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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Nov 6, 2020

 

अमेरिका फ़र्स्ट --भारत विश्व गुरु बनाम विभाजित समाज और राष्ट !!


इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट जो बाइडेन के मध्य नहीं रहा ----यह देश के मतदाताओ के बीच धरम और कलर तथा ग्रामीण और नगरिय तथा कट्टरपंथ तथा उदारवादी सोच में बंट गया हैं | देश और समाज में विभाजन का कारण शिक्षित एवं गरीब की बेरोजगारी - और गोरे राष्ट्रवाद के बीच हैं | भरे पेट के गोरे हो या अफरो अमेरीकन या चीनी मूल के रईस जनहा अमेरिका फ़र्स्ट के नारे के साथ हैं वनही गोरा किसान और बेरोजगार व्हाइट यूवक इस महान अमेरिका के नारे के साये में ,कोरोना से जूझता हुआ और लाइन लगा कर दान में मिले भोजन लेकर आत्म विश्वास खो चुका हैं | वह बीमारी के मंहगे इलाज और बेकारी के कारण , घर का किराया नहीं दे पा रहा हैं |

भारत की तरह ही ट्रम्प भी देश के नौजवानो को काम देने का वादा देकर चुनाव जीते थे | जैसे भारत में नरेंद्र मोदी जी हर वोटर को 15 लाख स्विस बैंक में जमा गद्दार भारतीयो के काले धन को बाटने और 2 करोड़ रोजगार के अवसर प्रति वर्ष बनाने के सुनहरे सपने दिखा कर जीते थे | परंतु ना तो उनका राष्ट्रवाद देश को 5 त्रिल्लियन की अर्थ व्यसथा बना सका और ना ही बेरोजगारो को काम मिल सका ! विश्व गुरु का आरएसएस का नारा मोदी जी ने उधार तो लिया -----पर सिर्फ भासन देने के लिए |

जिस प्रकार भारत में मोदी शासन के दौरान – देश और समाज को धरम के नाम पर और ---उत्तर प्रदेश में जाति के नाम पर साधु के वेश में शासक हैं ---वह दलितो पर हो रहे अत्याचार और संघ - वीएचपी तथा बीजेपी से संबन्धित अपराधियो को सरकार की शह मिली हैं | वह अमेरिका में अफरो अमेरीकन फ्लायड की पुलिस द्वरा सार्वजनिक रूप से टेंटुआ दबा कर मार दिया गया , वह बुलंदशहर में वीएचपी के नेता द्वरा पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या के बराबर ही हैं | फर्क इतना ही हैं वनहा पुलिस "”दमनकारी "” हैं जबकि उत्तर प्रदेश में संघ और बीजेपी समर्थक दमन कर रहे हैं !

देश के गौरव और महानता के लिए सशक्त राष्ट्र बनाने की हुंकार के पीछे अगर ट्रम्प हथियार बनाने वाली कंपनियो की मददा कर रहे थे , वनही मोदी जी की सरकार , मनमाने दामो पर हथियार खरीद रही थी | जिसने भी दाम और प्रक्रिया पर सवाल उठाया उसे सीबीआई या ईडी अथवा एन आई ए के जाल में लपेट कर जेल में डाल दिया |

जिस प्रकार ट्रम्प को चर्च का समर्थन प्राप्त हैं ---वैसे ही संघ के प्रयासो से भगवा पलटन का अंध समर्थन नरेंद्र मोदी को भी हैं | अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए भारत की न्यायपालिका ने जिस प्रक्रिया को अपनाया वह "”न्याय " की परिभ्शा ही बादल देता हैं | जिस प्रधान न्यायाधीश ने सत्तधअरी दल के एजेंडा को पूरा किया ----- उसका प्रतिफल उन्हे राज्यसभा का सदस्य बना कर पुर्स्क्रत किया | ट्रम्प ने भी डेल्लास की एका काउंटी के गोरे शेरिफ़ - को जिस पर अश्वेत की हत्या का जुर्म साबित हो चुका था , उसे राष्ट्रपति के रूप में --””अभयदान "” दिया ! उनके वकील ने जब ट्रम्प के चुनावी फंड से उनकी एक महिला मित्र को मुआवजे के रूप में लाखो डालर का भुगतान किए जाने की बात स्वीकार की , तब भी उन्होने उसे अभय दान देने की बात काही |

भारत में यह खेल खुलम खुल्ला खेला जाता हैं ---पुलिस के जरिये | उन्नाव के बीजेपी के ठाकुर विधायक द्वरा एक दलित महिला से सतत बलात्कार की शिकायत पुलिस में क्ये जाने पर थाने की पुलिस ने ही उसके पिता को इतना मारा की वह मर गया | प्रैस में बात आने पर सीबीआई की जांच हुई , विधायक जी किसी प्रकार गिरफ्तार हुए \ मुख्य गवाह -लड़की की कार का आक्सीडेंट करा कर उसकी मौसी और वकील को मरवा दिया | तब मामला दिल्ली की अदालत मे भेज दिया गया |

ट्रम्प और नरेंद्र मोदी में कुछ समांतए :- दोनों ही वन मन आर्मी हैं , वे सहयोगीयो में भरोसा नहीं रखते ---- दोनों ही जी हुज़ूरिए पसंद करते हैं |

2-दोनों ही कानून की व्याख्या अपने हिसाब से करते हैं - जो उन्हे लाभकारी हो | ट्रम्प ने अपने आय का लेखा -जोखा राष्ट्र के सामने नहीं रखा | मोदी जी की सरकार राफेल की खरीद और स्विस बैंक में जिन भारतीयो के खाते हैं ,उनका नाम और दाम बताने को राज़ी नहीं हैं |

3-- दोनों देश की महत्वपूर्ण घटनाओ पर नहीं बोलते हैं ---- वे अपने विरोधियो को "” देशद्रोही "” कहने में तनिक गुरेज नहीं करते | ट्रम्प का कालर ट्यून है "”आर यू पैट्रियत"”” | जिस प्रकार शुरू से लेकर आज तक मोदी का विरोध करने पर ---आपको तुरंत "”बोल कर -लिख कर देशद्रोही "” करार दे दिया जाता हैं | फेसबूक तथा व्हात्सप्प पर "”भक्तो द्वरा अपने आलोचको को यही उपाधि से नवाजा जाता हैं |””

4:- दोनों नेता अपने बराबर में किसी को भी नहीं खड़े होने देते , उदघाटन सड़क का हो या सुरंग का फोटो में सिर्फ नरेंद्र मोदी ही दिखाई देंगे | औपचारिक उत्सवो में भी -जनहा राष्ट्रपति भी होते हैं ----वनहा भी वे अपनी तरफ से मर्यादा ताक पर रख कर जनता के बीच हाथ हिलाते रहते हैं , जैसे ट्रम्प करते हैं | बस अंतर इतना ही हैं की मोदी जी वेषभूषा स्थानीय लोगो की भांति धरण करते हैं , वे ट्रम्प की तरह डांस नहीं करते |

5:- परिणाम यह हैं की दोनों ही भगवा धारियो की तरह गुरुडम और भक्तो की परंपरा जिंदा कर दी हैं | इन लोगो ने पार्टियो की विचारधारा और लक्च्छ्यो को भुला कर "””व्यक्तिवादी "”” बना दिया हैं | पार्टी संविधान और नीति सब दोयम हो गए है ----इन दोनों नेताओ की सत्ता में बने रहने की भूख ने | राष्ट्रपति के चुनाव में जीते कोई पर वह विभाजित अमेरिका का ही नेता होगा |