अपनो
पर करम और गैरो पर सितम -योगी
इतना ज़ुल्म ना कर
25
नवम्बर
– स्थान अयोध्या विश्व हिन्दू
परिषद और शिव सेना
दोनों
के समर्थको का जमावड़ा ----मुद्दा
राम मंदिर निर्माण
नासिक
और मुंबई से तो ट्रेन भर कर
अयोध्या पहुंचे हजारो शिव
सैनिको की उमंग और ओज पर उत्तर
प्रदेश की योगी सरकार ने पानी
फेर दिया है |
वनही
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ
के आनुषंगिक संगठन विश्व
हिन्दू परिषद की धर्म सभा को
बड़ा भक्तमाल मे रैली करने और
धरम सभा करने की इजाजत ज़िला
प्रशासन द्वरा दी गयी |
केंद्र
के गृह विभाग ने राज्य सरकार
को भेजे निर्देशों मे अयोध्या
मे '’’’हर
हाल मे शांति व्यवस्था बनाए
रखने की हिदायत दी है "”
| राज्य
सरकार ने अभी तक 7000
पुलिस
बल की तैनाती की जा चुकी है |
17 जनवरी
तक अयोध्या {{
कस्बे
मैं }}}
धारा
144 लगाई
गयी है |
नए
बने अयोध्या ज़िले मैं नहीं |
मंदिर
नगर की आबादी लगभग 50--60
हज़ार
बताई जाती है |
सवाल
यह है की भारतीय जनता पार्टी
ने एनडीए के अपने सहयोगी दल
शिवसेना को -
जो
महाराष्ट्र मे फड़नवीस सरकार
के भागीदार है ,और
संघ की ही भांति कट्टर हिंदुवादी
विचारधारा के है --सच
कहे तो अनेक बार शिव सेना का
रुख संघ से भी ज्यादा "”कडा
"”
होता
है |
समान
विचारधारा -
सहयोगी
तथा सरकार मे पार्टनर होने
के बाद भी योगी सरकार ने शिव
सेना उढ़ाव ठाकरे के साथ सौतेला
व्यवहार किया है |
शिवसेना
ने नारा दिया है की "”
पहले
मंदिर फिर सरकार "”
षड
यह त्रिवता और जल्दबाज़ी
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और
केंद्र की भारतीय जनता पार्टी
के मंसूबो मे सूराख करने मैं
सक्षम है |
शिवसेना
ने अयोध्या मे रैली और सभा
करने की अनुमति प्रशासन से
मांगी थी |
उन्होने
महीनो पहले इस आयोजन की तैयारी
कर के महराष्ट्र से तो ट्रेन
भर कर राम मंदिर निर्माण के
समर्थन मे अयोध्या में कार्यक्रम
की घोसना कर दी थी |
तब
प्रदेश और केंद्र सरकारो को
लगा था की यह आयोजन '’’उनके
राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति
मैं सहायक ही है "”
|
परंतु
खुफिया सूचना तंत्र की सूचनाओ
पर अचानक राज्य सरकार ने ज़िला
प्रशासन को शिवसेना के कार्यक्रमों
की दी गयी सार्वजनिक स्थानो
मे सभा और रैली की अनुमति को
निरस्त कर सूचित किया |
इस
पूरे आयोजन को शिवसेना की ओर
से संसद संजय राऊत सम्हाल रहे
थे |
अब
25 नवंबर
को शिवसेना लक्षमन क़िला परिसर
मे ही अपने हजारो शिव सैनिको
को ठहराएगी |
जबकि
विश्व हिन्दू परिषद के अध्यछ
चंपत राय {
विश्वस्तरीय|
} को
बड़ा भक्तमाल मठ मे धरम सभा
करने की इजाजत दी है |!!!
इस
धरम सभा मे साधू संगठनो के
अलावा दक्षिण के अनेक संविचारधारा
के संगठनो के लोगो के शामिल
होने की संभावना है |
इतना
ही नहीं सरयू मे सांध्य आरती
भी दोनों संगठनो की अलग -
अलग
स्थानो पर होने की संभावना
है |
सूत्रो
के अनुसार संजय राऊत के अनेक
प्रयासो के बाद भी ज़िला प्रशासन
उन्हे सार्वजनिक स्थान पर
आयोजन देने की अनुमति देने
से इंकार करता रहा |
शिवसेना
ने अयोध्या से दूर ज़िला मुख्यालय
जिसे अभी तक "”फ़ैज़ाबाद
'’ के
नाम से जाना जाता था --वनहा
की "”गुलाब
बाडी'’’’
मैं
सभा करने की अनुमति चाही
----उसे
भी प्रशासन ने नामंज़ूर कर दिया
!! जबकि
गुलाब बाड़ी मंदिर इलाके से
12 से
14
किलोमीटर
दूर है |
अभी
तक मिली जानकारी के अनुसार
शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे
लक्ष्मण क़िला मे अपने समर्थको
के साथ "”सतो
का सम्मान "”
करेंगे
--बाद
मैं वे सायंकाल सरयू आरती
करेंगे |
इस
मध्य इस छोटी सी धर्म नागरी
जिसमे मुस्लिम आबादी लगभग
5000 से
6000 है
, वह
बहुत आशंकित है |
बाबरी
मस्जिद के याचिका कर्ता हाशिम
अंसारी ने 15
नवंबर
को एक बयान मैं कहा था की अगर
अलपसंख्यकों की सुरक्षा का
बंदोबस्त सरकार ने नहीं किया
तो वे अयोध्या से "”पलायन
कर जाएँगे !!!
सूत्रो
की अगर माने तो अधिकतर मुस्लिम
परिवारों ने अपनी पत्नी -
बहू
बेटियो को फ़ैज़ाबाद बाराबंकी
मे रिश्तेदारों के यंहा
"”सुरक्षा
और इज्ज़त "”
के
कारण भेज दिया है |
इस
पूरे प्रकरण ने यह स्पष्ट कर
दिया है की राष्ट्रीय स्वयंसेवक
संघ और उसकी राजनीतिक बांह
भारतीय जनता पार्टी अपने को
आगे रखने के लिए सहयोगीयो की
"”बलि"”
चड़आने
मे गुरेज नहीं करते |
शिव
सेना और आरएसएस -बीजेपी
दोनों ही पंचम सुर मे "””मंदिर
निर्माण "”की
हांक लगाते है -----पर
अपनी कमीज़ को ज्यादा सफ़ेद
साबित करने के लिए ----
मोदी
और योगी आदित्यनाथ जी सहयोगी
को लंगड़ी लगाने मैं देर नहीं
लगाई |
इसे
ही कहते है "”””
हम
करे तो रास लीला तुम करो तो
करेक्टर ढीला !!
पर
क्या करे यह राजनीति है -यंहा
सब चलता है |||||||||