मणिपुर कांड
किस पर क्रोध और किसने की शर्मनाक
हरकत , और सोशल मीडिया से क्यू खफा !
ढाई माह
से देश की पूर्वोतर सीमा के राज्य मणिपुर में दो समुदायो में भड़की हुई हिंसा में 140 से अधिक लोग मारे जा चुके है | इनमे कुछ शस्त्र बल के सदस्य भी है
| पुलिस और बलो के शस्त्रागार से हथियार लूटे जा रहे है , पर केंद्रीय सरकार सिर्फ बयान बाजी
कर रही है | यह जातीय लड़ाई यमन और सुडान में चल रही जातीय हिंसा जैसा सीन है | आखिर गृह मंत्री अमित शाह का राज्य का दौरा भी जमीन पर शांति नहीं ला सका | राजधानी इम्फाल में भी आए दिन हमले और आगजनी हो रही है |
आज जब सोशल मीडिया पर एक कुकी
समुदाय की नग्न लड़की की वीडियो वाइरल हो गयी
तब लोकसभा में इस मुद्दे पर हो रही चर्चा के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की वनहा की इन घटनाओ को देख कर क्रोध आता
है और शर्म से सर झुक जाता है –देश की सारे जनहा में बदनामी हो ज्ञी है | सवाल है की प्रधान मंत्री यह सब किसे
बता रहे है – मीडिया में रह – रह कर वनहा की दुर्दशा की खबरे आ रही थी बुधवार को बीबीसी ने भी अपनी बुलेटिन में वनहा की
दुर्दशा की तस्वीर पेश की थी | यह पहला अवसर है जब मोदी समर्थक मीडिया भी मणिपुर की हालत से विचलित हो कर “”सच दिखाने
पर मजबूर हुआ !!! “ वरना अभी तक ,यानि विगत नौ
सालो से तो मीडिया का सच –वह होता था ,जो सत्ता धारी दल की सरकार “”बोलती – बताती थी !!
लेकिन अभी भी मणिपुर
में सरकार विरेन सिंह की है जो बीजेपी के सदस्य है | एक बार लगा
था की केंद्र मुख्य मंत्री को हटा कर वनहा राष्ट्र पति शासन लगा
कर हालत पर काबू पाने की कोशिस होगी | परंतु जैसा की बीजेपी की रीति है की यानहा “”मंत्री के असफल होने या किसी कर्तव्य में फेल होने
पर इस्तीफा देने का चलन नहीं हैं | “” वही हुआ मुख्य मंत्री विरेन सिंह ने इस्तीफा लिखा
पर उनके समर्थको ने उसे फाड़ दिया !! अब कोई उनसे पुछे की मुख्य मंत्री अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौपता है –अथवा अपने समर्थको को दिखा कर उनकी रजामंदी लेता है !!!! खैर नाटक
हुआ और अब उसका परिणाम दुनिया “”” देख रही
है !!!! की किस प्रकार नरेंद्र मोदी जी
के शब्दो में देश का गौरव दिखाई पद रहा हैं !!!
एक दिन
पूर्व 38 राजनीतिक दलो के गठबंधन एनडीए को संभोधित
करते हुए जिस प्रकार की गर्जना की थी और
“”” अपनीसरकार के सुशासन का गुणगान
कर रहे थे ---उसकी कलई तो 24 घंटे में ही उतर
गयी | आज वनहा पर सम्पूर्ण शासन कुकी और मैतेई समुदायो के सदस्यो में विभाजित हो
गया है | पुलिस हो या अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाए हो सभी में दोनों समुदाय एक – दूसरे को शंका की निगाहों
से देख रहे हैं | सभी शस्त्र लेकर आत्म रक्षा कर रहे है | यानहा तक की कुकी समुदाय अल्प संख्यक होने के नाते ज्यादा डरा हुआ है , वे अपने गावों में बनकर खोद कर 24
घंटे गश्त कर रहे है | यह स्थिति साफ रूप से बताती है की
मणिपुर में संवैधानिक व्यवस्था खतम हो गयी है | इसीलिए सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायधीश चंद्रचूड़ ने भी केंद्र और राज्य सरकार को अल्टिमेटम देते हुए
कहा की वे जल्दी से जल्दी शांति और व्यवस्था की बहाली करे अन्यथा उन्हे हस्तकचेप करना पड़ेगा | यद्यपि
कानून –व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आखिर तो वनहा के राज्यपाल ने अभी तक क्यू नहीं केंद्र को जमीनी हक़ीक़त से अवगत
कराया ? वैसे तो बीजेपी सरकार द्वरा नियुक्त राज्यपाल बंगाल में पंचायत चुनावो मे दौरा करते है तो तमिलनाडु में वे अपनी मर्जी से
मंत्री को बरख़ासत कर देते है –यह बात और है
घंटो बाद उन्हे अपना आदेश वापस लेना पड़ा | वैसे मणिपुर की स्थिति में राष्ट्रपति का दखल अनिवार्य हो गया है |
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