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All Articles & Concept by:Vijay. K. Tewari

Apr 6, 2019


अगसता बनाम राफेल

राफेल को छुपाने के लिए अगस्टा का मुद्दा चुनावी भासन का हिसा बना रहे मोदी !

दो दिनो से चुनावी रैलियो मैं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अगस्टा वेस्ट लैंड मैं वादा माफ सरकारी गवाह क्रिश्चियन मिसेल के नाम से RG AUR FAM का अर्थ जनता को बता रहे हैं | उनके ज़बानी यह बात मिसेल ने एंफोर्समेंट डायरेक्रेट ने अपनी चार्ज शीट मैं दिया हैं ! हालांकि उनके भासन के साथ ही मिसेल का उसके वकील माध्यम से बयान छपा हैं की उसने "” किसी का भी नाम नहीं लिया हैं "”! अब मोदी जी यह सफाई तो देंगे नहीं की की अदालत मैं चार्ज शीट दायर होने के पहले "”उनके पास और मीडिया के पास कैसे पहुंची "”! हालांकि अदालत ने भी ईडी से इस बाबत जवाब मांगा हैं की , अदालत से पहले यह मीडिया तक कैसे पहुंचा ??

हालांकि राफेल जहाज़ो की खरीदी के करार के मामले मैं जिस प्रकार सरकार ने लोकसभा को और सर्वोच्च न्यायालय को "””गुमराह "” करने की बचकानी हरकत की वह भी सभी के सामने हैं | अगस्टा मामले मैं पहले वाइस एयर मार्शल त्यागी को आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया | फिर उन्हे सबूतो के अभाव मैं छोडना पड़ा | अब ईडी की जांच के हवाले से चुनावी विरोधियो को देशद्रोही और भ्रष्ट कहकर बदनाम करने की निरर्थक कोशिस कर रहे हैं | हाँ अपनी चिरपरिचित शैली मैं "” अब मितरो की जगह भइयो और बहनो का संबोधन करते हुए आरजी और एफए एम का मतलब समझा रहे हैं !!!

राफेल करार मैं अनिल अंबानी को हिस्सा दिलाने के नाम पर --- दसाल्ट केसाथ हुए करार मैं "” दलाली "” को अपराध नहीं माना गया हैं !!! क्यो ! इसके पहले तक सभी सरकारे रक्षा सौदो मैं मैं "”बिचौलियों "” की उपस्थित को "”अपराध "” की श्रेणी मैं आता था| परंतु नरेंद्र मोदी की सरकार ने भ्रस्तचार के इस कारण को पाप से पुण्य बना दिया !! अब इसी कारण मोदी जी की सरकार ने लोकसभा को पहले बताया की राफेल करार की जांच नियंत्रक महालेखाकर ने कर ली हैं | एवं करार मैं सब कुछ ठीका - ठाक हैं | जब काँग्रेस नेता और लोक लेखा समिति के अध्यक्ष खडगे ने बयान दिया की समिति के सामने राफेल के करार का कोई मसौदा समिति के सामने नहीं आया !!! प्रशांत भूसण की सुप्रीम कोर्ट की राफेल विमान खरीद के करार को लेकर याचिका मैं जब अदालत ने संबन्धित कागजात सरकार को दाखिल करने को कहा तब सरकार ने "” राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाल देते हुए बंद लिफाफे मैं दिया "” | जब दस्तावेज़ मैं महालेखा नियंत्रक की रिपोर्ट को लोक लेखा समिति से अनुमोदन ---पर सरकारी वकील वेणुगोपाल से अदालत ने सफाई मांगी -तब उनका कहना था की "””टाइप "” की गलती से गल्त्फहमी हुई हैं !!! जब राहुल गांधी ने
सरकारी उपक्रम हिंदुस्तान ऐरोनौटिक्स को राफेल के कल - पुर्जे बनाने का काम नहीं देते हुए अनिल अंबानी की तीन माह पुरानी कंपनी को दिये जाने का सवाल सार्वजनिक से पूछना शुरू किया | तब मोदी सरकार और अनिल अंबानी सफाई देने लगे की यह शर्त तो दसाल्ट द्वरा ही रखी गयी थी ! इस सौदे मैं फ्रांस सरकार ने सरबहौं गारंटी देने से माना कर दिया ! जबकि रक्षा सौदो मैं यह जरूरी होता हैं --यदि करार इतना बड़ा हो और दीर्घ कालीन हो !

अब जिस सौदे बिचौलियों के नाम अदलत मैं भी उजागर हैं --और सरकार हर बार नया मुद्दा निकाल कर अपने झूठ को ढाकने का प्रयास कर रही हो , तब अगस्टा का मामला अभी तो विवादित हैं | उसके आरोपी भी अभी निश्चित नहीं हुए हैं | हाँ सरकार इस सौदे के नाम पर काँग्रेस पार्टी के नेताओ और उनके रिश्ते दारो को ईडी बुलाकर पूछताछ कर रही हैं !! जिससे की उन्हे डराया या धमकाया जाये ! ये वही नरेन्द्र्र मोदी है ---जो सारे आम कहते हैं की "”मैं चुन चुन कर बदला लेता हूँ !! इस बयान के संदर्भ मैं मोदी जी की भासन बाज़ी का क्या मतलब निकाला जाये ??

चुनाव को प्रभावित करने की सरकरी कोशिस को चुनाव आयोग आंखो पर पट्टी बांध कर बैठा हैं | और मोदी जी अपनी वाहवाही खुद अपने मुह से कर रहे हैं | अब तो उनकी रैली मैं मोदी - मोदी के नारे भी ना तो उतनी संख्या मैं लगते हैं ना ही उतनी ज़ोर से !! हालांकि रक्षा सौदो मैं आम जनता की दिलचस्पी कम ही होती हैं ------परंतु उस मैं भ्रष्टाचार का मामला चटपटा मसाला बन जाता हैं |

अब यह तो जनता को समझने की बात हैं की एक मामला अभी जांच मैं हैं , जिस मैं कौन आरोपी हैं यह भी पता नहीं < वनही दूसरी ओर एक मामला हैं की जिसमाइन राफेल मामले मैं फ़ेल गूम हो जाने की बात काही गयी ---फिर जब द हिन्दू ने फ़ेल की सारो पोल खोल कर सारा मामला अपने पत्र मैं छाप दिया , तब अट्टार्नी जनरल ने सर्वोच्च नयायालय मैं कहा यह गोपनीय दस्तवेज हैं | और जिन लोगो ने इसे उजागर किया हैं उन पर कारवाई होगी ! तब एन राम जो की द हिन्दू के एडिटर हैं उन्होने कहा की सरकार या कोई भी एजेंसी मुझ से मेरे श्रोत्र के बारे मैं नहीं पता कर सकती ! इस पर सरकारी वकील ने दूसरे दिन कहा की जो छ्पा हैं वह दस्तावेज़ की फोटो कॉपी हैं !!! उन्होने यह कहने की हिम्मत नहीं की यह "””गलत दस्तावेज़ हैं "” !
एक ओर राफेल की सछई है दूसरी ओर अगस्टा की जांच हैं जिसमैं "”अनाम "” आरोपी के नाम पर लोगो को को बुला कर पूछ ताछ की जा रही हैं | वह भी अपना पाप छुपाने के लिए दूसरे पर लांछन लगाने की कोशिस हो रही हैं |