Bhartiyam Logo

All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Mar 8, 2013

बस अब और मेहमाननवाजी नहीं परवेज साहेब

 बस अब और मेहमानवाजी  नहीं परवेज साहेब  
                                                                   सेना के एक सैनिक हेमराज की हत्या कर उसका सर काट ले जाने की घटना के बाद भारत सरकार ने राजनयिक सौहार्दता को स्थगित किये जाने के फैसले को , मौलानाओ -या उलेमाओं  ने  तो नहीं सराहा । परन्तु  अजमेर के  खवाजा मोइनुदिन  चिस्ती की  दरगाह के मुख्य दीवान   जैनुल आबदीन ने जियारत के लिए आ रहे पाकिस्तानी प्रधान मंत्री परवेज़ अशरफ की यात्रा का विरोध करने का ऐलान किया हैं । 
                                                    पहली बार किसी मुस्लिम धरम गुरु ने देश की भावनाओ को सम्मान करते हुए पाकिस्तानी प्रधान मंत्री की जियारत नहीं करने के अपने फैसले से , उन लोगो के मुंह पर ताला  लगा दिया हैं  जो हर मुस्लमान को संदेह की नज़र से देखते थे । इस बयान  का महत्व यह हैं की मज़हब को देश भक्ति से जोडने की मानसिकता को धक्का लगा हैं , और हिंदुस्तानी मुस्लमान सुर्क्हरू  हुआ हैं । 
                                                                                 प्रधान मंत्री मन मोहन सिंह ने भी इस अवसर पर स्पस्ट किया की जब तक पाकिस्तान  अपनी  जमीन से भारत विरोधी आतंक वादियों के कैंप को ख़तम नहीं करता हैं तब तक  भारत रिश्ते सामान्य नहीं होंगे ।  अमूमन  तौर पर किसी खास  मेहमान के आने पर दरगाह के  दीवान उसकी जियारत करते हैं , परन्तु पाकिस्तानी प्रधान मंत्री भले ही निजी हैसियत में यंहा आ रहे हो , पर उनकी सुरक्षा और स्वागत उनके पद के अनुरूप ही होता हैं । लेकिन इस बार  दरगाह की इंतजामिया  कमेटी  ने अपने फैसले से साफ़ कर दिया की  आप आये  पर आप का स्वागत नहीं होगा । 
                                                                 उधर इस्लामाबाद में भी जनरल कियानी  ने राष्ट्रपति ज़रदारी से देश में बदते हुए आतंक की गतिविधियों पर रोक लगाने की सलाह दी हैं । पाकिस्तान में फौजी जनरल की सलाह  एक तरह का हुकुमनामा होता हैं , जिसे न मानने पर तख़्त पलट जाता हैं ।  उम्मीद करें की इन हालातो में पाकिस्तान सरकार जैशे मोहम्मद , या लश्करे तैयाब्बा  जैसे आतंक फ़ैलाने वाले संगठनो पर नकेल कसेंगे ।