनकर खोद कर  24 घंटे गश्त  कर रहे है |   यह स्थिति साफ रूप से बताती है की मणिपुर में  संवैधानिक व्यवस्था  खतम हो गयी है |  इसीलिए सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायधीश  चंद्रचूड़  ने भी केंद्र और राज्य सरकार को  अल्टिमेटम  देते  हुए कहा की वे जल्दी से जल्दी   शांति और व्यवस्था  की बहाली  करे अन्यथा उन्हे हस्तकचेप  करना पड़ेगा | यद्यपि  कानून –व्यवस्था को  बनाए रखने के लिए आखिर तो  वनहा के राज्यपाल  ने अभी तक क्यू नहीं केंद्र को जमीनी हक़ीक़त से अवगत कराया ? वैसे तो बीजेपी सरकार द्वरा नियुक्त  राज्यपाल  बंगाल में पंचायत चुनावो  मे दौरा करते है तो तमिलनाडु में वे अपनी मर्जी से मंत्री को बरख़ासत  कर देते है –यह बात और है घंटो बाद उन्हे अपना आदेश वापस लेना पड़ा | वैसे  मणिपुर की स्थिति में  राष्ट्रपति का दखल  अनिवार्य हो गया है |

 

Jul 13, 2023

 

संविधान तो नागरिकों के हित में –सरकार और अदालते उसे निष्क्रिय कर रही !

 

           डी  के डायरेकटर  संजय मिश्रा को सिर्फ 31 जुलाई तक अपना बोरिया बिस्तरा  सम्हाल लेने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मद्रास हाइ कोर्ट में उनकी फौज की “कस्टडी “” के अधिकार को चुनौती मिल कुकी है | सुप्रीम कोर्ट मे अपने एक फैसले में यह साफ कर दिया की एजेंसी कोई पोलिस  संगठन नहीं है , वरन केवल एक अपराध की की पूछताछ  के लिए बना संगठन है |

 

          पीएमएलए अर्थात हवाला या अन्य तरीको से  धन को अन्य जगहो में  अवैध रूप से भेजने को रोकने  का कानून है | जिसका आजकल सर्वाधिक उपयोग  सत्ता के राजनीतिक विरोधियो को काबू करने का “”दंडाष्ट्र “” है | गैर बीजेपी नेताओ और उनसे सहानुभूति रखने वाले  लोगो को सत्ता  के सामने घुटने  टेकने का औज़ार  है |इस कानुन  का अनुपालन देश की एंफोर्समेंट  डायरेक्टोरेट  है |  हाल ही में मद्रास हाइ कोर्ट में  डीएमके के मंत्री सेंथिल बालाजी को ईडी द्वरा  गिरफ्तार किया गया था |  तबीयत खराब होने के कारण उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया है | उनकी “कस्टडी “ लेने के लिए जब एजेंसी विशेस कोर्ट के निर्देश पर गए ---तब सेशन  जज ने   उन्हे  आरोपी से पुछ ताछ  करने की इजाजत तो दी पर   यह निर्देश दिया की  आरोपी के इलाज़ और उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुये किया जाए | साथ ई यह भी  निर्देश दिया की सेन्थिल बालाजी  अस्पताल में ही रहेंगे !!!  इस फैसले के खिलाफ ईडी  ने हाइ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया   क्यूंकी आज तक का ईडी  का इतिहास रहा है की उनकी “”पूछताछ “” नौ घंटे से तेरह या उससे भी अधिक घंटे तक “अपने दफ्तर में अपने अफसरो की भीड़ में  “” आरोपी”” से सवाल –जवाब चलते हैं | इनकी इसी कारवाई को लेकर सिविल सोसाइटी  और आँय नागरिक सवाल करते रहे है |

          मद्रास हाइ कोर्ट की खंड पीठ में  में आरोपी बालाजी की  बंदी प्त्यक्षीकरण की  अर्ज़ी  आरोपी की पत्नी की ओर से दायर की गयी  थी | जिस पर दोनों जज के विरोधी  मत थे | इस कारण मुख्य न्यायाधीश  ने जुस्टिस  कार्तिकेयन को “थर्ड जज  नियुक्त कर मामले की सुनवाई करने का निर्देश दिया | उसी पर  एजेंसी की ओर से मामला रखते  तुषार मेहता ने कहा  जांच और पूछताछ  आपस में एकही है !!!

जबकि सुप्रीम कोर्ट अपने एक फैसले में कह चुका है की  ईडी कोई पुलिस संगठन नहीं है ,वरन वह मात्र एक रेगुलेटरी  निकाय है ! मेहता का तर्क था की मात्र सुप्रीम कोर्ट के कह देने से की यह पुलिस नहीं है | जिसे कस्टडी लेने का अधिकार है |  उन्होने स्वीकार किया की  पी एम ल ए अक्त में साफ –साफ कहा गया ऐन की एजेंसी सिर्फ और सिर्फ  एक ही अपराध की पूछ ताछ  कर सकती है  वह है धन की लांडरिंग का , जिसकी सज़ा  भी एक ही है –और यह गैर जमानती अपराध है , इसलिए केवल अदालत ही  इन मामलो में जमानत दे सकती है |  उन्होने बताया की यह कहना गलत है की एजेंसी मनमाने रूप से  कारवाई करती है | उन्होने बताया की इस कानून के 2005 में प्रभाव में आने  के बाद 2019 के दौरान सिर्फ “”330”” लोगो को गिरफ्तार किया गया है !

           उन्होने हाइ कोर्ट से शिकायत की सेशन जज के निर्देश के अनुसार  एजेंसी किस प्रकार पूछताछ  कर सकती है , क्यूंकी वह आरोपी को अपनी गिरफ्त  में नहीं ले पा रही है -----क्यूंकी अस्पताल में आरोपी से पूछताच्छ  नहीं की जा सकती !  अब देश के राजनीतिक गलियारो में जिस एजेंसी को “” हौवा “” माना जाता है --- उसकी दयनीयता इसी तथ्य से साफ होती है की वह घंटो – घंटो  कुर्सी पर बैठा कर , मांगने पर ही पानी देना , मतलब यह की आरोपी को मानसिक रूप से भयभीत कर अपने अनुसार  “”बयान”” लेना | यह है कानुन जो एक नागरिक को  उसकी आज़ादी को छिनता है |

        यह तब है जब की सुप्रीम कोर्ट कह चुका है की एजेंसी  को

“” स्टेशन हाउस आफिसर  “” का अधिकार नहीं है | अपराध प्रक्रिया संहिता के अनुसार  सब इंस्पेक्टर { जिसे एस हाउस आफिसर }  कहा गया है , उसे संदेह के आधार पर अथवा  सबूत के आधार पर किसी को निरूध  करने या कस्टडी  में लेने का हक़ है | जो की ईडी को नहीं है | परंतु   भयभीत  नेताओ  ने कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिलाया की सोनिया गांधी –राहुल गांधी –प्रियंका गांधी  लालू यादव –राबड़ी यादव और टीएमसी  के अभिषेक हो अथवा कोई आँय गैर बीजेपी नेता सभी को इस एजेंसी द्वरा घंटो – घंटो अपने दफ्तर में  बैठा कर और मीडिया में खबर देकर की इतने घंटो तक गहन पूछताछ  की गयी ! परंतु आजतक संजय मिश्रा की इस फौज ने  कभी यह नहीं बताया की ----आखिर पूछताछ  में क्या मिला है !!!  शायद मद्रास हाइ कोर्ट में केंद्र सरकार का यह ब्रह्मअस्त्र   अपनी गति को प्रापत होगा !!!!