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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Jun 20, 2022

 

हुज़ूर सुरक्षा में धन के लाभ हानी को नहीं देखा जाता ! क्या वीआईपी सुरक्षा के लिए धन कोई बंधन बना है ? क्या वीआईपी सुरक्षा में इन अग्निवीरों की लगाया जाएगा !

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 जब नहीं बना तब सेना के जवानो की पेंशन का 75 % खर्चा बचाने के लिए  ::अग्निवीर “” योजना का औचित क्या हैं ? 

क्यू अग्निवीरों को ना तो सैनिक सा सम्मान और चार साल पूरे होने पर भी उन्हे भूतपूर्व सैनिक की सुविधाए नहीं क्यू ?   न वे मेडिकल की सुविधा और नाही भूतपूर्व सैनिको के रूप में उन्हे पेट्रोल पमप -गॅस की एजेंसी  आदि जैसी सुविधाए क्यू नहीं ?   क्या वे रेजीमेंट में अफसरो के “”बैट मैंन “ बन कर रह जाएँगे ? रेगुलर आर्मी में उनका न कोई ओहदा होगा नही दायित्व होगा | परंतु जनरलो केआर बयान में कहा जा रहा हैं की वे पलटन के साथ नियुक्त होंगे  ,पर उनका रैंक क्या होगा यह अनिश्चित हैं |  अगर वे पेट्रोलिङ्ग पर भेजे जाते हैं तो सेक्शन कमांडर  के दस्ते में कितने रेगुलर सैनिक और कितने अग्निवीर होंगे ? उनकी छ्म्ता क्या सैनिको केबराबर होगी -अगर नहीं तो वे क्या सामने से आतंका वादियो और दुश्मन की गोलियो के चारा नहीं बनेंगे ?

 

जो सरकार वन रंक वन पेंशन के वादे पर चुन कर आई ----आज वही राजनीतिक नेत्रत्व  पेंशन की राशि का 75 प्रतिशत बचाने के लिए अग्निवीर योजना एक  सिर्फ साधन हैं ?

छह माह की ट्रेनिंग में असलहा संभालना और साथी को घायल होने पर लाद कर सुरक्शित जगह लेकर पहुंचाना भर है |

 प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा इस समय याद आती हैं ----जिसमे उन्होने कहा था की “”पंजाब के मुख्य मंत्री से कहना की की बच कर जा रहा हूँ ! क्या उस समय जिस सुरक्षा का सरंजाम किया गया था –क्या -वह अग्निवीरों के द्वरा संभव हो सकता हैं | पुलिस की ट्रेनिंग भी 38 माह की होती हैं | अभी तक यह नहीं साफ किया गया हैं की उनकी ट्राइनिग फौज से निकालने के बाद कितनी और किस छेत्र में काम आएगी ! जो बयानो और व्हात्सप्प युनिवेर्सिटी  में आ रहा हैं की अधिकतर  सुरक्षा गार्ड और मोटर मेकेनिक  तथा बार्बर आदि के लिए योग्य होंगे | क्या यह बात सही नहीं है की इन्हे कारपोरेट संस्थानो में गार्ड ड्यूटी में लगा दिया जाएगा | जबकि इन अग्निवीरों में अधिक्तएर स्नातक शिक्षा प्रपट हैं |

 

इन्हे सेना में सेवा देने के बाद भी -भूतपूर्व सैनिक प दर्जा नहीं मिलेगा ----क्यूंकी इस दर्जे से मिलने वाली चिकित्सा और आँय सरकारी स्थानो में भूतपूर्व सैनिको को नौकरी मिलने की सुविधा नहीं नहीं मिलेगी ! 

फिर किस प्रकार इन अग्निवीरों का विस्थापन होगा ? क्या सरकार के बयान देने और 15 लाख के वादे जैसा ही हसरा नहीं होगा –इसकी क्या गारंटी है ?क्यूंकी अभी सरकार में भुतपूर्व सैनिको के लिए जीतने स्थान आरक्षित किए जाते हैं ------राज्य सरकारे उनका “””पालन नहीं कर प रही हैं “” मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों 60 रिक्त पदो पर विगत 5 वर्षो में 6 लोगो को भी नहीं लिया गया हैं ---यह मामला जबलपुर हाइ कोर्ट में चल रहा हैं | जनहा राज्य सरकारो के भरोसे इनके विस्थापन का सपना तो करे ही न |

विस्थापन की आशा की जा रही है ----वनहा के

यह हाल हैं |

 अब सोचे की ये शॉर्ट सर्विस कमीस्सन तो है नहीं -उल्टे इन्हे कोई रंक -या अधिकार भी नहीं होगा | क्या इन्हे सिर्फ  संतरी की ड्यूटी पर ही लगा जाएगा !!! तो अग्निवीर सिर्फ “कोत” सम्हालेंगे | जो जनरल आज कह रहे हैं की  इन्हे सिममा पर ड्यूटी पर लगाया जाएगा < कितना सही है उनका कथन ? बरफ  से भरी चोटियो पर विशेस प्रकार का परिधान होता हैं , फिर वनहा गोली चलाने के अवसर बताए जाते हैं ----क्यूंकी इन बर्फीले पहाड़ो पर गोलियो के चलने से बर्फ के तोदे  गिरते हैं | इसीलिए विगत समय जब चीनी सैनिको से मूठभेड़ हुई थी तब दोनों ओर से आग्नेय अष्टरो का इस्तेमाल नहीं हुआ था | यह बात ग्लाशियर में तैनात 6 -6 माह तक तैनात जवानो को सिखायी जाती हैं , एक विशेस कोर्स में ,क्या ऐसे कोर्स सादे तीन साल की अग्नि वीअरो की सेवा में संभव हैं |