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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jun 29, 2017

आस्था की अति या अलग दिखने की चाह

अभी हाल मे एक खबर नजरों से गुजरी की कनाडा मे एक महिला सिख को जज नियुक्त किया गया | वैसे इस खबर मे कोई अटपटी बात नहीं थी --परंतु अचरज तब हुआ जब जब उसे "”पगड़ीधारी "” सिख बताया गया !! भारतवर्ष मे जनहा सिख मत का उदय हुआ वनहा भी सिख महिलाए पगड़ी नहीं पहनती है , तब कनाडा मे ऐसा क्यो हुआ ?? सिख मत मे एक संप्रदाय है "”निहंग''' मात्र उनकी महिलाओ को पगड़ी मे देखा गया है | अब सवाल यह उठता है की पालविनदेर कौर नाम की की इस महिला को पगड़ीधारी क्यो बताया गया --और उसका चित्र भी पगड़ी बांधे हुए ही प्रकाशित हुआ !! क्या यह अपनी आस्था को सार्वजनिक रूप से बताने के लिए किया गया प्रयास है अथवा कोई और कारण ? समझ मे नहीं आता की आस्था की इसी "”अति " के कारण ही समाज मे तनाव बदता है |
इस्लाम मे सुन्नी संप्रदाय के लोग जो भारत प्रायद्वीप मे रहते है वे अपने को अलग दिखने की चाह मे अक्सर गोल टोपी लगाए दिखते है | क्या यह टोपी ही उनकी पहचान है ---अथवा उनके द्वरा "”कलमा "” पढा जाना ?? इस इलाके मे "”हन्फ़ि "” हदीस को माना जाता है --जिसमे सर को ढाकना और नमाज़ के समय हाथ बांध कर खड़े होने की रिवायत है | परंतु इंडोनेसिया और मलेसिया के मुस्लिम ऐसी पाबंदी को नहीं अपनाते है | हालांकि इंडोनेसिया मे इधर हाल मे ईसाई और इस्लाम के अनुयाईओ मे काफी तनाव रहा है | एक प्रांतीय गवर्नर जो की ईसाई थे --उन्हे "””इशनिन्दा "” के आरोप मे सज़ा सुनाई गयी | बाद मे शरिया अदालत ने उनकी सज़ा को निलंबित कर दिया | यह आरोप अक्सर इस्लामी राज्यो मे "”प्रताड़ना "” का कारण बना है | पाकिस्तान मे मे भी कई ईसाई लोगो को या तो भीड़ द्वारा "”संगसार "” करके मौत के घाट उतार दिया गया -अथवा अदालतों द्वरा उन्हे आदि सज़ा सुनाई गयी | इस अपराध मे अभियुक्त को बचाव मे कुछ भी कहने या करने का मौका नहीं होता | गवाही मे बस तीन मुस्लिमो का कथन ही अंतिम मान लिया जाता है |
इन दो घटनाओ से साफ होता की धर्म या आस्था का सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन ही ऐसी ''अप्रिय '' गहतनाओ का मूल मे है | अमेरिका मे दाढी और पगड़ी धारी सिखो को वनहा के गोरे युवको द्वरा इस्लामी मुल्को का समझा जा कर -हिंसक हमले होते है | ऐसी घटनाए रोकी जा सकती है अगर इन धर्मो के लोग दूसरे लोगो के समान ही दिखाई पड़े | परंतु अपने को अलग पहचान बताने के अतिरेक के कारण ही घटनाए होती है | वैसे अमेरिका मे आजकल दूसरे धर्मो के प्रति नफरत का भाव अधिक दिखाई पद रहा है | ट्रम्प के शासन मे यहूदियो के उपासना स्थल साइनगोग मे आनेक हमले हो रहे है | आम तौर पर यहूदी इस्लामी राष्ट्रो मे असुरक्षित होते है | परंतु अब वे अमेरिका मे भी नफरत का शिकार हो रहे है | गुरुद्वारों पर तो अनेक हमले हो ही चुके है | इन सब घटनाओ से राज्य और शासन की नागरिकों पर ढीली पकड़ ही कारण हो सकती है |